Featured

समुद्र में बिछाई गई इस केबल से चंद सेकंड में ही डाउनलोड कर पाएंगे फिल्में!

Optical Fibre Cable Project: देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज समुद्र के भीतर बिछाए गए अंडर-सी केबल लिंक का उद्घाटन किया है। आज तक की एक रिपोर्ट के अनुसार इस अंडर वाटर केबल(Undersea Water Cable) के बिछाए जाने से विशेष रूप से अंडमान निकोबार द्वीप समूह(Andaman and Nicobar Islands) को इंटरनेट कनेक्टिविटी तेज रफ़्तार की मिल पाएगी। इसके साथ ही इसके माध्यम से अब फिल्मों को भी इंटरनेट से महज चाँद सेकंड में ही डाउनलोड किया जा सकेगा। आइए इसके बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।

प्रधानमंत्री ने उद्घाटन कही ये बातें

Image Source – Shutterstock.com

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने आज अंडर-सी केबल कनेक्टिविटी का उद्घाटन करते हुए कहा कि, “अंडमान द्वीप समूह को मिलने वाली इस सुविधा का बड़ा लाभ यहाँ आने वाले टूरिस्टों को भी व्यापक रूप में मिल सकेगा।” उन्होनें कहा कि, आज किसी भी टूरिस्ट प्लेस पर पहली प्राथमिकता बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी का होना होता है। इस अंडर वाटर केबल की बात करें तो इसे बीएसएनएल ने दो साल से भी कम समय में बनाकर तैयार किया है। यह अपने आप में किसी रिकॉर्ड से कम नहीं है। इसे ओएफसी नाम दिया गया है और इस कनेक्टिविटी की वजह से अब अंडमान सहित आस पास के द्वीपों पर 4 जी सेवा को भी रफ़्तार मिल सकेगा। गौरतलब है कि, इस अंडर वाटर केबल के बिछाए जाने से अब टेली-हेल्थ, टेली-एजुकेशन और ई-गवर्नेंस जैसी सुविधाओं को काफी बढ़ावा मिलेगा। इस अंडर-सी केबल लाइन को चेन्नई से लेकर पोर्ट ब्लेयर तक समुद्र के भीतर बिछाया गया है।

कैसे बिछाई जाती है समुद्र के भीतर केबल लाइन

Image Source – Twitter

जानकारी हो कि, समुद्र के अंदर केबल की लाइनों को बिछाने के लिए एक अलग तरह के जहाज का उपयोग किया जाता है। इन जहाजों पर केबल को लोड किया जाता है और एक हल जैसे उपकरण से केबल लाइन को समुद्र के भीतर बिछाया जाता है। हल जैसी यह मशीन विशेष रूप से केबल(Optical Fibre Cable) को समुद्र के भीतर बिछाने के लिए जमीन तैयार करती है। इसके साथ ही जहाज में एक मॉनिटर लगा होता है जिसकी स्क्रीन पर लाइन को बिछते हुए देखा जा सकता है। समुद्र के भीतर केबल लाइन को बिछाने के बाद उसे एक रिमोट के माध्यम से ऑपरेट किया जाता है। इस दौरान इस बात का विशेष ख्याल रखा जाता है कि, समुद्र तल में केबल को बिछाने में कोई बाधा न आये। इस अंडर-सी केबल लाइन को चेन्नई से लेकर पोर्ट ब्लेयर तक समुद्र के भीतर करीबन 2313 किलोमीटर तक बिछाया गया है। इसमें कुल लागत बारह सौ करोड़ रूपये की आई है। बता दें कि, इस ऑप्टिकल फाइबर केबल(Optical Fibre Cable) को बिछाए जाने के बाद अब अंडमान निकोबार सहित सात और द्वीप बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी से जुड़ गए हैं।

यह भी पढ़े

इसके अलावा इन द्वीपों पर रहने वाले लोग अब महज कुछ ही सेकंड के भीतर फिल्में भी डाउनलोड कर सकेंगे। अंडमान में जहाँ लोगों को 400 जीबी प्रति सेकंड की रफ़्तार मिलेगी वहीं अन्य द्वीपों पर दो सौ जीबी प्रति सेकंड की स्पीड मिलेगी।

Facebook Comments
Indira Jha

Share
Published by
Indira Jha

Recent Posts

हिमाचल प्रदेश की वो झील जहां अंधेरे में आती हैं परियां, जानें क्या है इस फेमस लेक का राज़

Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…

2 weeks ago

घर में ही शुगर लेवल को ऐसे करें मैनेज, डॉक्टर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…

2 weeks ago

इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गोंद कतीरा, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…

3 weeks ago

दिलजीत दोसांझ को फैन के साथ किया गया फ्रॉड, सिंगर के इस कदम ने जीता सबका दिल

Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…

3 weeks ago

आखिर क्या है वायु कोण दोष? जानिए ये कैसे होता है और इसके प्रभाव क्या हैं?

Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…

4 weeks ago