Vehicle Number Plate In India : अक्सर आपने सड़क पर गुजरने वाले वाहनों में अलग-अलग रंग की नंबर प्लेट(Vehicle Number Plate) देखी होगी। लेकिन ज्यादातर हम सफेद या टैक्सी में लगने वाली पीली रंग की नंबर प्लेटों के बारे में ही जानते हैं, जिसका इस्तेमाल कमर्शियल यूज के लिए किया जाता है। वहीं वीआईपी या एंबेसडर की गाड़ियों में इन नंबर प्लेटों का रंग बदल जाता है।
सफेद रंग की नंबर प्लेट(White Number Plate) के इस्तेमाल के बारे में सभी जानते हैं जो कि सबसे आम है। इस रंग का प्रयोग पर्सनल गाड़ियों के लिए होता है, जिसमें सफेद रंग की प्लेट के ऊपर काले रंग से नंबर लिखे होते हैं। इस रंग की नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का इस्तेमाल कमर्शियल यूज़ के लिए नहीं किया जा सकता।
पीली रंग की प्लेट(Yellow Number Plate) का इस्तेमाल कमर्शियल व्हीकल या गाड़ियों के लिए किया जाता है। सड़कों पर चलने वाली टैक्सियां यां ट्रकों में इसी रंग की प्लेट लगी होती है। इस रंग की प्लेट पर भी काले रंग से नंबर लिखे होते हैं।
नीले रंग की नंबर प्लेट(Light Blue Number Plate) विदेशी प्रतिनिधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली गाड़ियों में किया जाता है। इस रंग की नंबर प्लेट की गाड़ियां आपको दिल्ली जैसे शहरों में आसानी से देखने के लिए मिल जाएंगी क्योंकि यहां चाणक्यपुरी इलाके में सारे देशों की एंबेसी बनीं हुई है। नीली प्लेट से पता चलता है कि ये गाड़ी किसी देश के एंबेसी की है, या फिर यूएन मिशन के लिए है।
पीली प्लेट वाली गाड़ियों की तरह काले रंग की प्लेट (Black number plate) वाली गाड़ियां भी आमतौर पर कमर्शियल वाहन ही होती हैं, लेकिन ये किसी खास व्यक्ति के प्रतीक के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। आमतौर पर बड़े-बड़े होटलों में काली नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को देखा जा सकता है, जिसके ऊपर पीले रंग से नंबर लिखा होता है।
अगर आपको कोई लाल रंग की नंबर प्लेट (Red Coloured Plate) वाली गाड़ी दिखे तो इससे आप समझ जाएं कि गाड़ी के अंदर भारत के राष्ट्रपति या फिर किसी राज्य के राज्यपाल बैठा है। ये लोग बिना लाइसेंस की ऑफिशियल गाड़ियों का उपयोग करते हैं। इस प्लेट में गोल्डन रंग से नंबर लिखे होते हैं और साथ ही अशोक की लाट का चिन्ह बना होता है।
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जब कभी भी आपको नंबर प्लेट पर तीर(Number plate with upward pointing arrow) बना हुआ दिख जाए तो इसका अर्थ है कि यह मिलिट्री या सैन्य बल के इस्तेमाल में आने वाली गाड़ी है। इसका आवंटन गृह मंत्रालय द्वारा किया जाता है। इन गाड़ियों में नंबर की शुरुआत या तीसरे अंक की जगह ऊपर की तरफ निशान वाला तीर बना होता है, जिसे ब्रॉड एरो भी कहा जाता है। खास बात यह है कि तीर से पहले लिखे दो अंक इस बात को दर्शाते हैं कि सैन्य बल द्वारा इस गाड़ी को कौन से वर्ष में खरीदा गया है, वही नंबर प्लेट पर कुल 11 अंक होते हैं।
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