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World Book Day: आज 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से सभी देशों में विभिन्न पुस्तक मेलों और साहित्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया। भारतीय साहित्य की बात करें तो इसकी ख़ास विशेषता है। यहाँ ऐसे बहुत से दिग्गज़ हुए जिन्होनें अपनी लेखनी से हिंदी का नाम रोशन किया। हमारे हिंदी साहित्य की बहुत सी ऐसी किताबें हैं जिन्हें हर किसी को एक ना एक बार जरूर पढ़नी चाहिए। आज विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर हम आपको ऐसी ही कुछ ख़ास पुस्तकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको अपनी जिंदगी में एक बार तो जरूर पढ़नी चाहिए। आइये जानते हैं कौन सी हैं वो महत्वपूर्ण पुस्तकें।
पूरी दुनिया में पुस्तक दिवस एक साथ मनाया जाता है ,जाहिर है इसके पीछे कुछ ना कुछ बड़ी वजह जरूर होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, आज 23 अप्रैल को हर साल विश्व पुस्तक दिवस विशेष रूप से लोगों में शिक्षा की रुचि जगाने के लिए मनाया जाता है। विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत 23 अप्रैल 1995 को हुई थी, इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को साहित्य और उन किताबों से रूबरू करवाना है जिसमें हमारा साहित्य छिपा हुआ है।
धर्मवीर भारती की लिखी इस किताब को अगर आपने नहीं पढ़ी तो आप हिंदी साहित्य से अछूते हैं। 19वीं सदी की प्रेम कहानी को दर्शाती ये उपन्यास आपके दिल को छू जायेगी। इस उपन्यास की कहानी तीन लोगों के इर्द गिर्द घूमती है, चंदर, सुधा और पम्मी। इस उपन्यास में प्यार की उस कहानी को दर्शाया गया है जिसका इज़हार करना मुश्किल होता है। एक बार समय निकालकर इस उपन्यास को जरूर पढ़ें।
हिंदी साहित्य के महान लेखक प्रेम चंद के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा। निर्मला उनके द्वारा ही लिखी हुई साहित्य का एक सुनहरा भाग है। निर्मला एक भारतीय नारी की कहानी है, जो अपने आप में बेहद कोमल और मन से निर्मल होती है लेकिन दुनिया उसे अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ती है। प्रेम चंद की ये उपन्यास विशेष रूप से दहेज़ प्रथा पर आधारित है।
तमस साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजित लेखक भीष्म साहनी की उपन्यास है। इस उपन्यास में उन्होनें भारत की आजादी से पहले समाज में फैली सांप्रदायिकता के बारे में विभन्न एंगल से बताया है। लेखन भीष्म साहनी को कलम का जादूगर भी कहा जाता है, उनकी इस किताब को विशेष रूप से 1975 में साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था।
रहस्य और जादूगरी पर आधारित चंद्रकांता मशहूर लेखक देवीकानंदन खत्री जी द्वारा लिखा गया है। हिंदी साहित्य में इस किताब को भी बेहद महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इस उपन्यास पर अब तक चंद्रकांता के नाम से कई टीवी सीरीज भी बनाई जा चुकी हैं। चंद्रकांता की कहानी को लोगों ने बेहद पसंद किया था, अगर अपने भी अब तक इसे नहीं पढ़ी है तो एक बार अवश्य पढ़ें।
आपको बता दें कि, हिंदी साहित्य के ये बहुमूल्य रत्न है लेकिन इसके अलावा भी बहुत सी अन्य ऐसी किताबें हैं जिन्हें आपको पढ़नी चाहिए।
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