धर्म

सावधान! होली के रंगों के हानिकारक प्रभाव

Harmful Effects of Holi Colours: हम सब जानते है की होली रंगो का त्यौहार है, इस दिन लोगो एक दूसरे के रंग लगा कर होली की मुबारकबाद देते है। ऐसा माना जाता है की होली का त्यौहार बिना रंगो के अधूरा है। रंग बिरंगा वातावरण आपसी प्यार को दर्शाता है और खुशियों में चार चाँद लगता है।

बहुत समय पहले होली प्राकृतिक रंगो द्वारा मनाई जाती थी। लोगो अपने घरो में ही रंग बना लिया करते थे, वसंत के फूल, जामुन, मसाले, और अन्य पौधों आदि जैसे फूलों से गुलाल और गीला रंग बनाते थे। जैसे: पिले रंग के लिए हल्दी पाउडर का इस्तेमाल कर लिया, लाल रंग के लिए हिबिस्कुस फूल का इस्तेमाल और हरे रंग के लिए किसी प्रकार का मेहँदी पाउडर इस्तेमाल में ले लिया इत्यादि।

Image Source: Mommy Republic

परन्तु आज के समय में बाज़ार में कई प्रकार के रंग उपलब्ध है और यह रंग हानिकारक रसायनो से बने होते है। इन रंगो के बहुत से दुष्प्रभाव होते है जो हम आपको बताएँगे। इन रंगो को सीसा, सुगंधित यौगिक, टेट्रासाइक्लिन और बेंजीन जैसे सॉल्वैंटो की मदद से बनाया जाता है। रंगो को गहरा और गाड़ा करने के लिए कॉपर सल्फेट, मरकरी सल्फाइट और लेड ऑक्साइड को उच्च मात्रा में मिलाया जाता है। यह आपकी आँखों, त्वचा, बाल व फेफड़ो को नुक्सान पहुंचा सकते है।

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इन रंगो के दुष्प्रभाव कुछ इस प्रकार है:

यह रासायनिक रंग आँखों के लिए अत्यंत बेकार है। यह आँखों में एलर्जी का कारण बनते है, जिसके परिणामस्वरूप आँखे लाल हो जाती है और अंधेपन का सामना भी करना पद सकता है।

बहुत गहरे रंगो में लीड ऑक्साइड की बहुत अधिक मात्रा होती है जो हवा के माध्यम से सीधा आपके फेफड़ो को नुक्सान पहुँचाती है।

बैंगनी रंग में क्लोरीन आयोडीन की मात्रा बहुत अधिक होती है जो अस्थमा का कारण बनती है।

कुछ रंग अत्यधिक ज़हरीले होते है क्युकी यह मरकरी सलफीत से बनते है और यह स्किन कैंसर का कारण बन सकते है।

रासायनिक रंग सीधे तंत्रिका तंत्र पर हमला करते हैं जिस कारण मानसिक मंदता होती है अर्थात व्यक्ति का दिमाग बहुत कमज़ोर हो जाता है।

दाग और खुजली के कारण शरीर में सूजन आ जाती है।

यह रासायनिक रंग बालो के लिए बहुत हानिकारक होते है, बालो पर इनका सीधा असर होता है। जब रंग बालो पर लगने के बाद सुख जाते है तो बाल मुरझा जाते है और टूटने लगते है।

इस होली पर इन रासायनिक रंगो से बचकर रहे और सिर्फ प्राकृतिक रंगो द्वारा होली मनाये। प्राकृतिक रंग आपको बाज़ार में आसानी से मिल जायेंगे।

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Kapil Chanderwal

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