Image Source - Twitter@UKMeteorNetwork
Meteorite Dropped From The Sky In Britain: दुनिया भर के वैज्ञानिकों को बीते 28 फरवरी को किसी अनहोनी की चिंता सताने लगी थी, जब आसमान से आग के कुछ जलते गोले ब्रिटेन और उत्तरी यूरोप में गिरे थे। वैज्ञानिकों को लगने लगा था कि आखिर प्रकृति ऐसा क्या करने जा रही है कि इस तरह के गोले आसमान से गिरे हैं।
हालांकि, जब वैज्ञानिकों ने इन उल्कापिंड की जांच की तो उनकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहा। वह इसलिए कि पृथ्वी के बारे में बहुत सी जानकारी इन उल्कापिंड के माध्यम से हासिल की जा सकती है। ब्रिटेन के कॉटस्वॉल्ड इलाके में बीते 28 फरवरी की रात को आसमान से ये उल्कापिंड गिरे थे।
यह पहला मौका नहीं है, जब उल्कापिंड और पत्थर जैसी चीजें आसमान से गिरी हैं। इस बार इनका गिरना इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वैज्ञानिकों ने कल्पना भी नहीं की थी कि इस तरह का उपहार प्रकृति भेज सकती है।
उल्कापिंड की जांच करने के बाद यह पता चला है कि कई रहस्यमई ताकतें इसमें छिपी हुई हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पृथ्वी के शुरुआती इतिहास के बारे में इससे जानकारी मिल सकती है। साथ ही यह भी पता चल सकता है कि पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत आखिर किस तरह से हुई थी। जो उल्कापिंड ब्रिटेन में आसमान से गिरे हैं, उनका वजन 300 ग्राम का है।
ब्रिटेन के ग्लूस्टरशायर से वैज्ञानिकों ने इसे खोजने में सफलता हासिल की है। यह जो पत्थर का टुकड़ा आसमान से गिरा(Meteorite Dropped From The Sky In Britain) है, बताया जा रहा है कि यह करबोनेसस कोनड्राइट से निर्मित है। संभव है कि धरती पर मौजूद जो प्राचीनतम पदार्थ हैं, उनसे मिलकर इस पत्थर के टुकड़े का निर्माण हुआ है।
पत्थरों के टुकड़ों में मौजूद कार्बनिक पदार्थ और अमीनो एसिड से वैज्ञानिक बहुत ही उत्साहित हैं, क्योंकि ये दोनों ही चीजें इंसानों में मौजूद हैं। ऐसा माना जाता है कि इन दोनों रसायनों का इंसानी जीवन के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लंदन की नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम ने उल्कापिंड के बारे में बताया है कि आसमान से गिरने(Meteorite Dropped) के बाद भी इन पत्थरों की क्वालिटी बहुत ही अच्छी है।
इन्हें देखकर ऐसा लग रहा है जैसे वैज्ञानिक खुद इसे अंतरिक्ष से लेकर आए हैं। इतनी अधिक संख्या में और इतनी अच्छी गुणवत्ता के साथ इस तरह से किसी पत्थर का आसमान से गिरना वास्तव में हैरान कर देने वाला है।
इन उल्कापिंड को वैज्ञानिकों ने दुर्लभ से भी दुर्लभ करार देते हुए कहा है कि इतनी तेज रफ्तार से आसमान से गिरने के बाद भी इनका पूरी तरीके से सुरक्षित रहना एक चमत्कार ही कहा जा सकता है। वैज्ञानिक यह भी बता रहे हैं कि पृथ्वी पर जो पत्थर पाए जाते हैं, उनसे तुलना करें तो ये उल्कापिंड बहुत ही पुराने हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि अरबों साल पुराने ये पत्थर हो सकते हैं।
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वैज्ञानिकों को इस बात की उम्मीद है कि लाखों वर्षों से अंतरिक्ष में यात्रा कर रहे इन पत्थरों के अब जाकर धरती पर गिरने से पृथ्वी के बारे में कई तरह के रहस्यों का खुलासा हो पाएगा।
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