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वायु प्रदुषण से बचाव (Air Pollution Prevention): कैसे वास्तविक तथा व्यक्तिगत स्तर पर वायु प्रदुषण से बचा जा सकता है?

आज हर एक व्यक्ति इस बात को जानता हे की वायु प्रदुषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है। इसके कुछ बड़े स्तर के बचाव को तो हम अच्छे से जानते हे जैसे उद्योगों पर पर्यावरण के नुकसान के खिलाफ कानून बनाना, पौधे लगाना, किसी भी चीज़ को न जलाना इत्यादि लेकिन आज हम बात करेंगे वायु प्रदुषण (Air Pollution) के वास्तविक तथा व्यक्तिगत स्तर पर बचाव (Prevention) की।

Source: Wikkimedia commons

लोगो में आमतौर पर एक ग़लतफ़हमी रहती है कि वे केवल घर के बाहर के प्रदुषण के बारे में ही सोचते है। उन्हें ये नहीं पता की प्रदुषण घर के अंदर भी मौजूद होता है। यहाँ तक की यूनाइटेड स्टेट्स एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्ट एजेंसी (USEPA) के अनुसार, घर के अंदर के प्रदुषण का स्तर, घर के बाहर के प्रदुषण के स्तर की तुलना में 2 से 5 गुना अधिक हो सकता है।

वायु प्रदुषण के बचाव (Air Pollution Prevention) को जानने से पहले हमे समझना पढ़ेगा की आखिर वायु प्रदुषण है क्या और इसके क्या क्या प्रभाव हो सकते है?

साधारण शब्दों में वायु प्रदुषण का अर्थ, प्रदूषक के हवा में मिल जाने से है जिसकी वजह से हवा हानिकारक हो जाती है। और जहाँ तक प्रदूषक का सम्बन्ध है प्रदूषक हर उस चीज़ को कहते हे जो हवा को गन्दा, दूषित और हानिकारक बनाती है। वायु प्रदूषण कृषि गतिविधियों, जीवाश्म ईंधन के जलने, उद्योगों से उत्सर्जन, अपशिष्ट उत्पादन आदि के कारण होता है।

वैसे तो पर्यावरण पर इसके कई नकारात्मक प्रभाव हैं, लेकिन जहां तक ​​मानव शरीर का संबंध है वायु प्रदूषण उनके लिए भी बहुत गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इससे साँस लेने में समस्याएं, एलर्जी, सिरदर्द, आंखों में जलन, मानसिक कार्य कम होना, हृदय रोग और यहां तक ​​कि फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है। 2010 में द ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी (GBD) के अनुसार, वायु प्रदूषण भारत में हुई मृत्यु का पांचवा सबसे बड़ा कारण था।

वायु प्रदुषण से बचाव (Air Pollution Prevention):

जैसा कि आप जानते है हम आज वायु प्रदुषण के वास्तविक तथा व्यक्तिगत स्तर पर बचाव की बात करेंगे। पहले हम जानने की कोशीश करेंगे की वायु प्रदुषण के क्या क्या मुख्य प्रदूषक है मतलब क्या क्या हानिकारक चीज़े वायु के अंदर मिलकर वायु को प्रदूषित करती है। जो भी प्रदूषक वायु को प्रदूषित करते हे हम उन सभी को एक एक करके समझने की और उनसे कैसे बचा जा सकता है ये समझने की कोशीश करेंग।

1. PM 2.5 व PM 10 से कैसे बच सकते हैं

मूल रूप से PM 2.5 व PM 10 धूल धक्कड़ व धुएं आदि के महीन कण हैं। ये आकार में इतने छोटे होते है की इन्हे आँखों से देखना नामुमकिन है। ये मुख्यतः निर्माण स्थल, कच्ची सड़कें, खेत, धुआँ या आग इत्यादि से निकलते हैं। इनके आकार को समझने के लिए निचे दी गयी फोटो को देखे।

Source: epa.gov

ये महीन कण घर के अंदर भी हो सकते है और बाहर भी :

घर पर कैसे बचे:

घर पर इन महीन कणो से बचाव के लिए आप ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल कर सकते है ये सामान्य प्रदूषण से बचने के लिए काफी उपयोगी है। जहाँ तक ह्यूमिडिफायर के कार्य करने का सम्बन्ध है ये जलवाष्प यानि भाँप बनाता है जो भाँप वायु में मिश्रित हुए इन महीन धूल के कणो को चिपका कर जमीन की सतह पर ले आती है। ह्यूमिडिफायर के विकल्प के रूप में हम किसी बर्तन में पानी भरकर उसे कमरे में रखकर उबाल भी सकते है। ये भी ह्यूमिडिफायर के समान कार्य करेगा परंतु ये निश्चित करलें की पानी को तब तक उबाला जाए जब तक कमरा पूर्ण रूप से जलवाष्प से भर न जाए।

ये दोनों ही कारगार तरीके है घर मे PM 2.5 व PM 10 से बचाव के लेकिन यदि आप किसी अधिक प्रदूषण वाले इलाके में रहते है तो आपको ज़रूरत है एक अच्छे एयर पूरिफिएर (Air Purifier) की, एयर पूरिफिएर (Air Purifier) लेते समय ये निश्चित करलें की उसमे हेपा (HEPA) फ़िल्टर ज़रूर हो अन्यथा Air Purifier खरीदना व्यर्थ है। यदि आप एयर पूरिफिएर खरीदना चाहते है तो ये 5 सबसे बेहतर एयर पूरिफिएर को चेक करें।

