केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए किसान बिल(Kissan bill) का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। खासकर पंजाब और हरियाणा के किसान खासकर इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। हजारों किसान हरियाणा बॉर्डर पर जमा है और दिल्ली की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। इस विरोध का मकसद यह है कि वह लोग केंद्र सरकार के सामने अपनी प्रक्रिया पेश कर सके और इस कानून को वापस लेने की मांग कर सके। किसान पुलिस द्वारा रोके जाने के कार्यवाही का डटकर मुकाबला करने को तैयार हैं। दिल्ली में आज और कल किसानों का पुरजोर विरोध होने वाला हैं। इस विरोध में पंजाब के अलावा उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, केरल और उत्तर प्रदेश के किसान भी शामिल हैं। इसी बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोनावायरस(Coronavirus) की वजह से किसी भी तरह का आंदोलन करने पर रोक लगाया है। गुरुग्राम पऔर फरीदाबाद बॉर्डर पर सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं।
स्वराज इंडिया(Swaraj India) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जिनका नाम योगेंद्र यादव(Yogendra Yadav) है उनको गुरुग्राम पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। योगेंद्र यादव किसानों के साथ हरियाणा से दिल्ली की ओर आ रहे थे। उनके साथ 500 से भी ज्यादा किसान मौजूद थे, तभी गुरुग्राम पुलिस ने उनको बिलासपुर इलाके से हिरासत में ले लिया। खबरों के मुताबिक हरियाणा पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई थी।
योगेंद्र यादव(Yogendra Yadav) को जब पुलिस ने हिरासत में लिया तो उन्होंने कहा कि “यह लोग कह रहे हैं कि मैं शांति भंग कर रहा हूं, मुझे Pandemic Act का उल्लंघन करने का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, किसानों पर पानी की बौछार की जा रही है, क्या इस देश में किसान होना अपराध है?” रविवार को मेवात में जब “हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रैली की थी तब करोना नहीं था?” योगेंद्र यादव के मुताबिक सरकार किसान विरोधी तीन काले कानून लेकर आए हैं लेकिन फिर भी वह लोग अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
यह आंदोलन कृषि कानून(Kissan Bill) के खिलाफ हो रहा है। 500 से भी ज्यादा किसान इस में जुड़े हुए हैं जो कि दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं पर उन्हें दिल्ली में आने से रोका जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर हरियाणा में देखा जा रहा है जहां पर पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली आना चाहते हैं पर पुलिस उन्हें किसी भी कीमत पर दिल्ली आने से रोक रही है।
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पंजाब के किसान और हरियाणा पुलिस(Haryana Police) के बीच में झड़प की भी खबरें आ रही हैं। इस आंदोलन के दौरान किसानों ने एक पुल के ऊपर लगाए हुए बैरिकेट्स भी तोड़ कर नदी में फेंक दिए थे। किसानों ने अपने हाथों में लाठी, डंडे, झंडा और तलवार लेकर भी आंदोलन किया है और पत्थर भी फेंके गए हैं। इससे पहले उन पर आंसू गैस के गोले बरसाए गए और पानी की बौछारें की गई है।
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