धर्म

इस वजह से भगवान गणेश की पूजा के दौरान नहीं चढ़ाया जाता है तुलसी पत्र

Ganesh Tulsi Story In Hindi: हिंदू वेद पुराण में देवी देवताओं के पूजा-पाठ के लिए कई सारे नियम और कानून बनाए गए हैं। जिसके तहत ही उनकी की पूजा अर्चना की जाती है। नियम के अनुसार ही देवी देवताओं को प्रसाद एवं पंचामृत चढ़ता है और इसी अनुसार ही फूल माला एवं तुलसी पत्र का भोग भी लगाया जाता है। आपने मंदिरों में देवी-देवताओं को भोग लगाने के दौरान देखा होगा कि उन्हें तुलसी के पत्र भी चढ़ाए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि देवी देवताओं के भोग में जब तक तुलसी का पत्र ना दिया जाए। तब तक वह भोग स्वीकार नहीं होता है लेकिन हिंदुओं के धार्मिक पुस्तकों में कुछ ऐसे देवी देवताओं का भी जिक्र है। जिन्हें तुलसी के पत्र वर्जित हैं उन्हीं में से एक हैं भगवान गणेश।

Image Source: webduniya

हिंदू देवी देवताओं की पूजा अर्चना के दौरान सर्वप्रथम भगवान्  श्री गणेश की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश के भोग में तुलसी का पता नहीं डाला जाता है। हालांकि देववृक्ष की श्रेणी में तुलसी के पौधे को सबसे पवित्र माना गया है। बावजूद इसके भगवान गणेश को तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है।

और पढ़े :

दरअसल इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। कथा के अनुसार एक समय की बात है जब भगवान गणेश गंगा नदी के किनारे तपस्या में लीन थे। तभी वहां देवी तुलसी का आगमन हुआ। भगवान गणेश को तपस्या में लीन देखकर तुलसी मोहित हो गई और उन्होने भगवान गणेश से विवाह की कामना करने को लेकर उनका ध्यान भंग कर दिया। तपस्या भंग होने पर भगवान गणेश क्रोधित हो गए और इस घटना को अशुभ बताया। तपस्या भंग होने के बाद जब उन्होंने तुलसी की कामना के बारे में जाना दो उनके साथ विवाह के प्रस्ताव को नकार दिया। इनसे देवी तुलसी काफी नाराज हुई और उन्होंने गणेश को दो विवाह होने का श्राप दे दिया। इसके पश्चात भगवान गणेश और भी क्रोधित हो गए और उन्होंने भी तुलसी को यह श्राप दिया कि उनका विवाह एक असुर के साथ होगा।

जब भगवान गणेश ने तुलसी को श्राप दिया तब वो घबरा गईं और उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। जिसके बाद तुरंत उन्होंने भगवान गणेश से माफी मांगी। देवी तुलसी के माफी मांगने के बाद भगवान गणेश जी शांत हो गए और उन्होंने तुलसी से कहा कि तुम्हारे ऊपर असुरों का साया तो होगा। लेकिन तुम भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की बेहद ही प्रिय रहोगी। तुम्हारी पूजा कलयुग में भी की जाएगी, एक देववृक्ष के रूप में पृथ्वी लोक पर तुम जीवन और मोक्ष देने वाली रहोगी। लेकिन मेरी पूजा के दौरान तुलसी का चढ़ना शुभ नहीं होगा।

ऐसी मान्यता है कि इसके बाद से हीं भगवान  गणेश पर तुलसी पत्र चढ़ाना वर्जित है। हालांकि  अन्य देवी-देवताओं  की जब पूजा  की जाती है। तब तुलसी पत्र चढ़ाना बेहद ही पवित्र माना जाता है। भगवान गणेश को मोदक बेहद ही प्रिय है उन्हें जब भोग लगाया जाता है तो उनके भोग में तुलसी पत्र की जगह फुल और बेलपत्र अर्पित किया जाता है इससे भगवान गणेश बेहद खुश होते हैं|

Facebook Comments
Admin

Share
Published by
Admin

Recent Posts

मंदिर में मिले फूल को इन स्थानों पर रखने से होगी बरकत, बरसेगी माँ लक्ष्मी की कृपा

Maa Laxmi Ko Kaise Prasan Kare: जब आप किसी मंदिर में भगवान के दर्शन के…

4 hours ago

35 फिल्मों में नजर आई बॉलीवुड की हीमैन और ड्रीम गर्ल की जोड़ी, जानिए कितनी हुईं हित तो कितनी फ्लॉप

Dharmendra and Hema Malini`s Famous Movie: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेन्द्र और अभिनेत्री हेमा मालिनी…

5 hours ago

साल 2024 में किस दिन मनाई जाएगी शनि जयंती, जानिए पूजन से संबंधित सभी जानकारी

Shani Dev Jayanti Kab Hai : ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भगवान शनि देव की…

7 hours ago

इस मेथड से बनाएं हेल्दी किटो बर्गर, स्वाद के साथ बढ़ाए रखें सेहत का विशेष ध्यान

Keto Burger Recipe in Hindi : पिछले कुछ वर्षों में स्ट्रीट फूड्स ने हर एक…

5 days ago

एस्ट्रोलॉजर कैसे बनें? विस्तार से जानिए एस्ट्रोलॉजी से जुड़ी हुई सभी बातों के बारे में

Astrologer Kaise Bane: एस्ट्रोलॉजी जिसे आमतौर पर बोलचाल की भाषा में ज्योतिषी या ज्योतिष विज्ञान…

5 days ago

सनबर्न ने छुटकारा दिलाता है बर्फ, जानिए चेहरे पर इसका इस्तेमाल कैसे करें

Benefits Of Ice On Face In Hindi: चेहरे को सुंदर बनाने के लिए लोग तरह-तरह…

2 weeks ago