Nabhi ka Khisakna in Hindi: कई बार काम करते-करते, भारी सामान उठाते वक्त आपके पेट में अक्सर मीठा-मीठा दर्द होने लगता है। अक्सर लोग इस दर्द को सामान्य दर्द समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। धीरे-धीरे ये सामान्य सा दर्द तेज़ होने लगता है और फिर आपको दस्त और बुखार हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भारी सामान उठाने या ज्यादा उछल-कूद भागदौड़ करने से आपकी नाभि खिसक जाती है। और आपको इन परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
नाभि खिसकने पर अक्सर पीड़ित व्यक्ति के पेट में दर्द या दस्त की समस्या हो जाती है। नाभि खिसकने का उल्लेख प्राचीन समय से है। आमतौर पर इसका उल्लेख आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा प्रणाली में विस्तार से मिलता है। आयुर्वेद में लिखा है कि जिस तरह रीढ़ की हड्डी में चोट लगने पर उसमें टेढ़ा पन आ जाता है, ठीक उसी प्रकार नाभि खिसकने पर भी पेट में पाचन तंत्र का कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। साथ ही महिलाओं में अक्सर नाभि के खिसकने(Nabhi ka Khisakna) पर उन्हें पीरियड्स के दौरान हेवी ब्लीडिंग का सामना भी कर पड़ता है। वैसे तो नाभि खिसकने का कोई सटीक उपचार नहीं है, लेकिन भारतीय आयुर्वेद में कुछ योगासन द्वारा नाभि अपनी जगह पर वापस लाई जा सकती है। इसी के साथ कई घरेलू उपचार के ज़रिए भी आप इससे छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं-
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