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किडनी का कैंसर क्या है? इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

गुर्दे का आकार मुट्ठी के बराबर होता है। यह हमारी रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ पेट के अंगो के पीछे होता है। बड़े बुजुर्गो में रीनल सेल कार्सिनोमा नामक गुर्दे का कैंसर होता है। छोटे बच्चों में विलम्स ट्यूमर नामक किडनी कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है।

हमारे शरीर में दो गुर्दे होते है। गुर्दे रक्त को साफ करने का काम करते है। आज के समय में किडनी कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे है। इसका एक कारण ये भी हो सकता है बार बार सिटी स्कैन करवाना। आज हम आपको इस लेख में किडनी कैंसर के लक्षण, प्रकार, होने के कारण और इससे बचने के उपाय बताएगे।

किडनी कैंसर के लक्षण – kidney cancer symptoms

कई लोगो को शुरुवात में कैंसर का पता नहीं लगता। लेकिन जैसे जैसे ट्यूमर बड़ी होती जाती, निचे दिए लक्षण दिखने लगते है।

  • मूत्र में खून आना
  • पेट में गाठ बनना
  • भूख न लगना
  • शरीर में दर्द होना
  • वजन कम होना
  • पैरों में सूजन आना
  • सांस फूलना
  • खासी में खून आना
  • हड्डी में दर्द होना

जरूरी नहीं है कि ये लक्षण सिर्फ किडनी कैंसर होने पर दिखते है। ये आपको किसी और वजह से भी हो सकते है। इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

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किडनी कैंसर के कारण – kidney cancer causes

कैंसर आमतौर पर तब शुरू होता है। जब डीएनए संरचना में परिवर्तन होता है। परिवर्तन के कारण कोशिकाएं अनियंत्रित हो जाती है। जिसकी वजह से ट्यूमर बनती है।

  • लम्बे समय से धूम्रपान करना
  • हाई बीपी होना
  • अधिक उम्र वाले लोगो में किडनी कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है
  • लम्बे समय से डायलिसिस होना
  • गुर्दे का  कैंसर महिलाओं की तुलना में पुरुषो में अधिक होता है
  • मोटापा

इस सभी कारणो से किडनी कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

किडनी कैंसर के प्रकार – Types of kidney cancer

किडनी कैंसर के चार प्रकार होते है।

रीनल सेल का र्सिनोमा – यह लगभग 90% किडनी कैंसर के मामलों का कारण बनता है। यह किडनी के भीतर छोटी नलिकाओं की लाइनिंग से उत्पन्न होता है।

ट्रान्सिशनल सेल कार्सिनोमा – यह 5 से 10 प्रतिशत किडनी कैंसर के मामलों का कारण बनता है। इसको यूरोथेलियल कार्सिनोमा के नाम से भी जाना जाता है।

विल्म्स ट्यूमर –  इस ट्यूमर को नेफ्रोब्लास्टोमास के नाम भी जाना जाता है। यह आमतौर पर बच्चों में पाया जाता है।

रीनल सारकोमा – यह किडनी कैंसर के मामलों का सिर्फ एक प्रतिशत का ही कारण होता है। इसका इलाज अन्य सारकोमा के समान किया जाता है।

किडनी कैंसर से बचने के उपाय

किडनी कैंसर से छुटकारा पाने के लिए अभी तक कोई इलाज नहीं है। लेकिन हम कुछ तरीको से इसका जोखिम को कम कर सकते है।

  • हमे धूम्रपान नहीं करना चाहिए धूम्रपान करना किडनी कैंसर का कारण बन जाता है।
  • हमे अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए। हमे अपने शरीर को मोटापे का शिकार होने से बचाना चाहिए। क्युकी हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा भी किडनी कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है।
  • अपने काम करने के स्थान पर हानिकारक चीजों के सम्पर्क में आने से बचे।

किडनी कैंसर का इलाज – kidney cancer treatment

किडनी कैंसर का उपचार ट्यूमर को शरीर से हटाने के लिए किया जाता है। इसे आमतौर पर सर्जरी के माध्यम से हटाया जाता है।

रेडिकल नेफ्रेक्टोमी – इसमें आपके शरीर से किडनी को निकाल दिया जाता है। किडनी के साथ साथ कुछ आस पास के लिम्फ नॉड्स भी हटाए जाते है। रेडिकल नेफ्रेक्टोमी में अधिरवक्क ग्रंथि को भी हटा सकते है।

कंज़र्वेटिव नेफ्रेक्टोमी – कंज़र्वेटिव नेफ्रेक्टोमी में किडनी को नहीं निकाला जाता। इसमें केवल लिम्फ नॉड्स, ट्यूमर और आस पास के उत्तको को निकाला जाता है। इसको नेफ्रोन स्पेरिंग नाम से भी जाना जाता है।

इनके अलावा कुछ दवाएं भी किडनी कैंसर की कोशिकाओं में मौजूद असामान्य संकेतो को रोकने में मदद करती है।

ये भी पढ़े: अग्नाशय का कैंसर क्या है? इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

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