Old Changi Hospital: बहुत से लोग दुनिया में रूहों व आत्माओं को देखने का दावा कर चुके हैं। वास्तव में आत्माएं हर जगह मौजूद हैं। यहां तक कि इस लेख को पढ़ते वक्त भी आपके आसपास उनकी मौजूदगी है। यहां हम आपको सिंगापुर के चंगी अस्पताल के बारे में बता रहे हैं, जिसे बनाया गया था जापानी सैनिकों के इलाज के लिए, लेकिन यह उनके लिए कब्रगाह साबित हुआ।
चंगी अस्पताल का निर्माण सिंगापुर में नार्थवन रोड के किनारे चंगी गांव के नजदीक 1930 में जापानी सैनिकों के इलाज के लिए कराया गया था, जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय चंगी के आसपास के इलाकों में अपना कब्जा जमा रखा था। इसलिए नाम इसका चंगी अस्पताल पड़ गया।
अस्पताल में इलाज के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं थे। कुछ नर्स, चिकित्सक और सुरक्षाकर्मियों की यहां मौजूदगी थी। घायल सैनिकों के मुकाबले चिकित्सक एवं चिकित्सकीय सुविधाएं बहुत कम थीं, जिससे घायल जापानी सैनिकों की मौत होने लगी और संख्या हजारों में पहुंच गई।
इतनी बड़ी संख्या में चंगी अस्पताल में सैनिकों के मरने की वजह से एक बीमारी फैल गई, जिससे दो नर्स व एक चिकित्सक की भी मौत हो गई। यह एक बड़ा ही विशाल भवन वाला अस्पताल था, जिसमें कई सारे ब्लॉक और वार्ड थे।
चंगी अस्पताल में लगातार सैनिकों की मौत से यह अस्पताल एक मनहूस जगह में तब्दील हो चुका था। अधिकतर घायल सैनिकों की यहां मौत हो जाती थी। उनकी रूहों ने यहां भटकना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे हालात ऐसे होते चले गए कि यहां बड़ी संख्या में सैनिकों की मौत के बाद उनकी आत्माओं ने यहीं अपना डेरा जमा लिया।
इन जवानों की रूहों को तब से लेकर आज तक इस चंगी अस्पताल में महसूस किया जा रहा है। अस्पताल के पीछे एक ब्लॉक बना था, जिसे मर्च्यूरी कहते थे। लाशों को यहीं रखा जाने लगा। सैकड़ों लाशें यहां लाई जाने लगीं। अस्पताल के दूसरे माले पर एक रात एक वृद्ध व्यक्ति का साया कुछ लोगों ने देखा था। अस्पताल प्रबंधन को इस बारे में बताया भी गया, लेकिन उसने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
दूसरे माले से बाद में एक व्यक्ति नीचे गिर गया, जिसने घायल अवस्था में बताया कि ऐसा लगा जैसे किसी ने उसे धक्का दिया हो। बाद में उसकी मौत हो गई। चंगी अस्पताल के दूसरे माले से ठहाके लगाने की भी आवाज आती है।
अस्पताल के बारे में बताया जाता है कि यहां एक गर्भवती नर्स के पेट में इलाज के दौरान गुस्से में एक जवान ने लात मार दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। तब से कभी उसकी आत्मा यहां जमीन पर रेंगती हुई, कभी बचने के लिए गुहार लगाती हुई नजर आती है। एक व्यक्ति ने चंगी अस्पताल के तीसरे माले पर उसकी रूह को भी देखने का दावा किया था।
अस्पताल घूमने आए दो भाइयों ने यहां एक चौकीदार का भूत होने की भी बात कही थी और कहा था कि यहां आने पर चौकीदार ने उनसे काफी देर तक बात भी की थी। एक भाई का हाथ पकड़ कर दूसरे माले पर जाने से चौकीदार ने रोका भी था, जिससे हाथ पर काला निशान पड़ गया था। बाद में चौकीदार गायब हो गया था। फिर वे लोग घबराकर वहां से भाग निकले थे।
चारों तरफ इस अस्पताल में आत्माओं ने अपना कब्जा जमा रखा है। यही कारण है कि किसी को भी इस अस्पताल में अकेले घूमने नहीं दिया जाता है। विशेषकर इसके दूसरे माले से अब तक तीन जनों की गिरकर मौत हो चुकी है। आप भी यदि कभी इस अस्पताल में घूमने जा रहे हैं तो अकेले कभी न जाएं, क्योंकि रूहों के एहसास मात्र से भी कई बार यहां हादसा हो जाता है।
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