मध्य प्रदेश, जिसे हम गर्व से Heart of Incredible India कहते हैं, अब सिर्फ घूमने की जगह नहीं बल्कि रोज़गार और विकास का नया दरवाज़ा बन चुका है। सालों तक अवॉर्ड्स की झड़ी लगाने के बाद अब मध्य प्रदेश टूरिज़्म जन-आधारित विकास मॉडल में बदल गया है। आइए जानते हैं कैसे MP टूरिज़्म 2025 में नए मुकाम छू रहा है — और कैसे यह लाखों लोगों की ज़िंदगी बदल रहा है।
टूरिज़्म से GDP में दमदार योगदान
2025 के आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश टूरिज़्म का योगदान राज्य की GDP में 3–3.5% तक पहुंच चुका है। राज्य सरकार का लक्ष्य इसे 2028 तक 4–5% और 2047 तक 8–10% तक ले जाने का है। यह ग्रोथ सिर्फ आंकड़ों में नहीं, बल्कि रोज़गार के अवसरों में भी दिख रही है।
TOI के अनुसार, ₹10 लाख के निवेश से करीब 90 नौकरियां पैदा हो रही हैं, जिसमें डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रोजगार शामिल हैं।
वीडियो देखिए और जानिए कैसे मध्य प्रदेश टूरिज़्म बना रोज़गार
रोजगार और आत्मनिर्भरता
मध्य प्रदेश के टूरिज़्म सेक्टर में होटल, रिसॉर्ट्स, ट्रैवल सर्विसेज, टाइगर रिजर्व्स के आसपास के लॉज और गाइड्स — सबमें रोजगार के मौके बढ़े हैं। खास बात यह है कि टाइगर रिज़र्व्स के पास बने लॉज में 80% कर्मचारी स्थानीय लोग हैं। इससे गांव के लोगों की कमाई बढ़ी है और उनकी ज़िंदगी में स्थायित्व आया है।
महिलाओं की भागीदारी भी खास रही है। होमस्टे, हैंडीक्राफ्ट ट्रेनिंग और रूरल टूरिज़्म के जरिए महिलाएं न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं बल्कि अपने समुदाय की लीडर भी बन रही हैं।
कनेक्टिविटी और लोकेशन — MP का बड़ा प्लस पॉइंट
भारत के बीचों-बीच बसे MP की कनेक्टिविटी इसका सबसे बड़ा फायदा है। यहां 6 एयरपोर्ट्स चालू हैं, जिनमें इंदौर और भोपाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं। रीवा और दतिया में भी नए एयरपोर्ट्स जल्द शुरू होने वाले हैं। PM श्री पर्यटन एयर सर्विस ने इन्ट्रा-स्टेट ट्रैवल को आसान बना दिया है। Invest MP GIS 2025 जैसे इवेंट्स से प्राइवेट इन्वेस्टमेंट भी टूरिज़्म में आ रहा है।
टूरिज़्म को रीजनल नेटवर्क से जोड़ने की कोशिश
MP सरकार ने Ganga-Narmada Tourism Corridor के जरिए मध्य प्रदेश को प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या जैसे धार्मिक स्थलों से जोड़ने का बड़ा कदम उठाया है। राम पथ गमन कॉरिडोर के जरिए श्रीराम से जुड़े स्थलों को भी एक यात्रा पथ से जोड़ा जा रहा है। यूपी के टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स के साथ वर्कशॉप और टूर भी करवाए जा रहे हैं, जिससे रीजनल टूरिज़्म को मजबूती मिल रही है।
मध्य प्रदेश का बहुआयामी टूरिज़्म
- ऐतिहासिक पर्यटन: खजुराहो के मंदिर, सांची के स्तूप और भीमबेटका की गुफाएं।
- वन्यजीवन पर्यटन: 12 नेशनल पार्क और 25 वाइल्डलाइफ सैंक्चुरीज़ — कन्हा, बांधवगढ़ और कुनो जैसे टाइगर रिज़र्व्स। कुनो में चीता की वापसी से इतिहास रचा गया।
- धार्मिक पर्यटन: ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाकाल लोक का रिकॉर्डतोड़ विकास — जहां 2021 में 9.6 लाख श्रद्धालु थे, वहीं 2022 में यह संख्या 181.6 लाख पहुंच गई।
- एडवेंचर पर्यटन: ट्रेकिंग, ज़िप लाइनिंग, बंजी जंपिंग, रिवर राफ्टिंग, कयाकिंग — यहां सब कुछ है।
- संस्कृति और फेस्टिवल: मांडू फेस्टिवल, ओरछा उत्सव, जल महोत्सव, खजुराहो डांस फेस्टिवल — जहां नाच-गाना, लोककला, और खान-पान सब कुछ मिलता है।
- ग्रामीण पर्यटन: होमस्टे और रूरल सर्किट्स से असली भारत का अनुभव।
- फिल्म टूरिज़्म: 450 से ज़्यादा फिल्म प्रोजेक्ट्स यहां शूट हो चुके हैं। 2020 की फिल्म टूरिज़्म पॉलिसी ने इसे और भी आकर्षक बना दिया है।
मध्य प्रदेश — सिर्फ पर्यटन नहीं, प्रगति का मॉडल
मध्य प्रदेश टूरिज़्म सिर्फ पोस्टकार्ड लोकेशन्स तक सीमित नहीं है। यहां हर टूरिस्ट के पीछे एक गांव, एक परिवार और एक समुदाय खड़ा है। ₹10 लाख के निवेश से 90 नौकरियां पैदा होती हैं — यह बताता है कि टूरिज़्म यहां एक नई क्रांति की शुरुआत कर रहा है।
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