Gale Me Infection Ke lakshan: गले में इन्फेक्शन होना एक बेहद आम बीमारी है, जो अक्सर मौसम के बदलने पर सर्दी-जुकाम के साथ हो जाया करती है। बदलते मौसम में ठीक तरह से सेहत का ख्याल ना रखने के कारण व्यक्ति आसानी से इन रोगों की चपेट में आ जाता है। वैसे गले में संक्रमण होने के कारण(Gale Me Infection Ke karan) सिर्फ बदलता मौसम नहीं बल्कि कुछ और भी हो सकते हैं, जिनके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे। जब भी गले में संक्रमण या इन्फेक्शन(Gale Me Allergy) होता है, तो इसके कई तरह के लक्षण दिखते हैं जिनसे अंदाजा लगा लिया जाता है। गले में इन्फेक्शन के लिए यूं तो बाजार में बहुत सी दवाइयाँ उपलब्ध होती हैं, लेकिन गले में संक्रमण के घरेलू उपचार अपनाकर भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है। तो आइए आज जानते हैं गले में संक्रमण के लक्षण,(Gale Me Infection Ke lakshan) गले में इन्फेक्शन के कारण(Gale Me Infection Ke karan) और गले के संक्रमण के घरेलू उपायों(Gale Me Infection Gharelu Upchar) के बारे में।
1.खाना निगलने यहां तक की पानी पीने में भी दर्द व कठिनाई होती है।
2. टॉन्सिल्स में सूजन आ जाती है व दर्द भी होता है।
3. गले से आवाज निकालने में दर्द होता है।
4. बुखार व खाँसी भी हो सकती है।
5. गले का थोड़ी-थोड़ी दर में सूख जाना।
6. जबड़े व गर्दन में भी दर्द हो सकता है।
7. सिरदर्द भी गले के संक्रमण की वजह हो सकता है।
1. किसी पदार्थ से एलर्जी या शुष्कता होने पर, या फिर तंबाकू, धुआँ आदि का सेवन या सम्पर्क में आने से भी गले का संक्रमण(Gale Me Infection) हो सकता है।
2. वायरल संक्रमण से होने वाले आम सर्दी-जुकाम में भी गले का संक्रमण हो सकता है।
3. फ्लू फैलाने वाले वायरस के कारण भी गले का इन्फेक्शन(Gale Me Infection) हो सकता है।
4. रायनोवायरस भी इसका एक सामान्य कारण है।
5. बैक्टेरियल संक्रमण में यह स्ट्रेपकोकस बैक्टीरिया के कारण होता है।
6. काली खाँसी के कारण भी गंभीर थ्रोट इन्फेक्शन(Throat Infection) हो सकता है।
7. डिपथेरिया भी एक गंभीर बीमारी है, जो गले को संक्रमित करती है।
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1. मुलेठी
मुलेठी, गले के संक्रमण(Gale Me Infection) में अमृत के समान है। मुलेठी की छोटी-सी गाँठ को कुछ देर मुंह में रखकर चबाने से गले की खराश, दर्द व सूजन में आराम मिलता है।
2. मुनक्का
सुबह-सुबह 4 से 5 मुनक्का चबाकर खाने से गले की खराश में जल्दी आराम मिलता है, लेकिन मुनक्का खाकर पानी कतई ना पिएं।
3. अदरक व लौंग
अदरक और लौंग में पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल गुण, गले के संक्रमण में बहुत फायदेमंद होते हैं। इसके लिए एक लौंग को मुँह में रखकर चूसें या फिर एक कप पानी में अदरक उबालकर उसमें शहद मिला लें और गुनगुना होने पर दिन में कम से कम दो बार पिएं।
4. सेब का सिरका
रोजाना गरम पानी में 2 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पिएं या फिर एक कप गर्म पानी में एक चम्मच नमक और एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर गरारा करें। सेब के सिरके में मौजूद अम्लीय गुण गले में पनप रहे बैक्टिरीया को जड़ से खत्म कर देते हैं।
5. अंजीर
दिन में दो बार, 1 गिलास पानी में 4-5 अंजीर डालकर, पानी के आधा रह जाने तक उबालें और फिर छानकर गर्म-गर्म पिएं। अंजीर गले की खराश का सबसे अच्छा घरेलू उपचार है।
6. तुलसी
दिन में दो बार, दो गिलास पानी में 5-7 तुलसी की पत्तियां और 4-5 काली मिर्च मिलाकर पकाएं और काढ़ा बनाकर पिएं। तुलसी गले के दर्द का रामबाण इलाज है।
7. लहसुन
लहसुन की कली को कुछ देर अपने दाँतों के बीच दबा कर रखें और इसका रस चूसते रहें, इससे गले के इन्फेक्शन में आराम मिलेगा। लहसुन में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल तत्व गले के संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं।
8. हल्दी
हल्दी विश्व भर में अपने एंटी-बायोटिक गुणों के कारण जानी जाती है। शायद इसलिए इसे आयुर्वेद की दुनिया में वरदान कहा गया है। गले के संक्रमण में भी गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से काफी आराम मिलता है।
उम्मीद है कि गले के संक्रमण के लक्षण(Gale Me Infection Ke lakshan), गले के इन्फेक्शन के कारण(Gale Me Infection Ke karan) और गले में संक्रमण के घरेलू उपाय(Gale Me Infection Gharelu Upchar) के बारे में दी गई जानकारी आपके काम आएगी। यदि आपके पास भी इसके अतिरिक्त कोई लक्षण, कारण या उपाय है तो हमें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं।
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