बाहर कैसे बचे:

बाहर इन महीन कणो से बचने के लिए केवल मास्क ही एक इकलौता साधन है। जब भी घर से बाहर निकले फेसमास्क का उपयोग ज़रूर करें। फेसमास्क खरीदते वक़्त ये ध्यान रखना है की वे 3M N95 मास्क हो क्योंकि केवल इसी मास्क से ये महीन कण होकर नहीं गुज़र सकते। इसे समझने के लिए निचे दी गयी फोटो को देखिये|

2. कार्बन डाइ ऑक्साइड व अन्य गैसे

कार्बन डाइ ऑक्साइड सबसे प्रमुख प्रदूषकों में से एक है। इसका मुख्यतः कोयला, तेल व प्राकृतिक गैसों आदि के द्वारा ऊर्जा बनाने से निकलती है।

घर पर कैसे बचे:

घर पर बचाव बहुत ही सरल है, केवल कुछ पौधे मात्रा घर में लगाने से ही इस प्रदूषक से आसानी से बचा जा सकता है।

एरेका पाम (Areca पाम) पौधा

एरेका पाम को उस ज़गह लगाना ज़्यादा उचित होगा जहाँ पर हम दिन में रहते हैं मतलब लिविंग रूम या ऑफिस इत्यादि क्योंकि एरेका पाम दिन में ऑक्सीजन बनाता है। एक व्यक्ति के लिए कम से 4 पौधे पर्याप्त होते है।

Source: The Spruce / Alonda Baird

स्नके पौधा (Snake Plant)

स्नके पौधे को उस ज़गह लगाना ज़्यादा उचित होगा जहाँ पर हम रात में सोते हैं अर्थात बैड रूम आदि क्योंकि स्नके पौधा रात के समय ऑक्सीजन बनाता है। एक व्यक्ति के लिए कम से 7 पौधे पर्याप्त होते है।

Source: Pixabay; wikkipedia commons

मनी प्लांट (Money Plant)

मनी प्लांट को हम घर के किसी भी हिस्से में लगा सकते है। मनी प्लांट मूल रूप से वोलेटाइल (Volatile) व फार्मलाडेहाइड (formaldehyde) केमिकल्स आदि को वायु में से हटाता है। साधारण शब्दों में मनी प्लांट कई हानिकारक गैसों को वातावरण से ख़त्म करता है।

Source: Pixabay; wikkimedia commons

जहाँ तक इन पौधों के रखरखाव और मूल्य का सम्बन्ध है ये मूल्य में काफी काम है कोई भी व्यक्ति इन्हे आसानी से खरीद सकता है। अपने आस पास किसी भी सरकारी नर्सरी से जाकर इन पौधों को हम आसानी से खरीद सकते। इनका मूल्य लगभग 50 रूपये प्रति पौधा या उससे भी कम है। इन पौधों को निजी (प्राइवेट) नर्सरी व ऑनलाइन खरीदने से बचिए क्योंकि वे काफी अधिक दामों पर इन पौधो को उपलब्ध कराते हैं।

सबसे अच्छी बात है कि इन पौधों को ज़्यादा देख-भाल की भी ज़रूरत नहीं होती, इन पौधों को 1 सप्ताह में केवल 3 से 4 बार पानी देना ही पर्याप्त है। ऊपर बताये गए अनुसार हमे कई पौधों की ज़रूरत पड़ेगी तो इसका मतलब ये नहीं है की हमे उतने गमले भी लेने पढ़ेंगे हम एक गमले में 3 से 4 पौधों को आसानी से लगा सकते हैं, जिससे कम जगह में अधिक पौधे लग जायेंगे।

बाहर कैसे बचे:

हमारे पास कार्बन डाइ ऑक्साइड से घर पर बचने का तो एक झटपट रास्ता है जिसकी हमने ऊपर चर्चा की मगर बाहरी वातावरण से कार्बन डाइ ऑक्साइड का कम करना एक सरल कार्य नहीं है। कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा वातावरण में दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है जिसे काबू करना काफी मुश्किल है। प्रत्येक व्यक्ति कहीं न कही कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा को बढ़ने में जिम्मेवार है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति खाना बनता है, पेट्रोल डीजल से चलने वाली कार या बाइक का इस्तेमाल करता है, AC का उपयोग करता है और भी बहुत से ऐसे काम करता हे जो वायु को प्रदूषित करते है।

ये भी पढ़े: दिल्ली में वायु प्रदूषण से हाल बेहाल, फेफड़ों को दुरुस्त रखने के लिए इन चीजों को करें सेवन

इसके विरुद्ध में आपसे ये नहीं कह रहा की हम इन सभी चीज़ो का इस्तेमाल बंद करदे और जंगलो में जाकर रहने लगे लेकिन हम कम से कम अपनी ज़िम्मेदारी को समझ कर हम जितना प्रदुषण करते है उसका अनुमान लगाकर उसके अनुसार कुछ पैड़ लगाने का तो प्रण ले ही सकते है और उनका रख रखाव कर सकते है। आज हम वायु प्रदुषण के बचाव (Air Pollution Prevention) को अच्छे से जान चुके है।

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