अगर आप तनाव में हैं या फिर अवसाद से पीड़ित हैं तो विपस्सना ध्यान विधि(vipassana meditation) आपको इस समस्या से निकालने में काफी मददगार साबित हो सकती है। विपस्सना ध्यान प्रयोग दुनिया के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण और अद्भुत ध्यान प्रक्रिया है। विपस्सना का शाब्दिक अर्थ है – देखना, लौटकर देखना। यानि आओ, देखो और देखकर मानो। इस पद्धति के माध्यम से मनुष्य अपने भीतर झांक सकता है, आत्मनिरीक्षण के बाद आत्मशुद्धि कर सकता है। यानि ये पद्धति अपने भीतर झांककर खुद की कमियों को जानकर उनमें सुधार करने का बेहतरीन तरीका है। सच मानें, तो आज से हज़ारों साल पहले भगवान बुद्ध ने इसी विपस्सना पद्धति के ज़रिए बुद्धत्व को हासिल किया था और अपने अनुयायियों को भी इसके बारे में बताया। ताकि आप खुद को बेहतर जान सकें। यहीं कारण है कि आज सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इस पद्धति का सहारा लेकर लोग खुद को पा सके हैं।
विपस्सना ध्यान पद्धति के पांच सिद्धांत हैं जो इस ध्यान प्रक्रिया के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी माने जाते हैं। ये पांस सिद्धांत हैं –
अगर आप इस विधि के ज़रिए अपने आप को ढूंढना और पाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत होती है। यानि आपको अपनी मनोस्थिति के साथ तैयार होना पड़ता है। अपनी श्वास प्रक्रिया पर ध्यान लगाएं। सांसों की आने जाने की प्रक्रिया पर पूरा ध्यान केंद्रित कर दें। आपको ये आसान सी प्रक्रिया कुछ समय तक दोहरानी है। ऐसा करने से कुछ ही समय में आपको खुद इसका असर महसूस होगा। और आप अपने भीतर मौजूद अंतर्रात्मा को समय पाएंगे। यानि कुल मिलाकर देखें तो विपस्सना ध्यान की विधि नहीं बल्कि स्वभाव ही है। अपने सांसों को हर समय महसूस करने की आदत अपने स्वभाव में शामिल कर लें तो इस विधि को आसानी से कर सकते हैं। चलते-फिरते, उठते बैठते सुबह से लेकर शाम तक कोई भी काम करें तो अपनी सांसों पर अपना ध्यान केंद्रित रखें। आपको काफी फायदा मिलेगा।
हर पद्धति के कुछ नियम व सिद्धांत ज़रूर होते है जिनका पालन आवश्यक रूप से करना चाहिए। इसी प्रक्रार विपस्सना ध्याप पद्धति को करने का भी समय और कुछ नियम निर्धारित हैं अब हम आपको उनकी जानकारी देते हैं।
विपस्सना प्रक्रिया सुबद और शाम दोनों ही वक्त की जा सकती है। इसके लिए आप एक घंटा सुबह और एक घंटा शाम का वक्त निर्धारित करें। वहीं ऐसा भी माना जाता है कि सोने से 5 मिनट पहले और उठने के पांच मिनट बाद भी विपस्सना ध्यान विधि की जाए तो काफी फायदा होता है।
हर ध्यान विधि का कोई ना कोई फायदा ज़रूर होता ही है। ठीक उसी तरह विपस्सना ध्यान के भी अनेकों फायदे हैं। इस ध्यान विधि के ज़रिए आप ना केवल अपने आप को खोज सकते हैं व पा सकते हैं बल्कि तनाव व अवसाद से भी छुटकारा पा सकते हैं। अगर आप तनाव व अवसाद से ग्रसित हैं तो आपको इस विपस्सना विधि से काफी लाभ मिल सकता है। यानि दिमागी रूप से स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको विपस्सना ध्यान पद्धति का सहारा नियमित रूप से लेना चाहिए।
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