ज़रा हटके

कोरोना की दीवार: 1600 किमी पैदल चलकर पहुंचा घर, मां ने नहीं खोला दरवाजा

कोरोना वायरस के डर की वजह से अब रिश्तो की भी परत खुलनी शुरू हो गई है। इसका ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के वाराणसी में देखने को मिला है। वाराणसी के कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत दवा मंडी सप्तसागर के पास के रहने वाले अशोक केसरी के साथ एक ऐसी घटना घटी है, जिसे वे जिंदगीभर नहीं भूल पाएंगे।

Covid-19 – सफर के बाद जब पहुंचे घर

अशोक केसरी सेंट्रल मुंबई के नागपाड़ा इलाके में एक होटल में काम करते हैं। कोरोना वायरस के फैलने की वजह से जब प्रधानमंत्री मोदी की ओर से 21 दिनों के देशभर में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई तो अशोक केसरी रेलवे पटरियों के सहारे वाराणसी स्थित अपने घर के लिए निकल पड़े। 1600 किलोमीटर का सफर तय करके किसी तरीके से वाराणसी तो पहुंच गए, लेकिन जब वे अपने घर के दरवाजे पर पहुंचे तो न तो उनकी मां ने उनके लिए दरवाजा खोला और न ही भैया या भाभी ने, जबकि अशोक जांच के बाद अपने घर पहुंचे थे। क्वॉरेंटाइन का उन्हें निर्देश मिला था। अंत में पुलिस ने मैदागिन स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में अशोक को भर्ती करवाया। अशोक की हालत अब ठीक है। हालांकि वे अभी बहुत थके हुए हैं।

दोस्तों के साथ निकले Covid-19

अपने दोस्तों के साथ अशोक मुंबई से निकले थे। वाराणसी कैंट स्टेशन पहुंच कर घरवालों को उन्होंने इसकी जानकारी दी। उनके दोस्त पंडित दीनदयाल नगर और रामनगर क्षेत्र के रहने वाले थे। घरवालों ने मोहल्ले में बताया तो हड़कंप मच गया। इधर अशोक जांच कराने के लिए मंडलीय अस्पताल पहुंच गए। काफी देर तक भटकने के बाद उन्हें बताया गया कि पंडित दीनदयाल अस्पताल में जांच हो रही है। फिर वे वहां पहुंच गए। यहां उनकी जांच की गई और उन्हें 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन करने का निर्देश दिया गया।

थकान है अशोक को

कोतवाली इंस्पेक्टर महेश पांडे के अनुसार घर वालों को शक है कि मुंबई में अशोक कोरोना के संक्रमण का शिकार हो गए होंगे। हालांकि, जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला है। फिर भी पुलिस को जानकारी होने पर थकान के कारण उन्होंने अशोक को अस्पताल में भर्ती कराया। यदि घर वाले उन्हें रखने के लिए भी तैयार नहीं होते हैं तो उन्हें किसी सुरक्षित जगह पर रखा जाएगा। अशोक में कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं।

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भेजता था पैसे

बताया जाता है कि अशोक जो कुछ वहां कमाते थे, उनमें से कई बार उन्होंने अपनी मां और भाभी को भी पैसे भेजे थे। रास्ते में भूखे-प्यासे चलते रहे। जहां कुछ थोड़ा बहुत खाने को मिला, वहां खा लिया। वाराणसी पहुंचने के बाद अशोक ने बाकी दोस्तों की जानकारी पुलिस को दे दी है, जिसके बाद पंडित दीनदयाल नगर और रामनगर क्षेत्र पुलिस को भी सूचना दे दी गई है कि इन सभी की जांच करवाई जाए।

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Shikha Yadav

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