Monsoon Pet Care Guide in Hindi: देश में मानसून की शुरुआत हो चुकी है कई जगहों पर तो अब भारी बारिश की वजह से अपना तफरी मच चुकी है। मानसून के मौसम को बीमारियों का घर भी कहा जाता है। इससे सिर्फ आम इंसान नहीं बल्कि जानवरों के ऊपर भी प्रभाव पड़ता है। बदलते हुए मौसम में तो इंसान अपनी सेहत का ध्यान रख लेता है लेकिन जानवरों के ऊपर उनका ध्यान कम ही पहुंचता है। इसकी वजह से वो कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। अगर आप एक पेट लवर हैं तो यह लेख आपके लिए है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि मानसून के मौसम में अपने पेट्स का ख्याल कैसे रखें।
मानसून के दौरान इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि, जहां पर आपका पालतू जानवर रहता है वहां पर पानी का भराव ना हो। इस बात का ध्यान रखें कि, वह स्थान वाटरप्रूफ हो और इंसुलेटेड हो। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि वहां से हवा का आदान-प्रदान होता रहे। मानसून के मौसम में मच्छर पिस्सू, कीटों में तेजी के साथ प्रजनन होते हैं और यह पालतू जानवरों के लिए खतरनाक होते हैं। इन परजीवियों से अपने जानवरों को बचाने के लिए डॉक्टर की सलाह ले और उसे स्थान की सफाई करें।
बारिश की वजह से जानवरों की आउटडोर एक्टिविटीज लगभग ना के बराबर हो जाती है। इसीलिए अपने जानवरों को घर में ही खेलने का मौका दें। उन्हें खेलने के लिए तरह-तरह के इंटरेक्टिव टॉयज और मौका मिल सके तो खुद भी उनके साथ खेलें। ऐसा करने से वह एक्टिव रहते हैं और बीमार होने का खतरा कम रहता है।
बारिश के मौसम में जानवरों की साफ सफाई कभी विशेष ध्यान रखें। उनके पंजों और फर की सफाई नियमित तौर पर करते रहें और इस बात का ध्यान रखें कि उनका शरीर सुखा रहे। अगर शरीर में नमी बरकरार रहेगी तो इससे फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है।
मानसून के मौसम में जानवर ज्यादा एक्टिव नहीं रहते हैं और ऐसे में उनका वजन बढ़ सकता है। इस मोटापे से बचने के लिए उनकी डाइट में मौसम के अनुसार बदलाव करें उन्हें स्वच्छ भोजन और पानी दें। इसके साथ ही डाइट को लेकर डॉक्टर के साथ समय-समय पर चर्चा जरूर करें।
मौसम कोई भी हो लेकिन नियमित रूप से अपने पालतू जानवरों को डॉक्टर के पास ले जाएं। उन्हें समय-समय पर टीका लगवाए और उनके बर्ताव के ऊपर भी ध्यान रखें। अगर आपके जानवर के बर्तन में कुछ भी बदलाव आ रहा है तो डॉक्टर से भी विचार विमर्श करें।
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