Coronavirus Update: दुनिया भर में अभी तक़रीबन 35 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हैं। भारत में यह आंकड़ा 40 हज़ार के पार पहुंच चुका है। इस वायरस का वैक्सीन बनाने में जहाँ अभी वैज्ञानिकों को कोई सफलता नहीं मिल पाई है वहीं आए दिन इस वायरस के बारे में कोई ना कोई अनोखी बात सामने आ रही है। इस बात से तो सभी अवगत हैं कि, ये वायरस आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन अब वैज्ञानिकों के नए दावे यह कह रहे हैं कि, फेफड़े ही नहीं बल्कि शरीर के कुछ अन्य मुख्य अंगों को भी ये वायरस अपनी चपेट में ले सकता है। आइये आपको बताते हैं क्या कहते हैं वैज्ञानिकों के नए दावे।
आपको बता दें कि, अभी तक केवल यही जानकारी थी की कोरोना वायरस आपके फेफड़ों को नुकसान पहुँचाती है जिससे विषम स्थितियों में मरीज की मौत भी हो सकती है। लेकिन वैज्ञानिकों के नए शोध के अनुसार कोरोना वायरस शरीर के पांच अंगों को मुख्य रूप से प्रभावित कर सकती है। नीदरलैंड के कुछ वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि, कोरोना वायरस के कण विशेष रूप से इंसानों के आँतों को भी नुकसान पंहुचा सकते हैं। वैज्ञानिकों की माने तो आँतों में कुछ ऐसे सेल्स होते हैं जिनके संपर्क में आने से कोरोना वायरस काफी तेज गति से शरीर में अपनी संख्या को दोगुनी कर सकते हैं। इस संबंध में वैज्ञानिक अटकलें लगा रहे हैं कि, यदि ये वायरस आँतों तक पहुंच सकता है तो निश्चित रूप से व्यक्ति के मल में भी मौजूद हो सकता है। एक अमेरिकी मैगजीन ने यह दावा किया है कि, जांच के बाद कुछ मरीजों के मल में इस वायरस को पाया गया है।
वैज्ञानिकों द्वारा किए गए लेटेस्ट रिसर्च में यह पाया गया है कि, कोरोना वायरस आपके हार्ट को भी नुकसान पंहुचा सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ऐसे बहुत से मरीजों के रिपोर्ट आ चुके हैं जिसमें यह पाया गया है कि, इस वायरस की चपेट में आने के बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ नहीं हुई थी बल्कि हार्ट से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो गई थी। कोरोना वायरस से संबंधित ये नई जानकारी वास्तव में काफी चिंताजनक है, वैज्ञानिकों की माने तो आँख, नाक और मुँह से शरीर में करने वाला यह वायरस आपके हार्ट, आंत, किडनी, टेस्टिकल्स के साथ ही फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके साथ ही आपको बता दें कि, कोविड-19 के अन्य लक्षणों के बारे में भी वैज्ञानिक दावे कर रहे हैं। वैज्ञानिकों द्वारा जारी कोरोना वायरस के नए लक्षणों में पेट दर्द और डायरिया को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा छह अन्य लक्षणों के बारे में भी वैज्ञानिकों ने विशेष रूप से जिक्र किया है। ये स्थिति वाकई में चिंताजनक है, जब तक इस वायरस का वैक्सीन बनकर तैयार नहीं होता तब तक इससे बचने के लिए आवश्यक नियमों का पालन करने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
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