धर्म

गर्भावस्था में स्वस्थ संतान के लिए किया जाता है पुंसवन संस्कार, जानें वैदिक महत्व और विधि

Punsavan Sanskar: जैसा कि हम सभी जानते हैं मनुष्य के जीवनकाल में कुल 16 संस्कार होते हैं। यह सभी संस्कार हमें जन्म से ही मिलते हैं जो कि हमारे जीवन यापन के लिए बेहद ही आवश्यक माने गए हैं। बता दें कि हिन्दू धर्मशास्त्र में अंकित सभी 16 संस्कारों में पुंसवन संस्कार को दूसरा संस्कार माना जाता है। इस संस्कार को शिशु के माता के गर्भ में आने के तीन माह के बाद ही संपन्न करवाया जाता है। पुंसवन संस्कार को विशेष रूप से महिला के गर्भवती होने के महज तीन माह के बाद ही इसलिए संपन्न किया जाता है क्योंकि पैदा होने से तीन महीने के बाद शिशु के मस्तिष्क का विकास होना प्रारंभ हो जाता है।

पुंसवन संस्कार (Punsavan Sanskar) करने की वजह

गर्भिणी के लिए अनुकूल वातावरण खान-पान, आचार-विचार आदि का निर्धारण किया जाना, आने वाले शिशु के लिए बेहद ही आवश्यक होता है। बताना चाहेंगे कि गर्भ के माध्यम से अवतरित होने वाले जीव के पहले वाले कु-संस्कारों तथा सु-संस्कारों के विकास के लिए नये तथा अच्छे संस्कारों की स्थापना के लिए अपने सङ्कल्प, पुरुषार्थ एवं देव-अनुग्रह आदि के संयोग का प्रयास किया जाए। आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि पुंसवन संस्कार एक हृष्ट-पुष्ट संतान के लिये किया जाने वाला संस्कार है। कहते हैं कि जिस कर्म से वह गर्भस्थ जीव पुरुष बनता है, वही पुंसवन-संस्कार (Punsavan Sanskar) है। शास्त्रों के अनुसार चार महीने तक गर्भ का लिंग-भेद नहीं होता है। इसलिए लड़का या लड़की के चिह्न की उत्पत्ति से पूर्व ही इस संस्कार को किया जाता है।

Image Source – Pexels

इस संस्कार में औषधि विशेष को गर्भवती स्त्री की नासिका के छिद्र से भीतर पहुंचाया जाता है। पुंसवन संस्कार के पीछे यह मान्यता है कि गर्भधारण के तीन महीने तक गर्भस्थ शिशु लड़का है या लड़की इसका भेद नहीं होता इसलिये इस चिह्न के विकास से पहले ही पुंसवन संस्कार (Punsavan Sanskar) को किया जाता है। इस संस्कार के दौरान मंत्रोच्चारण के साथ गर्भवती महिला को पुत्र प्राप्ति के लिये नासिका छिद्र से विशेष औषधि भी पिलायी जाती है। यजुर्वेद के अनुसार शुभ मुहूर्त में गणेश जी सहित अन्य देवी-देवताओं, कुल देवताओं का पूजन कर वटवृक्ष की कोपलों व कुश की जड़ को जल के साथ पीस कर इस रस को पति द्वारा गर्भवती महिला के दाहिने नासिका छिद्र से पिलायें व पुत्र प्राप्ति की कामना से इस मंत्र का उच्चारण करें:

ॐ हिरण्यगर्भः समवर्तताग्रे भूतस्य जातः पतिरेक आसीत्।

स दाधार पृथिवीं द्यामुतेमां कस्मै देवाय हविषा विधेम।।

हालांकि, आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि अगर कोई भी कार्य शुभ समय में किया जाता है तो निश्चित रूप से उसका फल भी शुभ ही मिलता है। ठीक उसी तरह से पुंसवन संस्कार के लिए भी शुभ मुहूर्त आवश्यक होता है। पुंसवन संस्कार (Punsavan Sanskar) को करने के लिए शुभ समय, वार नक्षत्र इत्यादि को भी देखा जा सकता है। इस संस्कार को मूल, पुनर्वसु, मृगशिरा, श्रवण, हस्त, पुष्य इत्यादि नक्षत्रों में करना शुभ रहता है। इसके लिये पुरुष वारों को प्रयोग किया जाता है अर्थात रविवार, मंगलवार, गुरुवार इत्यादि। संस्कार कार्य के लिये शुभ तिथियों में नन्दा व भद्रा को लिया जाता है। इसके अलावा चन्द्र बल प्राप्त करने के लिये शुक्ल पक्ष व शुभ ग्रहों का केन्द्र व त्रिकोण में होना संस्कार कार्य की शुभता में वृद्धि करता है। पुंसवन संस्कार (Punsavan Sanskar) को कर लेने के बाद प्रसव तक की अवधि में किये जाने वाले अन्य संस्कारों में शुभ प्रभाव बना रहता है। इस अवधि के सभी संस्कारों में यह संस्कार सबसे अधिक महत्व रखता है। यहीं बच्चे की नींव को मजबूती देता है।

यह भी पढ़ें

दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। पसंद आने पर लाइक और शेयर करना न भूलें।

Facebook Comments
Shikha Yadav

Share
Published by
Shikha Yadav

Recent Posts

मध्य प्रदेश टूरिज़्म 2025: एक प्रगति की कहानी — ‘Heart of Incredible India’

मध्य प्रदेश, जिसे हम गर्व से Heart of Incredible India कहते हैं, अब सिर्फ घूमने…

4 weeks ago

IRCTC अकाउंट को आधार से ऐसे करें लिंक, वरना तत्काल टिकट बुकिंग पर लग सकता है ताला!

अगर आप भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा IRCTC का इस्तेमाल करते हैं, तो…

4 weeks ago

हिमाचल प्रदेश की वो झील जहां अंधेरे में आती हैं परियां, जानें क्या है इस फेमस लेक का राज़

Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…

8 months ago

घर में ही शुगर लेवल को ऐसे करें मैनेज, डॉक्टर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…

8 months ago

इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गोंद कतीरा, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…

8 months ago

दिलजीत दोसांझ को फैन के साथ किया गया फ्रॉड, सिंगर के इस कदम ने जीता सबका दिल

Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…

8 months ago