Shatavari Ke Fayde: हिंदुस्तान में आयुर्वेदिक से रोग का उपचार प्राचीन समय से ही किया जा रहा है। आज भी आयुर्वेद में कई ऐसे-ऐसे प्रयोग और विधि हैं जो बड़े से बड़े चिकित्सक नहीं कर सकते। आयुर्वेद में बहुत ताकत होती है और इसके प्रयोग से किसी भी इंसान के अंदर के रोग को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में औषधियों का इस्तेमाल किया जाता है जो पूर्ण रूप से प्राकृतिक होती हैं।आपको बता दें कि शतावरी भी ऐसी ही एक आयुर्वेद की प्राकृतिक व चमत्कारिक औषधि है, जो हमें कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं व रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। आमतौर पर शतावरी का इस्तेमाल महिलाओं के मासिक धर्म से लेकर बांझपन तक की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा ऐसा भी बताया जाता है कि इसके इस्तेमाल से पुरुषों में वीर्य संबंधी परेशानियों को भी दूर किया जा सकता है।
सबसे पहले तो आपको यह बता दें कि शतावरी पूरी तरह से एक प्राकृतिक पौधा है जिसका स्वाद कुछ कड़वा तो कुछ मीठा सा होता है जिसे आप खट्टा-मीठा कह सकते हैं। यूं तो समय के साथ-साथ इंसान का शरीर भी कमजोर होते जाता है जिसके लिए उसे तरह-तरह की दवाइयां खानी पड़ती हैं मगर कुछ सामान्य समस्याओं से निजात दिलाने के लिए शतावरी काफी लाभदायक होती है। जैसे पित्त का नाश करने वाली, पुरुषों में शक्ति प्रदान करने वाली, वीर्य को बढ़ाने वाली, स्त्रियों के स्तनों में दूध बढ़ाने वाली, आंखों की ज्योति बढ़ाने वाली, बुद्धि वर्धक, पचने क्रिया को दुरुस्त करने वाली, अतिसार, स्नायु रोग का नाश करने वाली, स्निग्ध, यकृत, गुर्दे आदि से संबंधित तमाम तरह की बीमारियों में यह औषधि बेहद ही लाभदायक मानी जाती है।
इसके इन तमाम तरह के गुणों की वजह से बहुत से लोग इसे जादुई औषधी के नाम से भी जानते हैं क्योंकि ये आपके शरीर को रोगमुक्त बनाने में माहिर है। अलग-अलग जगहों पर इसे कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि शतावरी, सतावरी, सतावर, सतमुली, शटमुली, सरनाई इत्यादि। आपको बता दें की शतावरी कोई आम औषधि नहीं है बल्कि इसके खास गुणों की वजह से अमृत कही जाने वाली इस औषधी को विटामिन का खान भी कहा जाता है। इसमें कई ऐसे विटामिन मौजूद हैं जो काफी कम चीजों में पाए जाते हैं साथ ही साथ इसमे विटामिन बी-1, विटामिन-ई भी भारी मात्रा में मौजूद है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि इसके अन्य गुणों के बारे में बात की जाए तो आपको बता दें कि इनके साथ-साथ शतावरी चूर्ण फॉलिक एसिड का भी काफी बेहतरीन स्त्रोत माना जाता है। इसके इस्तेमाल से शरीर में कहीं भी सूजन नहीं आती और इसमें एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसको खाने से यूरिन से संबंधित तमाम तरह की समस्या भी समाप्त हो जाती है।
चूंकि शतावरी एक घास की तरह दिखने वाली औषधि होती है तो बता दें कि इसका सेवन यूं ही नहीं किया जा सकता बल्कि इसके सेवन का भी एक तरीका होता है। सबसे पहले आप करीब 400 से 500 ग्राम शतावरी काट लें और इसे तवे पर पहले अच्छे से गरम कर लें। अब इसके बाद इसके ऊपर एक चम्मच ऑलिव ऑयल डालकर कुछ देर तक पकने के लिए तवे पर ही छोड़ दें और फिर कुछ ही देर बाद जब यह पूरी तरह तैयार हो जाये तब इसमें आप अपने स्वाद के अनुसार नमक और काली मिर्च डालकर इसका सेवन करें। आपको यह भी बता दें कि शतावरी आज के समय में इतनी ज्यादा लाभदायक है कि आए दिन उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह एक तरह से वरदान है।
इसके सेवन से आपके रक्त का संचार सामान्य बना रहता है और आप ना सिर्फ उच्च रक्तचाप बल्कि और भी कई तरह की बीमारियों से निपटने में माहिर हो जाते हैं। शतावरी जो कि पोटैशियम का भी शानदार स्त्रोत माना जाता है, इसके प्रयोग से ना सिर्फ ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है बल्कि कैंसर जैसी भयानक बीमारी भी कोसों दूर रहती है। ध्यान रहे कि इतने सारे फायदों वाले इस औषधि के नाम पर बहुत से लोग नकली जड़ी बूटियां महंगे-महंगे दामों पर बेच दिया करते हैं, इसलिए बेहतर होगा की आप इसकी पहचान सही से करें ताकि आपको लाभदायक और असली शतावरी ही मिले।
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