Lahsun ke Fayde: लहसुन को उसके स्वास्थ्यवर्धक और औषधीय गुण के लिए उपयोग किया जाता है। कई तरह के भोजन में अगर लहसुन का प्रयोग नहीं किया गया। तो उसका स्वाद बेहद ही अधूरा-अधूरा सा लगता है। वैसे तो खाने में मसाले और तीखापन के लिए भारत सबसे ज्यादा चर्चा में है। लेकिन खाना में स्वाद लाने के लिए दुनिया भर में लहसुन का प्रचुर मात्रा में प्रयोग किया जाता है। इससे खाने का स्वाद बढ़ जाता है। लहसुन मूल रूप से मध्य एशिया का व्यंजन है। लेकिन इसका इतिहास काफी पुराना है। संयुक्त राज्य के कृषि विभाग की माने तो खेती किए जाने वाले सबसे पुराने फसलों में लहसुन का नाम भी शामिल है। जैसा कि आप जानते हैं। भारत में लहसुन को तामसी खाद्य पदार्थों में शामिल किया जाता है। इसका अर्थ यह होता है कि पवित्र स्थानों और देवी देवताओं के प्रसाद में लहसुन का प्रयोग नहीं किया जाता है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ग्रीस में कुछ देवी देवताओं के लिए लहसुन का उपयुक्त प्रसाद बनाया जाता था। आज भी यहां के कई सारे खिलाड़ी अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए लहसुन का सेवन किया करते हैं।
आज भारत ईरान तिब्बत इजराइल और पार्ष्या जैसे कई अन्य देशों में भी लहसुन को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। लहसुन एक तरह का प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। इसके अलावा दुनियाभर के सेहत विशेषज्ञों ने इसे ‘प्लांट तिलिस्मान और रशियन पेनिनसिलिन (एक रोगनाशक औषधि) का नाम दिया है। सबसे कमाल की बात यह है कि मिस्र के शिलालेखों पर उल्लेख किया गया है कि प्राचीन मिस्र में पिरामिड का निर्माण करने वाले गुलामों के लिए लहसुन का इस्तेमाल सप्लीमेंट के रूप में किया जाता था। इसी बात से पता चलता है कि लहसुन सेहत के लिए कितना गुणकारी है। लहसुन वाकई में एक चमत्कारी सब्जी है तभी तो आयुर्वेद में वर्णन किए गए 6 सवालों में से 5 स्वाद अकेले लहसुन में पाया जाता है लहसुन में तीखापन नमकीन मीठा कड़वा और कसैला स्वाद होता है इसमें केवल खट्टा स्वाद नहीं मिलता।
वानस्पतिक नाम: एलियम सैटिवुम, कुल: एलिएसी, सामान्य नाम: लहसुन, गार्लिक, संस्कृत नाम: अशोभक, उपयोगी भाग: गांठ, भौगोलिक विवरण: लहसुन मूल रूप से एशिया से संबंधित है। लहसुन की खेती भारत, चीन, यूरोप, ईरान और मैक्सिको में की जाती है।
लहसुन खाने के फायदे(Lahsun ke Fayde) का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। इससे रक्त परिसंचरण में सुधार आता है साथ ही इससे कोलेस्ट्रॉल भी काबू में रहता है। अगर आपका कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में है तो हृदय अपने आप ही स्वस्थ हो जाता है। यह धमनीकलाकाठिन्य के विकास या धमनियों के सख्त होने की गति को धीमा कर देता है। यह दिल के दौरे या स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में भी सहायक है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए रोज सुबह सुबह एक लहसुन का दाना गर्म पानी के साथ खाएं। इससे आपके गैस्ट्रिक की समस्या में भी सुधार होगी।
Lahsun Khane Ke Fayde: रोजाना सुबह-सुबह 1 या 2 क्रश किए हुए लहसुन का सेवन करें। इससे आपके हृदय के स्वास्थ्य में सुधार आएगा और हृदय को रोगों से संरक्षण प्राप्त होगा।
आप अपने चिकित्सक से परामर्श करने के बाद इस जड़ी बूटी के पूरक आहार (सप्लीमेंट्स) का सेवन भी कर सकते हैं।
अगर शरीर में एंजियोटेंसिन I-converting एंजाइम, या “एसीई” (I-converting enzyme, or “ACE”) नामक एंजाइम का उत्पादन बढ़ जाए तो इससे बीपी बढ़ जाता है। ऐसी कई सारी अंग्रेजी दवाइयां है जो इस एंजाइम को बढ़ने से रोकती हैं लेकिन उन दवाइयों के साइड इफेक्ट भी होते हैं। अगर आप लहसुन का इस्तेमाल करते हैं तो इसमें मौजूद गामा-ग्लूटामिलसीस्टीन (Gamma-Glutamylcysteine), एक प्राकृतिक एसीई अवरोधक के रूप में काम करती है और कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। अध्ययन के मुताबिक लहसुन उच्च रक्तचाप को भी कम करने में मदद करता है।
एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के जोड़ों में पैदा होती है। किसी भी आयु या वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है। के इलाज के कई सारे तरीके हैं। दवाइयों के साथ-साथ व्यायाम भी इस बीमारी को दूर करने के लिए बेहद जरूरी होता है। लहसुन गठिया के दर्द और सूजन के लिए एक बेहतरीन औषधि है। सरसों के तेल में लहसुन को पकाकर मसाज करने से गठिया के कारण पैदा होने वाली सूजन और दर्द काफी हद तक कम हो जाता है। रूमेटोइड गठिया के इलाज में ये विशेषकर लाभदायक साबित होता है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान कच्चे लहसुन के रस को घावों पर एंटीसेप्टिक के रूप में लगाया जाता था। इससे हजारों लोगों की जान बचाने में मदद मिले थे। नियमित तौर पर लहसुन खाने(Lahsun Khane Ke Fayde) से शरीर में छोटी मोटी बीमारियां नहीं पनपती है। लहसुन विटामिन सी, बी 6 और सेलेनियम और मैंगनीज़ जैसे खनिज का एक अच्छा स्रोत है। यह सभी विटामिन और खनिज प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं और खनिज के अवशोषण में भी सुधार लाते हैं।
लहसुन एक बहुत ही प्रभावी एंटीबायोटिक है साथ ही यह एंटीवायरल के लाभ भी प्रदान करता है। अगर किसी को खांसी, सर्दी और जुकाम की समस्या है। तो उसे लहसुन की कली का हलवा खिलाना चाहिए इस ऊपरी श्वसन संक्रमण की गंभीरता खत्म हो जाती है। लहसुन अस्थमा के मरीजों के लिए भी एक रामबाण का काम करता है।
लहसुन में कई तरह के शक्तिशाली एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं। जो कि संक्रमण और कई तरह के फंगल इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं। फंगल इंफेक्शन का सबसे बड़ा उदाहरण है दाद, इस समस्या से निजात पाने के लिए लहसुन के तेल का प्रयोग भी किया जा सकता है।
जैसा कि इस लेख की शुरुआत में ही हमने बताया कि लहसुन तामसी खाद्य पदार्थ की सूची में आता है। इसमें काफी तेज होता है। बहुत ज्यादा मात्रा में लहसुन का सेवन करने से शरीर में उत्तेजना बढ़ जाती है। कई लोगों को लहसुन से एलर्जी भी होता है। ऐसे लोगों को लहसुन का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
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