धर्म

जानिये महाकालेश्वर मंदिर का रहस्य, इस वजह से आज भी यहां रात को ठहरने से डरते हैं लोग

Mahakaleshwar Temple History in Hindi: भारत में कुल बारह ज्योतिर्लिंग हैं जो सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, काशी विश्वनाथ, त्रयम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वरम और घृष्णेश्वर के नामों से जाने जाते हैं। आज हम उन्हीं में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में बात करेंगे। महाकालेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित है. अगर आप ज्योतिर्लिंग के बारे में नहीं जानते तो आपको बता दें ज्योतिर्लिंग का मतलब उस स्थान से है जिसे खुद भगवान शिव ने स्थापित किया था। यदि आप पुराण, महाभारत और कालिदास की रचनाएं पढ़ेंगे तो इन ज्योतिर्लिंगों के बारे में गहराई में जान पाएंगे। इनमें इन 12 ज्योतिर्लिंगों का वर्णन बखूबी मिलता है। पुराणों में शिव को ‘रूद्र’ के रूप में जाना जाता था। रूद्र को एक ऐसे देवता के रूप में जाना जाता है, जो संहार के साथ-साथ कल्याण भी करते थे। पुराणों में अन्य सभी देवताओं की तुलना में शिव की महत्ता का अधिक वर्णन मिलता है। इसमें शिव के सभी अवतारों का वर्णन किया गया है

Image Source; Naidunia.com

महाकालेश्वर मंदिर का अपने आप में बहुत महत्व है। यहां हर रोज हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को ही इस बात की जानकारी होगी कि आखिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कब और कैसे हुई । आज के इस पोस्ट में हम आपको महाकालेश्वर मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि सूर्य देव की बारह रश्मियों से 12 ज्योतिर्लिंगों का निर्माण हुआ था।

12 रश्मियों से प्रकट हुए थे ज्योतिर्लिंग(Mahakaleshwar Temple History in Hindi)

मान्यता की मानें तो सृष्टि के निर्माण के समय सूर्य की पहली 12 किरणें धरती पर गिरी थीं, जिनसे 12 ज्योतिर्लिंगों का निर्माण हुआ। महाकालेश्वर मंदिर भी इन्हीं किरणों से निर्मित हुआ है। तबसे ही बाबा महाकालेश्वर को उज्जैन में पूजा जाने लगा। उज्जैन की पूरी भूमि, उसर की भूमि के नाम से भी प्रचलित है. उसर की भूमि का अर्थ है ‘शमसान की भूमि’. महाकाल का मुख दक्षिण दिशा में होने के कारण इसे तंत्र क्रियाओं की दृष्टि से भी ख़ास माना जाता है। हरसिद्धि, काल भैरव, विक्रांत भैरव आदि भगवान महाकाल की नगरी में विराजमान हैं। भगवान के दर्शन के लिए हर रोज़ मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगती है। यह कतार मुख्य द्वार से लेकर गर्भग्रह तक जाती है।

Image Source: Punjab Kesari

तीन खंडों में बंटा हुआ है मंदिर

मंदिर में जाने पर आपको प्राचीनकाल का एक कुंड भी मिलेगा, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप व संकट मिट जाते हैं. महाकालेश्वर मंदिर तीन खण्डों में बंटा हुआ है. सबसे नीचे वाले हिस्से में खुद महाकालेश्वर विराजमान हैं. बीच के हिस्से में ओंकारेश्वर महराज हैं और ऊपर के हिस्से में भगवान नागचंद्रेश्वर का स्थान है.

उज्जैनवासी आज भी मानते हैं महाकालेश्वर को अपना राजा

यह भी कहा जाता है कि जब सृष्टि का निर्माण हुआ था तब स्वयं बाबा महाकालेश्वर प्रकट हुए थे. आज भी उज्जैनवासी महाकाल को ही अपना राजा मानते हैं. बाबा महाकाल के बारे में एक कथा बहुत मशहूर है, जिसे यहां के लोग सच मानते हैं. कथा अनुसार पहले कोई भी राजा बाबा महाकाल की नगरी में रुक नहीं सकता था. ऐसे इसलिए क्योंकि सदियों पहले उनका मानना था कि यदि कोई और राजा यहां रात गुजार लेता है तो उसे अपनी सल्तनत से हाथ धोना पड़ता है. इसलिए सिंधिया राजघराने ने महाकाल की शरण में रहने के लिए महल का निर्माण किया.

Image Source: Amarujala

‘कालीदेह’ महल का निर्माण

सिंधिया राजघराने ने अपने लिए उज्जैन में कालीदेह महल बनवाया. उन्होंने इस महल का निर्माण इसलिए करवाया था ताकि वह इसमें ठहर सकें. कहा जाता है कि जब भी सिंधिया महाराज उज्जैन आते थे वह इसी महल में ठहरते थे. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दिन में भले ही कितना काम कर लें लेकिन रात होने पर वह उज्जैन में रुकना मुनासिब नहीं समझते. इतना ही नहीं, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी रात के समय इस नगरी में नहीं ठहरते. यहां के लोग आज भी लोग इसी मान्यता को मानते आ रहे हैं कि आज भी उज्जैन के राजा महाकालेश्वर बाबा ही हैं.

जानें त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग की महिमा और इस मंदिर का इतिहास

दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा. पसंद आने पर लाइक और शहरे करना न भूलें.

Facebook Comments
Shikha Yadav

Recent Posts

सनबर्न ने छुटकारा दिलाता है बर्फ, जानिए चेहरे पर इसका इस्तेमाल कैसे करें

Benefits Of Ice On Face In Hindi: चेहरे को सुंदर बनाने के लिए लोग तरह-तरह…

4 days ago

इस खास तरीके से बनाएं होम मेड स्प्रिंग रोल शीट, रखें अपनी सेहत का ध्यान

Spring Roll Sheets Recipe in Hindi: स्प्रिंग रोल हर एक आयु वर्ग के लोगों के…

5 days ago

राम रक्षा स्त्रोत के पाठ से बनेंगे सभी बिगड़े काम, जानिए इस पाठ के महत्व के बारे में

Shri Ram Raksha Strot Padhne Ke Fayde: सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं की पूजा…

6 days ago

महाभारत काल से जुड़ा हुआ है कुरुक्षेत्र के माँ भद्रकाली पीठ, जानिए इसके इतिहास के बारे में

Famous Shakti Peeth in Haryana: इस समय पूरे देश भर मे चैत्र नवरात्रि के त्यौहार…

2 weeks ago