Featured

जानिये क्या है किसान बिल, जिससे पंजाब की सियासत में आया भूचाल

लंबे समय से एनडीए गठबंधन की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के रिश्ते भाजपा के साथ खराब होते नज़र आ रहे। गुरुवार को किसान बिल(Kisan Bill) के पारित होने के चलते इस गठबंधन में फूट पड़ गई है। शिरोमणी अकाली दल(Shiromani Akali Dal) की दिग्गज नेता और केंद्र सरकार में फूड प्रॉसेसिंग मंत्री हरसिमरत कौर बादल(Harsimrat Kaur Badal) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। फिलहाल अकाली दल के समर्थन वापस लेने को लेकर कोई खबर सामने नहीं आई है, लेकिन हरसिमरत कौर बादल(Harsimrat Kaur Badal) ने इस्तीफा किसान बिल(Kisan Bill) के विरोध में दिया है। जिसको लेकर लंबे समय से पंजाब और हरियाणा के किसानों में आक्रोश था।

इसमें किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल-2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल-2020 और मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता बिल, 2020 शामिल है जिसे सरकार ने संसद में पेश कर दिया है।

Kisan Bill: क्या है किसान बिल

Image Source – Photodollar.in

किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल-2020 – राज्य सरकारों को मंडियों के बाहर की गई कृषि उपज की बिक्री और खरीद पर कोई कर लगाने से रोक लगाता है और किसानों को इस बात की आजादी देता है कि वो अपनी उपज लाभकारी मूल्य पर बेच सकें।

आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल – 2020 करीब 65 साल पुराने वस्तु अधिनियम कानून में संशोधन किया गया है। इस बिल में अनाज, दलहन, आलू, प्याज समेत कुछ खाद्य वस्तुओं (तेल) आदि को आवश्यक वस्तुओं को बाहर किया जा रहा।

मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता बिल – 2020 में प्रावधान किया गया है कि किसान पहले से तय मूल्य पर कृषि उपज की आपूर्ति के लिए लिखित समझौता कर सकते हैं। इसके लिए सरकार नए दिशा-निर्देश भी जारी करेगी ताकि बिचौलिए का किरदार खत्म कर किसानों को ज्यादा मूल्य मिल सके।

किसान क्यों हैं परेशान ?

Image Source – Photodollar.in

इस बिल(Kisan Bill) के पारित होने से सबसे बड़ा खतरा किसानों को उनकी फसल की एमएसपी का है। किसानों का मानना है कि सरकार बिल की आड़ में उनका न्यूनतम समर्थन मूल्य वापस लेना चाहती है। वहीं इससे जुड़े कमीशन कमाने वाले एजेंटों को लग रहा कि नए कानून से उनकी आय पर इसका बड़ा असर पड़ेगा और पहले के मुकाबले उनकी आय लगभग खत्म हो जाएगी।

यह भी पढ़े

बैकफुट पर अकाली दल

Image Source – PTI

इस मामले में शिरोमणि अकाली दल(Shiromani Akali Dal) अब बैकफुट पर नज़र आ रहा है। महीने भर पहले अकाली दल किसान अध्यादेश का समर्थन कर रहा था लेकिन किसान के विरोध को देखते हुए उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और अब पार्टी इस बिल का विरोध कर रही है। दरअसल पंजाब में डेढ़ साल में चुनाव होने वाले हैं और अकाली दल को डर है कि कहीं वे किसान जो कि उसका पंजाब में सबसे बड़ा वोट बैंक है उसे न खो दें।

Facebook Comments
Anupam Pandey

Share
Published by
Anupam Pandey

Recent Posts

हिमाचल प्रदेश की वो झील जहां अंधेरे में आती हैं परियां, जानें क्या है इस फेमस लेक का राज़

Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…

1 week ago

घर में ही शुगर लेवल को ऐसे करें मैनेज, डॉक्टर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…

1 week ago

इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गोंद कतीरा, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…

2 weeks ago

दिलजीत दोसांझ को फैन के साथ किया गया फ्रॉड, सिंगर के इस कदम ने जीता सबका दिल

Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…

3 weeks ago

आखिर क्या है वायु कोण दोष? जानिए ये कैसे होता है और इसके प्रभाव क्या हैं?

Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…

4 weeks ago