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स्नूकर एक विश्व प्रसिद्ध खेल है, जो क्यू स्पोर्ट, बिलियर्ड्स से विकसित हुआ है। इसकी शुरुआत 19वीं शताब्दी के अंत में हुई थी। स्नूकर का पहला अधिकारिक टूर्नामेंट सन 1916 में हुआ था और पहली विश्व चैम्पियनशिप सन 1927 में हुई थी। इसके बाद से ही स्नूकर का खेल लोकप्रिय होना शुरू हुआ। आज हम जानेंगे स्नूकर के खेल के नियम(Snooker game rules in hindi) और इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
इस खेल का उद्देश्य स्टिक के माध्यम से सफेद क्यू बॉल की मदद लेकर अन्य गेंदों को सही क्रम में टेबल के चारों ओर बने छेदों में डालना है। जो भी खिलाड़ी स्नूकर के नियम(Snooker Rules In Hindi) के अनुसार, पहले सभी बॉल छेद तक पहुंचा देता है वह जीत जाता है।
स्नूकर का खेल दो खिलाड़ियों के बीच बारी-बारी से खेला जाता है। यह एक आयताकार टेबल, जिसका माप 12×6 फीट और ऊंचाई 3 फीट होती है, पर खेला जाता है। यह टेबल लकड़ी की बनी होती है, जिसका टॉप हरे रंग का होता है। टेबल में कुल छः छेद बने होते हैं, टेबल के चारों कोनों पर एक-एक व दो छेद दोनों लंबी साइड्स के बीचों-बीच, जहां बॉल पहुंचानी होती हैं।
इसमें 15 लाल बॉल होती हैं और एक-एक काली, गुलाबी, नीली, भूरी, हरी और पीली बॉल। इसके अलावा एक सफेद क्यू बॉल होती है, जिसको हिट कर खिलाड़ियों को अन्य सभी बॉल को छेद तक पहुंचाना होता है। सफेद क्यू बॉल को हिट करने के लिए जिस स्टिक का प्रयोग किया जाता है, उसकी लंबाई 3 फीट से कम नहीं होनी चाहिए।
खिलाड़ियों को एक लाल रंग की बॉल डालने पर एक अंक मिलता है, जिसके बाद उन्हें अपने अगले शॉट के लिए एक रंग बताना होता है। इसी तरह काले रंग की बॉल के लिए सात, गुलाबी के लिए छः, नीली के लिए पांच, भूरी के लिए चार, हरी के लिए तीन और पीली के लिए दो अंक मिलते हैं। हर रंग की एक बॉल डालने के बाद खिलाड़ी को लाल रंग की बॉल डालना अनिवार्य है। यह तब तक होता है जब तक सभी लाल बॉल खत्म नहीं हो जाती। सभी बॉल खत्म होने के बाद अंत में काली बॉल को छेद में डालकर खेल खत्म किया जाता है।
एक खिलाड़ी तब तक अपनी पारी खेल सकता है जब तक की वह कोई बॉल मिस ना कर दे या कोई फ़ाउल ना कर दे। ऐसा होने पर पासा दूसरे खिलाड़ी के पास चला जाता है। सभी बॉल्स को छेदों में पहुंचा देने पर एक खिलाड़ी का अधिकतम स्कोर 147 होता है।
फाउल करने पर प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को चार अंक दिए जाते हैं, जब तक कि नीले, गुलाबी या काले रंग में खेलते समय फाउल न हो। ऐसा होने पर बॉल के अंक प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को दे दिए जाते हैं।
इस खेल में विजेता वह व्यक्ति होता है जो एक फ्रेम में सबसे अधिक अंक प्राप्त करता है। जब एक खिलाड़ी के पास टेबल पर बची बॉल्स के अंकों की तुलना में अधिक अंकों की बढ़त होती है, तो प्रतिद्वंद्वी को “नीड स्नूकर्स” कहना होता है। स्नूकर वह जगह है जहां गेंदों को इस तरह रखा जाता है कि खिलाड़ी सीधे अगली टारगेट गेंद को हिट ना कर सके, जिससे दूसरा खिलाड़ी फ़ाउल करने पर मजबूर हो जाए और वह चार अंक बटोर ले। यदि किसी खिलाड़ी को लगता है कि वह स्नूकर को मजबूर करके भी जीत नहीं पाएगा, तो वह फ्रेम को स्वीकार कर सकता है।
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हमें उम्मीद है कि अब अगली बार आप जब भी स्नूकर का खेल खेलेंगे तो स्नूकर के नियमों(Snooker Game Rules In Hindi) का पालन करते हुए ही खेलेंगे। अपने विचार हमसे जरूर साझा करें।
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