धर्म

खून की वो भयानक नदी जिसमें स्नान के बाद होता है भयंकर कष्ट, जानिए इसकी खास बातें

Vaitarani River In Yamlok Story In Hindi: सनातन धर्म में नदियों को माँ का दर्जा दिया गया है और उनकी विधिवत पूजा भी की जाती है। जहाँ एक ओर पौराणिक मान्यता है कि नदियों में स्नान करने के बाद सभी पाप धुल जाते हैं तो वहीं दूसरी ओर एक ऐसी भी नदी है जिसमें स्नान के उपरांत कष्ट और पीड़ा उत्पन्न हो जाती है। इस नदी को पौराणिक कथाओं में वैतरणी नदी के नाम से जाना जाता है जिसे खून की नदी भी कहते हैं। धरती की नदियों में जिस प्रकार से जल का प्रवाह होता है तो वैतरणी नदी में रक्त और मवाद का प्रवाह होता है यहाँ तक कि नदी का तट भी हड्डियों से पटा हुआ होता है।

आत्मा को देखते ही बदलने लगता है नदी का स्वरुप

जब यमदूत मृत्यु के बाद मृत आत्मा को नदी के पास लाता है तो नदी आत्मा को देखते ही अपना स्वरुप बदलने लगती है, नदी इंसान को देखते ही घोर गर्जना करना शुरू कर देती है। नदी में बह रहा मवाद और रक्त खौलने लगता है। नदी के इस स्वरुप को देखते ही पापी आत्मा भयभीत हो जाती है, इस नदी में मगरमच्छ, सूई के समान मुखवाले भयानक कृमि, लम्बी और नुकीली चोंच वाले गिद्ध और भयानक मछली रहते हैं।

Image Source: Holiday Landmark

प्रेत पार कराता है वैतरणी नदी

वैतरणी नदी को पार करने के लिए एकमात्र नाव है जिसे एक भयानक प्रेत चलाता है। यह प्रेत नदी किनारे खड़ी मृत आत्मा से पूंछता है कि “तुम्हारे पास ऐसे कौन से पुण्य कर्म है जिसकी वजह से तुम्हे नाव में बिठाकर मैं नदी पार करुँ।” जिस व्यक्ति ने अपने जीवन काल में गाय का दान दिया है केवल वही बस नाव में बैठकर नदी को पार कर सकता है। कई व्रत ऐसे हैं जिनसे इंसान को गौदान का फल मिलता है।

दान ही है अंतिम सहारा

शास्त्रों में दान को वितरण कहा गया है, दान रुपी पुण्य के आधार पर ही आत्मा को नौका में बिठाकर वैतरणी नदी को पार कराया जाता है। जिनके पास दान रूपी पुण्य नहीं होता है उनके नाक में कांटे को फंसाकर यमदूत उन्हें नदी में घसीटते हुए पार करते हैं। इस दौरान पापी आत्मा मूर्छित हो जाती है। इसी लिए शास्त्रों में कहा गया है कि जीवन काल में किये गए पुण्य काम और दान मृत्यु के बाद बहुत काम आते हैं।

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Adarsh Tiwari

सॉफ्टवेयर की पढ़ाई करते करते दिमाग हैंग सा होने लगा तो कहानियां पढ़ने लगा. फिर लिखने का मन किया तो लिखना शुरू कर दिया। अब आप पढ़कर बताइए की कैसा लिख रहा हूँ.

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