अग्नाशय का कैंसर क्या है? (Pancreatic Cancer in Hindi)
अग्नाशय हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण भाग है। लेकिन दुनिया भर में अग्नाशय कैंसर की खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह कैंसर बहुत ही गंभीर बीमारी है यह कैंसर बहुत तेजी से फैलता है। अग्नाशय में ऐसे एंजाइम्स होते है जो पाचन क्रिया को ठीक रखते है।
अग्नाशय कैंसर से लगभग 90 प्रतिशत लोगो की मृत्यु हो जाती है। इस कैंसर का 63 पुरुषों में से एक और 65 महिलाओं में से एक में होने की संभावना होती है। महिलाओं के मुकाबले अग्नाशय कैंसर पुरुषो में ज्यादा पायी जाती है। पुरुषो में धूम्रपान की वजह से ज्यादा होता है। इस कैंसर का शुरुवात में भी पता लगने पर भी इसको रोकना मुश्किल है। जब तक अग्नाशय कैंसर के लक्षण पूरी तरह से दिखाई नहीं देते। तब तक सर्जरी करना असंभव है। ज्यादातर अग्नाशय कैंसर 45 से अधिक उम्र के लोगो में पाया जाता है। अग्नाशय कैंसर के मामले पश्चिम और उत्तर भारत के पुरुषो में अधिक पाए गए है। लेकिन अभी ये आंकड़ा तेजी बढ़ रहा है।
इसे मूक कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। इसको मूक नाम से इसलिए बुलाया जाता है। क्युकी इसके लक्षण छुपे होते है। इसके बारे में आसानी से पता नहीं लग पता। आज हम आपको इस लेख में अग्नाशय कैंसर के लक्षण, होने के कारण, बचने के उपाय और कितने प्रकार के होते है ये सब बताऍगे।
अग्नाशय कैंसर के लक्षण
शुरुवात में इसके कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन हम आपको कुछ लक्षण बता रहे है।
- दर्द
- वज़न घटना
- जी मिचलाना और उल्टी
- दस्त
- अत्यधिक भूख या प्यास लगना
- पीलिया
- मूत्र का गहरा रंग
- हलके रंग के मल आना या मल में चिकनाई
- पित्ताशय का बढ़ना
- सूजन, लाली, और टांगों में दर्द
- खुजली
- लाल चकत्ते
- कमजोरी
- भ्रम
- पसीना आना
- दिल के धड़कने का दर बढ़ना
इन सभी लक्षणों का ये मतलब बिलकुल भी नहीं है कि आपको अग्नाशय कैंसर है। ये लक्षण किसी और वजह से भी हो सकते है।आपको पहले अपने चिकित्स्क से सलाह लेनी चाहिए।
अग्नाशय कैंसर के होने के कारण
ये आमतौर पर जब होता है जब कोई कोशिका अपने डीएनए को नुकसान पहुँचाती है। जिससे कैंसर कोशिका बढ़ने लगती है और तेजी से विभाजित होती है। हम इसको ट्यूमर के बोलते है। इसकी कोशिकाएं रक्त के साथ पुरे शरीर में फैलने लगती है। अभी तक इस बात कोई भी पता नहीं लगा पाया है कि डीएनए में नुकसान कैसे होता है।
अग्नाशय कैंसर से बचने के उपाय
अभी तक अग्नाशय कैंसर को रोकने का सिध्द उपाय नहीं है। लेकिन हम आपको इसके जोखिम कम करने के उपाय बता रहे है।
धूम्रपान न करे – बहुत से लोगो को धूम्रपान करने की आदत होती है। अगर आप भी करते है तो बंद कर दे। धूम्रपान को छोड़ने के लिए नशा मुक्ति केंदर या फिर अपने चिकित्सक से सलाह ले।
स्वस्थ वजन – हमे अपने शरीर के वजन को स्वस्थ बनाये रखने का प्रयास करना चाहिए। यदि आप अपना वजह घटाना चाहते है तो इसे धीरे धीरे कम करे। रोजाना व्यायाम करे जो आपके शरीर का वजन कम करने में सहायता करेगा।
स्वस्थ आहार – अपने दैनिक आहार में फल,हरी सब्जिया, साबुत अनाज आदि शामिल करने चाहिए। ताकि कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।
अग्नाशय कैंसर के प्रकार
यह कैंसर दो प्रकार का होता है।
एक्सोक्राइन ट्यूमर – यह कैंसर अग्नाशय की नलिकाओं में होता है। एक्सोक्राइन ग्रंथि को प्रभावित करने वाले अधिकांश ट्यूमर को एडेनोकार्सिनोमा कहा जाता है।
एंडोक्राइन ट्यूमर – इन ट्यूमर को आइलेट सेल ट्यूमर (Islet cell tumors) या न्यूरेनडोक्राइन ट्यूमर के नाम से भी जाना जाता है।
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