psychotherapy
Panic Attack ke Gharelu Upay: आज के दौर में हर इंसान परेशान है, कोई प्यार में धोखे से परेशान है तो कोई प्यार ना पाकर परेशान है। कोई नौकरी में ज्यादा काम से परेशान है तो किसी को नौकरी नहीं मिल रही इसलिए परेशान है। बस कुछ लोग अपनी इस परेशानी को सह लेते हैं तो कुछ लोग इससे बहुत ज्यादा परेशान होकर बीमारी से घिर जाते हैं। मगर इन्हीं में कुछ ऐसे भी होते हैं जो ना सह पाते हैं और ना कह पाते हैं ऐसे में उन्हें Panic Attack आने की संभावना हो जाती है। अब आप सोचेंगे ये क्या होता है तो चलिए बताते हैं इसके बारे में विस्तार से..
जब व्यक्ति के शरीर में कंपकंपी, सांस फूलना, एक अनजाना डर, बेचैनी, तेज-तेज और छोटी सांसे आने लगे जो लगभग हार्ट अटैक जैसा महसूस होता है तो इसे ही पैनिक अटैक कहते हैं। इस तरह के संकेत डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, दिल के मरीज और अस्थमा के मरीजों में ज्यादा पाए जाते हैं। ऐसी स्थिति में इन बीमारियों के मरीजों को हमेशा तैयार रहना चाहिए। वैसे तो पैनिक अटैक आने की कोई खास वजह नहीं होती लेकिन कई बार इसका कारण एंग्जाइटी के साथ जुड़ाव हो सकता है। कई मामलों में पैनिक डिसऑर्डर का कारण चिंता, निराशा, उदासीनता होती है और बता दें कि पैनिक अटैक एक तरह का एंगजाइटी डिस्ऑर्डर है। कई बार किसी तरह का डर या फोबिया भी इस अटैक का कारण बन जाता है। कई बार शुगर लेवल कम होने या दवा रिएक्शन होने पर भी ये हो जाता है। पैनिक अटैक की जांच जरूरी होती है क्योंकि इससे हार्ट डिसीज के लक्षण एक जैसे होने लगते हैं और दोनों की जांच ईसीजी से होती है इसलिए किसी भी स्थिति में इसकी जांच जरूर कराएं।
वैज्ञानिकों की माने तो पैनिक अटैक आने पर शरीर फाइट ओर फ्लाइट मोड पर चला जाता है। अब ये अटैक तब आता है जब बेचैनी और कुछ बुरा होने की शंका महसूस होने लगती है। पैनिक अटैक का असर कभी हल्का तो कभी पैनिक डिसऑर्डर या फोबिया के रूप में सामने आता है। ये अटैक 15 सेकेंड से लेकर 1 घंटे तक रहता है। इससे बचने के कुछ घरेलू उपाय आप कर सकते हैं।
बादाम में पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो नर्वस सिस्टम में सुधार करने में मदद करते हैं। बादाम पैनिक अटैक रोकने में भी मदद होती है और 15 बादाम को रातभर पानी में भिगोकर छोड़ दें फिर सुबह बादाम को छीलकर इसका पेस्ट बनाएं और मीठे गर्म दूध में मिलाकर पी जाएं। इससे पैनिक अटैक आने की संभावना कम हो जाती है और ये रोज सुबह औषधि की तरह पिएं।
ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफिनॉल पाए जाते हैं जो तनाव कम करने में मदद करते है। ये मस्तिष्क की कोशिकाओं और ऊतकों के स्वास्थ्य रखने में मदद करते हैं। पैनिक अटैक से जुड़ा तनाव भी ग्रीन टी पीने से कम करता है। इसलिए अपने रूटीन डाइट में ग्रीन टी को शामिल करें और इसे दिन में कम से कम 2 कप जरूर पिएं।
विटामिन्स से भरपूर संतरा पैनिक अटैक को कम करने में काफी मदद करता है। पैनिक अटैक के दौरान न्यूरॉन्स को शांत करने के लिए संतरे का सेवन करने के लिए डॉक्टर्स भी कहते हैं। जिससे आपको काफी फर्क नजर आएगा।
सालमन मछली में सबसे ज्यादा ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है मस्तिष्क के अलग-अलग हिस्सों में रक्त प्रवाह करने में मदद करता हैं। इसके साथ ही मस्तिष्क के कामकाज की प्रक्रिया तेज होती हैं और दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन, ग्लूकोज और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व मिलते हैं।
पैनिक डिसॉर्डर का मुख्य कारण तनाव होता है जिसे कंट्रोल करना काफी जरूरी होता है। अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो तनाव को खुद पर बिल्कुल हावी नहीं होने दें। इससे बचने के लिए तुरंत खुली जगह पर आंखें बंद करके रिलैक्श महसूस करें।
तनाव से बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका गहरी सांस होती है। इसका एहसास खुली हवा में शांति के साथ बैठकर गहरी और लंबी-लंबी सांस लेना होता है। इससे शरीर और दिल की धड़कने सामान्य होती हैं और खतरा टल जाता है। इसके अलावा पैनिक अटैक जैसा महससू होने पर एक गिलास ठंडा पानी पिएं।
अगर पैनिक अटैक आना महसूस हो तो खुद को शांत करके एक जगह लेट जाएं और कुछ भी नहीं सोचें। कुछ मिनट के लिए हल्के से आंखों को बंद करें और अपने दिमाग से सारे ख्याल निकालकर उसे शांत रखें।
पैनिक अटैक की असल वजह दिमाग में बार-बार घूमने वाले नाकारात्मक विचार होते हैं। इनसे बचने के लिए आपको गहरी सांस लेने के साथ ही अपने विचारमंथन को धीमा करना होगा। मन और दिमाग को शांत रखना होगा जिससे नकारात्मक विचार बाहर निकल जाए।
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