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रक्षाबंधन के मौके पर सुशांत की बड़ी बहन नीतू सिंह ने लिखा उनके नाम बेहद इमोशनल कविता!

Sushant’s Sister Nitu wrote emotional note on Raksha Bandhan: हर भाई-बहन के लिए रक्षाबंधन का त्यौहार बेहद ख़ास होता है। भले ही पूरे साल भाई अपनी बहन से दूर रहे लेकिन राखी के मौके पर उसके पास जरूर पहुंच जाता है। कल पूरे देश ने काफी धूम धाम के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें इस बार उनके भाई का प्यार नसीब नहीं हुआ। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहनें(Sushant’s Sister) भी उनमें से थीं जो इस साल क्या अब कभी दोबारा उन्हें राखी नहीं बाँध पाएंगी। कल रक्षाबंधन ने पावन अवसर पर सुशांत सिंह राजपूत की बड़ी बहन नीतू सिंह(Nitu Singh) ने उनके नाम एक बेहद इमोशनल कविता लिखी । आइये आपको बताते हैं इस बहन ने कभी ना लौटकर आने वाले अपने भाई के लिए क्या लिखा है।

यह पहली राखी थी जब नीतू ने सुशांत को राखी नहीं बाँधी

रक्षाबंधन का त्यौहार हर भाई बहन(Sushant’s Sister) के प्यार भरे रिश्ते को दर्शाता है। सुशांत सिंह राजपूत(Sushant Singh Rajput) की बड़ी बहन नीतू सिंह के लिए यह पहली बार रहा जब वो अपने प्यारे भाई की कलाई पर राखी नहीं बाँध सकीं। नीतू उन्हें प्यार से गुलशन बुलाती थीं और सुशांत उन्हें “रानी दी” बुलाते थे। इस बार रक्षाबंधन पर सुशांत को राखी ना बाँध पाने का दर्द उन्होनें अपनी कविता में व्यक्त किया है। अपने लिखे बेहद इमोशनल कविता में उन्होनें साफतौर से दर्शाया है कि, वो किस कदर सुशांत को याद करती हैं। उन्होनें अपनी कविता में लिखा है कि, बीते 35 सालों में यह पहली बार था जब उन्होनें सुशांत को राखी नहीं बाँधी। कल रक्षाबंधन के अवसर पर नीतू सिंह की लिखी कविता से साफ़ उनके दर्द का अंदाजा लगाया जा सकता है। बीते 14 जून को सुशांत की मौत के बाद यह पहली बार था जब उनकी बड़ी बहन ने अपने इमोशन शेयर किए।

काफी भावुक कर देने वाला है नीतू की यह कविता

अपने भाई सुशांत के लिए लिखी कविता में नीतू ने लिखा है कि, “आज मेरा दिन है, आज तुम्हारा दिन है, आज हमारा दिन है, आज राखी है। नीतू ने अपनी इस कविता में “गुलशन” को (सुशांत को) अपना भाई नहीं बल्कि अपने बेटे के तौर पर संबोधित किया है। उन्होनें लिखा है, “35 सालों में यह पहली बार है जब आरती की थाल तैयार है, दीया जल रहा है, टीका तैयार है, मिठाई और राखी भी रखीं हैं बस वो मुस्कुराता हुआ चेहरा नहीं है जिसकी मैं आरती उतारती थी। आज वो माथा नहीं है जिस पर तिलक लगाती थी, वो कलाई नहीं है जिसपर राखी बांधती थी, वो मुँह नहीं है जिसे मिठाई खिलाती थी, वो माथा नहीं है जिसे चूमती थी, मेरा भाई नहीं है जिसे गले लगाती थी।”

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इस कविता में नीतू ने अपने बचपन के खट्टे मीठे पलों का भी जिक्र किया है। इसके साथ ही उन्होनें लिखा है कि, ऐसा कभी नहीं सोचा था कि एक दिन ऐसा दिन भी आएगा। लाफिंग कलर्स की इस रिपोर्ट के अनुसार सुशांत सिंह राजपूत को ना केवल उनका परिवार बल्कि उनके फैंस भी बेहद मिस करते हैं।

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Indira Jha

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