Covid 19 Treatment: कोरोना वायरस से लड़ने में अब भारत वासियों को काफी सहायता मिल सकती है। इसका मुख्य कारण यह है कि, आपातकालीन स्थितियों के लिए प्रतिबंधित रेमडेसिविर के प्रयोग को अब भारत में भी मंजूरी मिल गई है। हालांकि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने इसके उपयोग के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं। यहाँ हम आपको विशेष रूप से रेमडेसिविर दवा के उपयोग और इससे जुड़ी आवश्यक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन CDCSO ने इस बारे में मीडिया को बताते हुए कहा है कि, रेमडेसिविर दवा के उपयोग की मंजूरी उन्होनें एक एक्सपर्ट कमिटी की राय जानने के बाद ही दी है। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार इस दवा का उपयोग सिर्फ पांच दिनों के लिए ही किया जाएगा। ये फैसला विशेष रूप से ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने कुछ नतीजों को देखते हुए लिया है। गौरतलब है कि, इस दवा का उपयोग किसी भी मरीज पर करने से पहले लिखित में उसकी मंजूरी लेना आवश्यक है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक पांच से अधिक दिनों तक इस दवा के उपयोग का असर किसी भी मरीज पर नहीं हुआ है। इसलिए भारत में भी इसका उपयोग केवल पांच दिनों के लिए ही किया जाएगा। बता दें कि, एक निश्चित अनुपात से इसका उपयोग ज्यादा होने पर मृत्यु दर बढ़ने आशंका भी है।
आपको बता दें कि, यह एक एंटी वायरल दवा है जिसे गिलियड साइंस ने इबोला के लिए तैयार किया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें, कोविड 19 के इलाज के लिए भी इसे काफी असरदार माना जा रहा है। हालाँकि कई देश अभी इस दवा को लेकर ट्रायल भी चला रहे हैं। विशेष रूप से अमेरिका में रेमडेसिविर दवा को पिछले महीने ही कोरोना के मरीजों पर इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गई है। मालूम हो कि, फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर ने खुद अमेरिका को इस दवा के इस्तेमाल की मंजूरी दी है। गिलियड के एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में जिन कोरोना के मरीजों को ये दवा दी गई थी उनमें ग्यारहवें दिन ही काफी सुधार देखने को मिली थी। रेमडेसिविर दवा का ट्रायल खासतौर से हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना के मरीजों पर किया गया था।
बता दें कि रेमडेसिविर दवा बनाने वाले कंपनी गिलियड ने भारत में इसकी मंजूरी मिलने के बाद इसके निर्माण के लिए तीन भारतीय कंपनियों का चुनाव किया है। ये तीनों भारतीय कंपनियां हैं सिप्ला, जुबिलेंट और हेटेरो लैब्स। जानकारी हो कि, इंडिया में रेमडेसिविर दवा फ़िलहाल विश्व स्वास्थ्य संगठन के सॉलिडेरिटी ट्रायल का एक अहम हिस्सा है। इस दवा पर एक्सपर्ट राय देते हुए अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंफेक्शियस डिजीजेस के डायरेक्टर ने इस दवा का उपयोग कोरोना वायरस के लिए एक उम्मीद भरी खबर बताया है। इसका उपयोग कोरोना से लड़ने में काफी असरदार हो सकती है।
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