हेल्थ

70 फ़ीसदी तक घटे हार्ट अटैक के मामले, लॉकडाउन में दुरुस्त बन रहा आपका दिल!

Covid_19 Update: इस वक्त पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के कारण हाहाकार मचा हुआ है। इससे जुड़ी नकारात्मक खबरों के बीच एक अच्छी खबर भी अब सामने आ रही है। कोरोना वायरस ने आपके दिल को राहत पहुंचाया है। जी हां, कोरोना वायरस का जो प्रकोप इस वक्त फैला हुआ है, इस दौरान दिल की बीमारियों के कारण होने वाली हर दिन की मौत के आंकड़े तेजी से कम हुए हैं।

इतने कम हुए मामले

न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई हार्ट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डॉ समिन के शर्मा के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि हार्ड अटैक का खतरा कोरोना काल में काफी हद तक घट गया है। इस दौरान हार्ड अटैक के मामलों में 30 से 70 प्रतिशत तक की कमी आ गई है। हार्ट अटैक के मरीजों के लिए वायु प्रदूषण सबसे खतरनाक होता है। इस लॉकडाउन में इसी का सबसे बड़ा लाभ मिला है। मरीजों में कमी वायु प्रदूषण कम होने की वजह से आई है।

इन देशों में कम हुए मामले

शर्मा का कहना है कि दुनियाभर के कई देशों में हार्ट अटैक के मामले पहले से काफी घटे हैं। हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या में अस्पतालों में 30 से 70 फ़ीसदी तक की कमी देखी गई है। अमेरिका के साथ स्पेन, चीन और भारत में भी हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या घटी है।

सुधरी है मानसिक और शारीरिक सेहत

ZEE News

डॉ शर्मा ने बताया है कि आमजनों की मानसिक और शारीरिक सेहत में भी इस दौरान सुधार आ गया है। अधिकतर लोग इन दिनों वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। घर से ऑफिस से जुड़ा काम करने की वजह से उन्हें तनाव कम हो रहा है। काम के घंटे भी पहले से घट गए हैं। ट्रैफिक में फंसने का तनाव भी अब उन्हें नहीं रह गया है। घर पर शारीरिक गतिविधियां करने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो गया है। नियमित रूप से व्यायाम, ध्यान और प्रार्थना करने से दिल की सेहत सुधरी है।

अच्छी डाइट से भी लाभ

इस बारे में डॉ शर्मा ने कहा है कि लोग रेस्टोरेंट कोरोना वायरस के डर के कारण नहीं जा रहे हैं और घर का ही खाना खा रहे हैं। ऐसे में अब जंक फूड से उनकी दूरी बन गई है। साथ ही ज्यादा तेल, मसाला वाली चीजें भी लोग नहीं खा रहे हैं। घर में उन्हें अच्छी डाइट मिल रही है, जो कि उन्हें दिल की बीमारियों से बचा रही है।

प्रदूषण कम होने का फायदा

वायु प्रदूषण भी इस वक्त बहुत कम हो गया है, जिसे कि दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह माना जाता है। डॉ शर्मा का कहना है कि बहुत से मरीज इस डर से भी अस्पताल नहीं आ रहे हैं कि इमरजेंसी वार्ड में पहुंचकर वे कोरोना की चपेट में आ जाएंगे। उनके मुताबिक करीब 10 फीसदी मरीज ऐसे हो सकते हैं। हालांकि, 90 फ़ीसदी मामलों में कमी वायु प्रदूषण में कमी की वजह से आई है। तनाव कम होने और डाइट सुधरने से भी लाभ मिला है।

Facebook Comments
Shikha Yadav

Share
Published by
Shikha Yadav

Recent Posts

हिमाचल प्रदेश की वो झील जहां अंधेरे में आती हैं परियां, जानें क्या है इस फेमस लेक का राज़

Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…

5 months ago

घर में ही शुगर लेवल को ऐसे करें मैनेज, डॉक्टर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…

5 months ago

इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गोंद कतीरा, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…

5 months ago

दिलजीत दोसांझ को फैन के साथ किया गया फ्रॉड, सिंगर के इस कदम ने जीता सबका दिल

Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…

5 months ago

आखिर क्या है वायु कोण दोष? जानिए ये कैसे होता है और इसके प्रभाव क्या हैं?

Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…

6 months ago