Kanyakumari Tourist Places in Hindi: भारतीय प्रायद्वीप के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी, जो कि पूर्व में केप कैमोरिन के नाम से प्रसिद्ध था, भारत के तमिलनाडु में स्थित है। हिंदुस्तान की धरती के अंतिम छोर पर स्थित कन्याकुमारी एक खूबसूरत शहर है। यहां अरब सागर, हिन्द महासागर और बंगाल की खाड़ी का पानी एक दूसरे से आलिंगन करता है। यह शहर अपने नयनाभिरामी और शानदार ऊषाकाल और सन्ध्याकाल के लिये जाना जाता है, विशेषरूप से पूर्णिमा के दिनों में। चूंकि कन्याकुमारी समुद्र के किनारे बसा हुआ है और भारत की धरती का अंतिम छोर होने के साथ-साथ यह वह स्थान है जहां स्वामी विवेकानंद जी ने योग साधना की थी। इसे “केप कैमोरिन” के नाम से भी जाना जाता है।
कन्याकुमारी शहर सदियों से कला, संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक रहा है। भारत के पर्यटक स्थल के रूप में भी इसका अपना ही महत्व है। दूर-दूर तक फैले समुद्र के विशाल लहरों के बीच कन्याकुमारी का सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद आकर्षक लगता हैं। समुद्र बीच पर फैली रंग बिरंगी रेतें इसकी सुंदरता को अत्यधिक लुभावनी बना देती हैं। अगर आप कन्याकुमारी की सैर करने की योजना बना रहे हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि कन्याकुमारी में देखने योग्य कौन-कौन से पर्यटन स्थल हैं। बताना चाहेंगे कि अगर आप यहां आने का प्लान बना चुके हैं या फिर यहां पर पहुंच चुके हैं तो ऐसे में आपको हमारा ये लेख अवश्य पढ़ना चाहिए। बताते चलें कि समुद्र के किनारे बसे होने की वजह से यहां पर आने वाले पर्यटकों को बहुत ही शानदार नजारा मिलता है और इसके अलावा यहां के खूबसूरत मंदिर और ऐतिहासिक महल के साथ-साथ यहां पर बेहद खूबसूरत झरना भी है। जी हां, करीब 167 मीटर ऊंचे कोरटालम झरने को औषधीय माना जाता है। इस झरने में ज्यादातर पर्यटक स्नान करते हैं।
उदयगिरी किले को राजा मार्तंड वर्मा ने बनवाया था और उनके शासनकाल में इस किले का नाम डे लेनॉय किला था। इस किले में डे लेनॉय और उनकी पत्नी एवं बेटे की समाधि देखी जा सकती है। इसके अलावा किले के अंदर बंदूकों की ढलाई भी देखी जा सकती है। किले में एक बहत ही खूबसूरत जैव विविधता पार्क भी है जहां हिरण, बत्तख, पक्षी सहित 100 से भी अधिक किस्मों के पेड़ लोगों के आकर्षण का केंद्र होते हैं।
कन्याकुमारी के समुद्र तट पर स्थित यह मंदिर देवी कन्याकुमारी को समर्पित मंदिर है, जो देवी पार्वती का ही स्वरूप मानी जाती हैं। इसकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि इस मंदिर पर दर्शन हेतु भक्त और सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है।
समुद्र में बने इस स्थान को देखने के लिए टूरिस्ट भारी मात्रा में आते हैं। कन्याकुमारी के पवित्र स्थानों में से एक इस स्थान पर स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था। इसके अलावा माना जाता है कि यहां कन्याकुमारी ने भी तपस्या की थी और उनके पैरों के निशान अभी भी यहां हैं।
आपको यह जरूर जान लेना चाहिए कि कन्याकुमारी का पद्मनाभपुरम पैलेस तमिलनाडु के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। आपको यह जानकर बेहद ही हैरानी होगी कि पद्मनाभपुरम पैलेस दुनिया के शीर्ष दस महलों में से एक है। तकरीबन 6 एकड़ में फैला हुआ है यह शानदार पैलेस और पश्चिमी घाट के वेलि हिल्स की तलहटी में स्थित है। इस पैलेस को 17वीं शताब्दी में इराविपिल्लई इराविवर्मा कुलशेखर पेरुमल ने बनवाया था। पद्मनाभपुरम पैलेस ज्यादातर लकड़ी से बना है जो केरल की पारंपरिक वास्तुकला शैली को प्रदर्शित करता है।
कन्याकुमारी का प्लान बनाते समय यहां पर स्थित बहुत ही मशहूर नाग देव को समर्पित नागराज मंदिर में जरूर जाएं। बता दें कि यह मंदिर चीन की बुद्ध विहार की कारीगरी की याद दिलाता है।
यहां पर आपको एक हाल की बनी स्मारक पर भी अवश्य जाना चाहिए। बताते चलें कि यह स्मारक उन लोगों को सम्मानित करने के लिए खड़ा किया गया है, जिन्होंने कुछ साल पहले हुई दिल दहला देने वाली और विनाशकारी सुनामी के कारण भारत के दक्षिणी तट में अपनी जान गंवा दी थी। सुनामी स्मारक को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक यहां आते हैं। इसके अलावा यहां सुनामी में अपने प्रियजनों को खो चुके लोग श्रद्धासुमन अर्पित करने भी आते हैं।
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