आज के समय में हर व्यक्ति इंटरनेट का उपयोग अपनी रोज़मर्रा ज़िन्दगी में अवश्य करता है, जैसे की ऑनलाइन मूवी या वीडियो डाउनलोड करने के लिये, सोशल मीडिया पर चैट करने की लिये, या कुछ और कार्य करने के लिये पर कुछ भी हो ऐसा करने के लिये सभी को एक चीज़ की ज़रूरत पड़ती है और वो है गूगल, जिसका उपयोग हम न ज़ाने हर रोज़ कितनी ही बार करते है। गूगल का उपयोग करने के बाद आप सभी के मन में एक सवाल जरूर आता होगा कि आख़िरकार गूगल है क्या? गूगल दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी कैसे बनी और गूगल को इतना आगे ले जाने में किसका हाथ है? तो चलिये आज हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देंगे बस इस अनुच्छेद को आखिर तक पढ़िये।
गूगल अमेरिका में स्थित एक बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी है जो इंटरनेट से संबंधित सेवायें और उत्पाद प्रदान करती है। गूगल की स्थापना दो दोस्त ( Larry Page और Sergey Brin ) ने 4 सितम्बर 1998 को की थी। जो की आज के समय में कंपनी पर 14 % मालिकाना हक़ रखते है। गूगल की शुरुआत एक सर्च इंजन के तौर पर हुई थी , सर्च इंजन एक ऐसा प्रोग्राम है जो आपके द्वारा उपयोग किये हुए कीवर्ड के आधार पर आपको रिजल्ट दिखाता है। असल में गूगल का अर्थ एक गणितीय शब्द googol से प्रेरित होकर लिया गया है जिसका अर्थ है 100 की संख्या के आगे और शून्य और आज के समय में गूगल यह गणितीय शब्द को पूरा करता हुआ सा नज़र भी आता है।
जब से इंटरनेट का अविष्कार हुआ है तब से लेकर अब तक अगर आपको अपने वेबसाइट को रैंक में लेकर आना हो तो आपको बैकलिंक BACK-LINK नाम की कलन विधि का उपयोग करना होता है और इसी कलन विधि को आधार मानकर गूगल का शुरुआती नाम BACKRUB रखा गया था जिसे बाद में बदल कर गूगल कर दिया गया था। अपने शुरुआती वर्षो में यह एक मात्र सर्च इंजन था लेकिन वर्ष 2005 में Google Maps और 2006 में लाये गए Google Calendar और Translate जैसे नए तकनीक लाने के बाद गूगल ने Google Operating System यानी एंड्राइड मोबाइल प्रोग्राम की शुरुआत की और जिसके चलते आज गूगल विश्व की सबसे बड़ी IT Company बन चुकी है तथा गूगल अपने किसी से ऑनलाइन उद्पाद के लिए कोई राशि नहीं मांगता वह अपनी सारी सुविधायें मुफ्त में उपयोग के लिये देता है अब वह चाहे Google Chrome हो या Google Maps, YouTube, Android, Blogger, Google Sheets, translator हो सभी सेवा मुफ्त है।
आज के समय में गूगल दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। कुछ साल बहुत सारे अलग अलग और बड़े उत्पाद होने के कारण कुछ वर्ष पूर्व ALPHABET INC को गूगल की PARENT COMPANY बना दिया गया जिसके चलते आज गूगल अल्फाबेट आईएनसी के अंतर्गत कार्य करता है। गूगल को इतना बड़ा और सफल बनाने में बहुत बड़ा योगदान सुंदर पिचाई का भी रहा है जिन्होंने गूगल क्रोम Google Chrome का आईडिया गूगल को दिया था आज सुंदर पिचाई गूगल के CEO हैं और इनकी सालाना कमाई या वेतन 1200 करोड़ भारतीय रुपए है। हाल ही में गूगल ने सुंदर पिचाई को उनके वेतन में 450 करोड़ रुपए वृद्धि करने की बात की गयी थी, जिसको लेने से सुंदर पिचाई मना करते हुए यह कहा कि “वर्तमान में मेरी वर्षीय वेतन बहुत हैं तथा अभी मैं उसमें कोई वृद्धि नहीं चाहता”। गूगल अभी के समय में लगभग 124 ऑनलाइन और ऑफलाइन सुविधाएँ देता है। हाल ही के वर्षो में गूगल ने अपने कुछ नए प्रोडक्ट बाजार में लॉन्च किये हैं जैसे कि GOOGLE CHROME BOOK, PIXEL 3A, GOOGLE LENS, DUPLEX, GOOGLE CLOUD PLATFORM, GOOGLE HOME, GOOGLE CHROME CAST, GOOGLE DAYDREAM इत्यादि और आने वाले 1 या 2 साल में गूगल ऑटोमैटिक कार और डिलीवरी ड्रोन की सर्विस भी देना चालू कर देगा।
अब आप लोग यह सोच रहें होंगे कि आखिर जब गूगल हर ऑनलाइन और अपने मुख्य सर्विस फ्री यानि मुफ्त में देता है तो वह इतना कमाता कैसे है? इसका जवाव है आपके द्वारा देखे गए ऑनलाइन प्रचारों से। जी हाँ, क्या आपने कभी यूट्यूब पर विज्ञापन देखा है जो की 5 SEC बाद SKIP का विकल्प देता है तो ये वही विज्ञापन होते हैं जिनको आपको दिखाकर गूगल पैसे कमाता है। आप सोच रहे होंगे कि वो कैसे, दरअसल गूगल का एक ऑनलाइन विज्ञापन मंच है जिसे गूगल ADWORDS कहा जाता है। ADWORDS के द्वारा कोई भी व्यक्ति कुछ राशि देकर अपने उत्पाद का विज्ञापन गूगल अंतर्गत किसी भी प्लेटफार्म पर दिखा सकते है जैसे की यूट्यूब पर, मोबाइल एप्प्स में, किसी वेबसाइट पर जहाँ प्रचारक चाहता हो और यही तरीके से गूगल पैसा कमाता है।
पहली बार इंटरनेट भारत में 15 अगस्त 1995 को इस्तेमाल किया गया था। पहले इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए साइबर कैफे में जाना पड़ता था। उस समय इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए याहू में ईमेल id बनाना पड़ता था। उस टाइम भारत में याहू बड़ा प्रसिद्ध हुआ करता था। चैटिंग करने के लिए लोग याहू चैटरूम का इस्तेमाल करते थे। साइबर कैफे में एक घंटे के लिए 10 से 20 रुपये चार्ज करते थे। भारत में टेलीफोन लैंडलाइन के जरिये ब्रॉडबैंड इंटरनेट चलता था।
पहली बार गूगल के बारे में एयरटेल की तरफ से मिलने वाले मोबाइल में मोबाइल ऑफिस के नाम से सेटिंग के सेव करना होता था। उसके होमपेज में google.com का एड्रेस डालना होता था। इस तरह एयरटेल प्रयोग करने वाले यूजर को गूगल के बारे में पता चलने लगा।
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