टेक्नोलॉजी

वार्महोल क्या है? Wormhole in Hindi

पहले के समय में जब विज्ञान का जन्म नहीं था तो जब तक लोग यही सोचते थे कि तारे बहुत छोटे-छोटे होते है। उस समय अगर कोई तारा टूट जाता था, तो लोग उस से अपनी wish मांगने लग जाते थे। लेकिन साइंस की वजह से हम लोग ये जान पाए कि तारे बहुत ज्यादा विशाल है एक तारे में हमारी पृथ्वी जैसे लाखो ग्रह समा सकते है। हर तारे के पास ग्रह, उपग्रह और खगोलीय पिंड आदि उस तारे की परिक्रमा लगाते है। जिसको हम तारामंडल कहते है।

आपको जानकारी के लिए बता दे कि ब्रह्माण्ड में जन्मी हर एक चीज का अंत निश्चित है। लेकिन किसी तारे का अंत इतनी आसानी से नहीं होता। उनके अंत में करोडो साल लग जाते है और फिर वह बनता है। आज हम इस लेख में आपको वार्महोल के बारे में बताने जा रहे है। तो आइये जानते है वार्महोल क्या होता है?

वार्महोल क्या है? Wormhole Kya Hai

वर्ष 1915 में महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी दी थी। जो एक दम सही थी। उसी के सहारे हमने आज स्पेस, टाइम, लाइट, प्लनेट, स्टार्स आदि के बारे में बहुत कुछ जाना है। इन्होने बताया कि अंतरिक्ष में दो पॉइंट के बीच एक सुरंग होती है। जो स्पेस और टाइम दोनों को एक साथ जोड़ देती है। जिसकी सहायता से हम अंतरिक्ष के एक छोर से दूसरे छोर तक कम टाइम में जा सकते है। इस थ्योरी को आइंस्टीन और नाथन रोसेन ने साबित किया था।

Hindish

हम आप लोगो को वार्महोल के बारे में एक फोटो की सहायता से समझाने वाले है ऊपर दी गयी एक फोटो में आप बाई तरफ देख सकते है कि एक कागज है जिस पर दो पॉइंट A और  B है यदि हम लोगो को इन दोनों पॉइंट्स के बीच सबसे छोटा रास्ता चुनने को कहा जाए तो शायद हम दोनों के बीच में एक सीधी लाइन खींच देंगे। लेकिन ये गलत है।

हम लोग कागज को ब्रह्माण्ड मान लेते है। यदि अब इस कागज को मोड़ा जाए तो उन दोनों पॉइंट्स की दुरी कम हो जाएगी और एक दूसरे पॉइंट्स से सफर करना आसान हो जाएगा।

वही आप निचे दी फोटो में भी देख सकते है कि हम इसको अगर हम सीधा कर दे तो दोनों पॉइंट्स की दुरी कितनी ज्यादा हो जाएगी।

Hindish

वैज्ञानिको का मानना है कि एक वार्महोल को बनाने के लिए हमे पुरे एक सूरज जितनी ऊर्जा चाहिए। इसलिए वार्महोल को बनाना आशा नहीं है क्योंकि वर्तमान में इतनी ऊर्जा पैदा करना संभव नहीं है। लेकिन हो सकता है कि भविष्य में हम तकनीक के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ जाए तो इतनी ऊर्जा पैदा कर सके कि एक वार्महोल बना सके। आज के समय हम जो भी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर रहे है अगर कई सालो पहले कि बात करे तो उसकी कल्पना अगर कोई करता तो भी लोग उसे पागल कहते थे। अगर हम उस समय मोबाइल की बात करते तो लोग यही कहते कि क्या बकवास कर रहे हो हजारो किलोमीटर दूर इंसान एक दूसरे से कैसे बात कर सकता है। लेकिन वर्तमान समय में ये एक आम बात हो गयी है। इसलिए ये कहना बिल्किल गलत होगा कि आज जो कल्पना है वो गलत है। भविष्य में हम उस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम कर सकते है जो आज के समय बिलकुल असंभव है।  

आपको हमारी वार्महोल की जानकारी कैसी लगी निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताये। अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी तो अपने दोस्तों और परिवार के लोगो के साथ जरूर शेयर करिए।

प्रशांत यादव

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