Assam Me Ghumne Ki Jagah: असम भारत के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां पर एक से बढ़कर एक खूबसूरत और दर्शनीय स्थल हैं जो उत्तर भारत के पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पड़ाव है। गगनचुंबी नीले पर्वतों, इठलाती नदियों की घाटियों, आध्यात्म जैसे धरोहरों से सुसज्जित असम की हरी-भरी धरती भारत के पूर्वोत्तर हिस्से का प्रवेश द्वार भी माना जाता है। यदि आप प्रकृति की खूबसूरती को एकदम नजदीक से अनुभव करना चाहते हैं और कुदरत के नैसर्गिक माहौल में रम जाने के लिए बेकरार हैं तो आपको एक बार असम जरूर आना चाहिए। तो चलिये आज हम आपको बताते हैं असम के कुछ महत्वपूर्ण और दर्शनीय स्थलों (Assam Tourist Places In Hindi) के बारे में जहां पर सभी का कम से कम एक बार आना जरूर बनता है।
आपको बता दें कि असम देश में सबसे कम घूमें जाने वाले क्षेत्रों में से एक है जो जंगलों, नदियों, और सबसे ज्यादा चाय बागानों से भरा हुआ है। असम की पहचान उसके चाय बागानों से भी है। यह राज्य बांग्लादेश और भूटान दोनों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को साझा करता है और इसकी जीवंत संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है।
बात करें असम के प्रमुख पर्यटन स्थलों की तो आपको बता दें कि इस राज्य में एक या दो नहीं बल्कि कई सारी ऐसी खास जगहें हैं जहां पर ना सिर्फ देश के बल्कि विदेशों से भी लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां की यात्रा करने का सर्वोत्तम समय अक्टूबर से अप्रैल के बीच का है। असम राज्य सेवन सिस्टर स्टेट के प्रवेश द्वार की भूमिका निभाता है। असम के कई सारे प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्यो में काजीरंगा नेशनल पार्क, मानस नेशनल पार्क, डिब्रू-सैखोवा नेशनल पार्क, नामेरी नेशनल पार्क और पोबिटोरा वन्यजीव अभयारण्य शामिल है।
भारत के प्रमुख अभयारण्यो में शामिल काजीरंगा नेशनल पार्क असम का सबसे पुराना दर्शनीय स्थल है। यह असम के नौगांव जिले में स्थित है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में हाथियों का विशाल समूह, जंगली बिल्ली, सियार, हिरण, सांभर, लंगूर, तेंदुआ तथा इसके अवला भी और कई तरह के अलग-अलग जानवर देखने को मिलते हैं।
माजुली ब्रह्मपुत्र नदी में एक हरे-भरे पर्यावरण के अनुकूल प्राचीन और प्रदूषण मुक्त ताज़े पानी का द्वीप है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि करीब 1250 वर्ग किमी के कुल क्षेत्र के साथ माजुली दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है और यह दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह स्थान ज्यादातर आदिवासियों द्वारा बसाया गया है और इसकी संस्कृति एकदम अलग और बहुत ही ज्यादा रोचक भी है।
पूर्वी असम राज्य में स्थित शिवसागर नगर ब्रह्मपुत्र की सहायक ‘दिखू’ के किनारे स्थित है। बता दें कि शिवसागर झील के किनारे पर स्थित भगवान शिव को समर्पित शिवडोल सबसे ऊंचा मंदिर है। इसका निर्माण 1734 में अहोम राजा स्वर्गदेव सिबा सिंह की रानी ने करवाया था। सतह से करीब 195 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर को भारत का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। यहां पर आने वाले पर्यटक इस मंदिर की भव्यता को देख बेहद ही आकर्षित होते हैं।
बहुत कम ही लोगों को पता है कि असम में स्थित इस स्थान का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जोरहाट जिमखाना क्लब एशिया में बनाया गया पहला और पूरी दुनिया का तीसरा सबसे पुराना शहर है। जो भी व्यक्ति जोरहाट की यात्रा करता है उसे यहां पर एक दो नहीं बल्कि ढेर सारी यादें मिलती हैं जो आजीवन उसे याद रहती हैं।
असम का ना सिर्फ प्रकृतिक बल्कि पौराणिक महत्व भी काफी ज्यादा है। बता दें कि विश्व प्रसिद्ध कामाख्या देवी का मंदिर देवी मां के सभी शक्तिपीठों में से एक है और इसे अन्य सभी शक्तिपीठों में सर्वोत्तम का दर्जा प्राप्त है। बताया जाता है कि माता सती के प्रति भगवान शिव का मोह भंग करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के मृत शरीर के 51 भाग किए थे। जिस-जिस जगह पर माता सती के शरीर के अंग गिरे, वे शक्तिपीठ कहलाए। असम के इस स्थान पर माता सती का योनि भाग गिरा था, उसी से कामाख्या महापीठ की उत्पत्ति हुई।
बता दें कि असम की राजधानी दिसपुर और डिब्रुगढ़ भी यहां के दार्शनिक स्थलों में से एक हैं। इस राज्य में आने वाले हर पर्यटक को इन जगहों पर भी जरूर जाना चाहिए। ये वो स्थान हैं जो इस राज्य की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं.
दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। पसंद आने पर लाइक और शेयर करना न भूलें।
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…