धर्म

117 वर्षों के बाद महाशिवरात्रि पर बन रहे इस अद्भुत संयोग पर भूलकर भी न करें ये गलतियां

Mahashivratri Par Kya Na Kare: महाशिवरात्रि का पर्व आ गया है। शिव भक्तों के लिए तो विशेष तौर पर इस पर्व का महत्व है। महाशिवरात्रि की रात्रि ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से साधना के लिए उन तीन रात्रि में से एक है, जो इसके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। जिस तरह से शरद पूर्णिमा को मोहरात्रि और दीपावली को कालरात्रि के नाम से जानते हैं, उसी तरह से महाशिवरात्रि को सिद्ध रात्रि के नाम से जाना जाता है, जिसका साधना के लिए खास महत्व है।

इसलिए महत्वपूर्ण है ये महाशिवरात्रि

Image Source – Lokmatnews

बाबा भोलेनाथ को अपनी भक्ति से प्रसन्न करके उनकी कृपा पाने का यह महापर्व महाशिवरात्रि फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह 11 मार्च यानी कि शुक्रवार को मनाया जा रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग इस महाशिवरात्रि के अवसर पर ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक बन रहा है। फागुन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अबकी 117 वर्षों के बाद एक बड़ा ही अद्भुत संयोग बन रहा है।

बेहद फलदायी

खासियत इसकी यह है कि मकर राशि में शनि स्वयं पहुंच गए हैं, जबकि अपनी सबसे उच्च की राशि में शुक्र विराजमान हो रहे हैं, जो कमाल का और दुर्लभ संयोग बना रहे हैं। यह योग बेहद शुभ है, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यदि आप शिव पुराण और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही फलदायी होने वाला है। कई तरह के नियम बने हुए हैं इस व्रत को लेकर। ऐसी मान्यता है कि ठीक से इन नियमों का पालन यदि भक्तों द्वारा न किया जाए तो बाबा भोलेनाथ की कृपा उसे नहीं मिल पाती है। यहां हम आपको अब बताते हैं कि वे कौन-कौन से काम हैं जो आपको महाशिवरात्रि के अवसर पर भूलकर भी नहीं करने चाहिए।

शुभ मुहूर्त को जानें(Mahashivratri Ka Mahatva)

18 फरवरी को रात 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 19 फरवरी को 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। साधक रात्रि के समय में महादेव और माता पार्वती की भक्ति भाव से पूजा कर सकते हैं। 

दूर ही रखें शंख(Mahashivratri Par Kya Na Kare)

Image Source – Youngisthan

यदि आप शंख से भगवान शिव की पूजा करते हैं तो ऐसा बिल्कुल भी न करें। शंखचूड़ का वध बाबा भोलेनाथ ने किया था। यह एक असुर था, जिसका ही प्रतीक शंख को माना जाता है। यह असुर भगवान विष्णु का बड़ा भक्त माना जाता था। यही वजह है कि शंख से भगवान शिव की नहीं, बल्कि भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

न चढ़ाएं ये फूल और तुलसी

Image Source – Plants With A Purpose

पुष्प से यदि आप बाबा भोलेनाथ की पूजा कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि जूही, चमेली, मालती, केसर, दुपहरिका, चम्पा और कुन्द जैसे फूल आप न ही चढ़ाएं तो अच्छा होगा। यहां तक कि करताल बजाने से भी आपको भगवान शंकर की पूजा के दौरान बचना चाहिए। भगवान शिव की पूजा में आप तुलसी न चढ़ाएं तो अच्छा होगा। वह इसलिए कि तुलसी का जन्म जलंधर नाम के एक राक्षस की पत्नी वृंदा के अंश से ही हुआ था। साथ ही भगवान विष्णु ने पत्नी के तौर पर तुलसी को अपनाया हुआ है।

यह भी पढ़े

तिल, टूटे चावल और कुमकुम भी नहीं

ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि भगवान विष्णु के मैल से तिल की उत्पत्ति हुई है। ऐसे में भगवान शंकर को तिल चढ़ाना बिल्कुल भी उचित नहीं होगा। यही नहीं, चावल जब भी आप भगवान शिव को चढ़ाएं तो ध्यान रखें कि वह टूटा हुआ न होकर अक्षत यानी कि साबुत हो। शास्त्रों में यह लिखा है। दरअसल, टूटे हुए चावल को न केवल अपूर्ण, बल्कि अशुद्ध भी माना गया है। सौभाग्य का प्रतीक कुमकुम को जरूर माना गया है, मगर बाबा भोलेनाथ तो वैरागी हैं न, इसलिए बेहतर होगा कि उन्हें आप कुमकुम तो पूजा के दौरान न ही चढ़ाएं।

Facebook Comments
Shikha Yadav

Share
Published by
Shikha Yadav

Recent Posts

हिमाचल प्रदेश की वो झील जहां अंधेरे में आती हैं परियां, जानें क्या है इस फेमस लेक का राज़

Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…

1 week ago

घर में ही शुगर लेवल को ऐसे करें मैनेज, डॉक्टर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…

1 week ago

इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गोंद कतीरा, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…

2 weeks ago

दिलजीत दोसांझ को फैन के साथ किया गया फ्रॉड, सिंगर के इस कदम ने जीता सबका दिल

Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…

3 weeks ago

आखिर क्या है वायु कोण दोष? जानिए ये कैसे होता है और इसके प्रभाव क्या हैं?

Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…

4 weeks ago