Types Of Drugs In Hindi: ड्रग्स के प्रकार के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। एक शोध की मानें तो इन ड्रग्स को लेने के बाद इसका असर व्यक्ति के शरीर पर काफी लंबे समय के लिए रह जाता है। और अगर कभी गलती से इसका ओवरडोज हो गया तो फिर मुश्किल और भी बढ़ जाती है। कई बार ड्रग ओवरडोज से व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है। यहाँ हम आपको ड्रग्स के कुछ प्रकार(Types Of Drugs In Hindi) और शरीर पर होने वाले नुक़्सानो के बारे में बताने जा रहे हैं।
ड्रग्स के कई प्रकार(Types Of Drugs In Hindi) है अफीम या हेरोइन भी ड्रग्स में ही आते है अफीम या हेरोइन अफीम के पौधे से प्राप्त किया जाता है। ड्रग्स के इस प्रकार को बनाने के लिए विशेष रूप से अफीम को पहले परिष्कृत किया जाता है और उसके बाद उसे नशीले ड्रग्स में तब्दील किया जाता है। इस ड्रग्स को लोग इंजेक्शन, गोली या धूम्रपान के माध्यम से शरीर के अंदर लेते हैं। अफीम के अंदर जाते ही नर्वस सेल्स डोपामाइन रिलीज़ करते हैं। इससे व्यक्ति को भावनात्मक रूप से ख़ुशी का एहसास हो सकता है लेकिन वो भी काल्पनिक ही है। लंबे समय तक ड्रग्स के इस प्रकार(Types Of Drugs In Hindi) का सेवन करने से व्यक्ति हार्ट ब्लॉकेज, तपेदिक और गठिया आदि रोग का शिकार हो सकता है।
ड्रग्स के प्रकार(Types Of Drugs In Hindi) में कोकेन को काफी खतरनाक माना जाता है। इस ड्रग्स का इस्तेमाल टोपिकल एनेस्थेटिक के रूप में किया जाता है। इस ड्रग्स का इस्तेमाल आमतौर पर लोग नाक के मध्यम से सूंघकर या मसूढ़ों पर रगड़कर करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग इस ड्रग्स को जल्दी असर के लिए पानी में घोलकर या फिर इंजेक्शन के रूप में भी लेते हैं। इसके इस्तेमाल से व्यक्ति के शरीर में डोपामाइन का लेवल काफी बढ़ जाता है और यह दिमाग में लगातार होने वाले सामान्य रिलीज़ को रोकने का काम करता है और तस्सली की चरम सीमा पर पंहुचा देता है, कुछ पलों के लिए मिलने वाली ये तस्सली आपको शारीरिक रूप से काफी नुकसान पंहुचा सकती है। इसके इस्तेमाल से आमतौर पर सिरदर्द, उल्टी, हाथ और पैर में खिंचाव, उच्च रक्तचाप, शरीर का तापमान और सांस की गति भी बढ़ जाती है। इस ड्रग्स के ज्यादा इस्तेमाल से एचआईवी होने की संभावना बढ़ जाती है।
ड्रग्स का यह प्रकार विशेष रूप से जेलेटिन या गोलियों के रूप में आता है। इस ड्रग्स का इस्तेमाल करने वाले अपने सपनों की दुनिया में ही रहते हैं। बता दें कि, इस ड्रग्स को लेने से व्यक्ति के सोचने समझने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है और यह मस्तिष्क में सेरोटोनिन रिसेप्टर्स को उत्तेजित करता है। इस वजह से व्यक्ति अपनी एक काल्पनिक दुनिया बना लेता है। यह ड्रग्स व्यक्ति के दिमाग को बुरी तरह से प्रभावित करता है और उसके फैसले लेने की क्षमता को नष्ट कर देता है।
इस ड्रग्स को पेनकिलर के तौर पर रूस में बनाया गया था। लेकिन इसके साइड इफ़ेक्ट के मामले ज्यादा सामने आने पर इसके उत्पादन को बंद कर दिया गया था। ड्रग्स के इस प्रकार(Types Of Drugs In Hindi) का सेवन का से व्यक्ति के शरीर पर हरे निशान बन जाते हैं। इसके साथ ही एक बार इस ड्रग्स की आदत लग जाने पर इसे छुड़वा पाना काफी मुश्किल है। इस ड्रग्स का सेवन करने वाले महज एक से दो साल भीतर ही मर भी सकते हैं।
विभिन्न ड्रग्स के प्रकार(Types of Drugs in Hindi) में इस ड्रग्स को सबसे ज्यादा भ्रम पैदा करने वाला माना जाता है। इस ड्रग्स का इस्तेमाल इसमें आग लगाकर इसके धुए को अंदर लिया जाता है। डीएमटी लेने के कुछ ही सेकंड के अंदर व्यक्ति अपने काल्पनिक दुनिया में गुम हो जाता है उसे अजीबो गरीब आवाज़ें सुनाई देने लगती हैं। विषम परिस्थितियों में व्यक्ति बेहोश भी सकता है। इस ड्रग्स के ज्यादा इस्तेमाल से व्यक्ति नार्मल लाइफ के विपरीत काल्पनिक दुनिया का हिस्सा बन जाता है और धीरे-धीरे मानसिक संतुलन खोने लगता है।
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ड्रग्स के प्रकार(Types Of Drugs In Hindi) में जिनका जिक्र हमने ऊपर किया है उन्हें बेहद खतरनाक माना जाता है। ये सभी ड्रग्स शरीर को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए ड्रग्स के सेवन को भी अवैध माना जाता है।
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