पॉजिटिव स्टोरी

कोरोना से बचाव: गांव की महिलाएं बना रहीं 10 रुपये के मास्क

Madhya Pradesh News: जिस तरीके से कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैला हुआ है और अब तक 20 हजार से भी अधिक मौत दुनियाभर में लोगों की हो गई है, उसी तरीके से भारत भी कोरोना वायरस के संक्रमण से अछूता नहीं रह गया है। यहां भी अब तक 600 से भी अधिक मामले कोरोना वायरस के संक्रमण के सामने आ चुके हैं, जबकि 11 लोगों से भी अधिक की अब तक देश में मौत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से 21 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इसके बावजूद ऐसे कदम उठाए जाने जरूरी हैं, जिससे आम लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने से बचाया जा सके। ऐसे में देश में मास्क की बड़ी आवश्यकता है। इसके अलावा सैनिटाइजर की जरूरत भी बड़े पैमाने पर बताई जा रही है।

महिलाओं ने उठाया जिम्मा

देश के कई हिस्सों में इस वक्त स्थिति ऐसी है कि लोगों को न तो मास्क मिल पा रहे हैं और न ही सैनिटाइजर। कई जगहों पर तो इसकी कालाबाजारी भी देखने को मिल रही है। अधिक दाम में मास्क और सैनिटाइजर बेचे जा रहे हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश के ग्वालियर में प्रशासन की ओर से एक खास पहल की गई है। यहां 8 स्वयंसेवी समूह की महिलाओं ने मिलकर मास्क तैयार करने का जिम्मा संभाल लिया है। जी हां, स्वयंसेवी समूह की महिलाओं द्वारा मास्क तैयार किए जा रहे हैं, ताकि लोगों को इन्हें उपलब्ध कराकर उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सके। ये महिलाएं जो मास्क तैयार कर रही हैं, प्रशासन की ओर से ग्वालियर के फूलबाग स्थित बाजार में इन्हें 10 रुपये प्रति नग के हिसाब से बेचा जा रहा है। इसके अलावा बाजार में भी ये मास्क 25 रुपये तक में इस वक्त बेचे जा रहे हैं।

सैनिटाइजर को लेकर प्रयास

कोरोना ना वायरस के संक्रमण से बचाव में सैनिटाइजर की भूमिका भी अहम मानी जा रही है। ऐसे में सैनिटाइजर की किल्लत को दूर करने के लिए ग्वालियर में प्रशासन की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। यहां डिस्टलरीज से प्रशासन की बातचीत चल रही है, ताकि सेनीटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। एक बार इस मामले में अंतिम निर्णय यदि ले लिया जाता है तो ऐसे 10 सार्वजनिक जगहों की पहचान की जाएगी, जहां लोगों को उचित दरों पर सैनिटाइजर उपलब्ध कराने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की जाएगी। यहीं पर सेनीटाइजर की बिक्री शुरू होगी और लोग यहां से सैनिटाइजर खरीद कर ले जा सकेंगे।

46 महिलाएं जुटी हैं काम में

जिस तेजी से भारत में भी कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़े, वैसे में मास्क तो एक तरह से बाजार से गायब ही होने लगे। स्टैंडर्ड माने जाने वाले एन-95 मास्क तो इस वक्त बाजार में कहीं दिख ही नहीं रहे हैं। इस कमी को दूर करने के लिए जिला पंचायत सीईओ शिवम वर्मा ने यहां मास्क बनाने का निर्देश जारी किया, जिसके बाद 8 स्वयंसेवी समूहों की 46 महिलाएं मास्क तैयार करने में जुटी हुई हैं।  इन महिलाओं ने मिलकर अब तक 900 से भी अधिक मास्क तैयार कर लिए हैं।सेनिटाइज करके कॉटन व नोवोवन से इन महिलाओं द्वारा मास्क बनाए जा रहे हैं।

यहां की जा रही आपूर्ति

सीएमएचओ कार्यालय के साथ अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में इन मास्क की आपूर्ति की जा रही है। प्रशासन ने इस काम से और भी महिलाओं को जोड़ दिया है, जिन्हें दो लाख से भी अधिक मास्क तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका के अंतर्गत ग्वालियर में 2 हजार 375 स्वयंसेवी समूह बने हुए हैं। इनसे जुड़ी हुई 862 महिलाएं सिलाई के काम में लगी हुई हैं। इसके अलावा एक लीटर सैनिटाइजर की बोतल 100 रुपये में उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी प्रशासन की ओर से की जा रही है।

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