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Coronavirus Effects: कोरोना वायरस की दवा अभी तक मार्केट में भले ना आई हो लेकिन इस वायरस के बारे में रोज नए अपडेट जरूर सुनने को मिल रहे हैं। कोरोना वायरस (Coronavirus) के लेटेस्ट अपडेट में ये बात सामने आई है कि, 32 देशों के दो सौ से भी ज्यादा वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को एक चिट्ठी लिखी थी, इस लेटर में उन्होनें लिखा है कि, कोरोना एयरबॉर्न वायरस है और ये हवा में भी फ़ैल सकता है। इन देशों के वैज्ञानिकों ने इसके कुछ प्रमाण भी पेश किये थे। फैक्ट्स की बात करें तो वैज्ञानिकों ने इस वायरस के छोटे कणों को हवा में रहते हुए लोगों को संक्रमित होने का दावा किया है। आजतक की रिपोर्ट के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन की उनकी बात को अब मान लिया है। आइये जानते हैं इस बारे में WHO का क्या कहना है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन की टेक्निकल टीम लीडर डॉक्टर मरिया वा करखोव द्वारा जारी बयान में कहा है कि, हवा में भी कोरोना वायरस (Coronavirus) की मौजूदगी के सबूत मिले हैं लेकिन इस बारे में अभी स्पष्ट रूप से कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। उन्होनें अपने इस बयान में यह भी बताया है कि, हालाँकि किसी भी सार्वजनिक या भीड़ वाले जगहों पर हवा में इस वायरस के फैलने से इंकार नहीं किया जा सकता है। जानकारी हो कि, इस रिसर्च से जुड़ी बातें नेस्ट वीक “साइंटिफिक जर्नल” नाम की साप्ताहिक मैगजीन में छप सकती है। आपको बता दें कि, कोरोना वायरस (Coronavirus) किसी भी व्यक्ति के शरीर में विभिन्न आकार के ड्रॉप्लेट्स द्वारा फैलता है। इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि, यह वायरस मुख्य रूप से व्यक्ति के शरीर में रेस्पेरेटरी ड्रॉप्लेट्स के माध्यम से प्रवेश करता है। 32 देशों के वैज्ञानिकों ने WHO को इस बारे में जो चिठ्ठी लिखी है, उसमें इस वायरस को ऐरोसोल ट्रांसमिशन भी बताया गया है।
कोविड-19 के वायरस को हवा में फैलने की बात पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि, यह वायरस छींक, खांसी या बोलते समय बाहर निकलता है। इस दौरान वायरस गुरुत्वाकर्षण बल के कारण करीबन एक मीटर की दूरी तय करके वापिस जमीन पर गिर जाते हैं। बहरहाल WHO के अनुसार इस वायरस का हवा में फैलना नामुमकिन हैं। लेकिन दूसरी तरफ दो सौ से भी ज्यादा वैज्ञानिकों ने इस वायरस के हवा में होने के जो फैक्ट्स पेश किये हैं उसके अनुसार ये वायरस हवा में एक मीटर से ज्यादा दूरी तक फैलने के साथ ही व्यक्ति के लिए ज्यादा खतरा भी उत्पन्न करता है। बता दें कि, अगर इस बात में सच्चाई होती है तो कोरोना वायरस (Coronavirus) हमारी और आपकी सोच से कई गुना ज्यादा खतरनाक है। गौरतलब है कि, न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बारे कहा है कि, “वैज्ञानिकों द्वारा पेश किये गए फैक्ट्स को सावधानीपूर्वक जांच करने की आवश्यकता है, इस फैक्ट्स के जांच के बाद ही मालूम किया सकेगा की वाकई में कोरोना वायरस (Coronavirus) हवा के जरिए फ़ैल सकता है या नहीं।” अगर हवा में इस वायरस के होने की बात सच होती है तो बाहर निकलने पर सभी के लिए एन 95 मास्क पहनना आवश्यक होगा।
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