Chennai Diy Model Rainwater Harvesting: जुगाड़ टेक्नोलॉजी की यदि बात की जाए तो दुनिया में शायद भारत का नाम सबसे ऊपर आएगा। जुगाड़ तकनीक की वजह से कई बार हमारे देश में लोगों ने कई बेहद कठिन माने जाने वाले कामों को भी बेहद आसानी से करके दिखा दिया है। इसी तरह का एक छोटा सा जुगाड़ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर भी दिखा है, जिससे कि भविष्य में एक बड़ी आपदा पानी की कमी से निबटा जा सकता है।
आने वाले समय में देश में पानी की भारी कमी की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में अखबारों में प्रायः इससे संबंधित खबरें प्रकाशित करके लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती नजर आ जाती है। देश के कई हिस्सों में पानी की जबर्दस्त कमी हो गई है। ऐसे में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को ही इस समस्या का समाधान बताया जा रहा है। इसे वर्षा जल संचयन के नाम से भी जानते हैं।
बारिश के पानी को इकट्ठा करके रोजमर्रा के कामों में उसे इस्तेमाल में लाने के लिए लोगों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपने घर में स्थापित करने को कहा तो जा रहा है, लेकिन इसे लगवाने में जो तरह-तरह के खर्चे आते हैं और जो तामझाम होते हैं, उनकी वजह से बहुत से लोग इस पर ध्यान ही नहीं देते। ऐसे में चेन्नई के रहने वाले 45 साल के दयानंद कृष्णन ने एक छोटा सा ऐसा जुगाड़ किया है, जिससे कि लगभग 200 लीटर बारिश के पानी को केवल 10 मिनट में जमा किया जाना संभव है। इसकी लागत सिर्फ 250 रुपये है।
कृष्णन के मुताबिक पानी की भारी कमी से तमिलनाडु जूझ रहा है। बारिश तो यहां कई बार जबरदस्त हो जाती है, लेकिन यहां हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। कृष्णन ने कहा कि यही सोच कर मुझे एक जुगाड़ करने की प्रेरणा मिली। ऐसा जुगाड़, जिससे कि बारिश के पानी का संरक्षण किया जा सके। इसलिए मैंने एक ऐसा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया है, जिसे घर में लगाने के लिए न तो किसी प्लंबर की जरूरत है और न ही किसी एक्सपर्ट की। घर में खुद से इस सिस्टम को तैयार किया जा सकता है। इसके लिए केवल एक ड्रम, 3 फीट के पीवीसी पाइप, पाइप बेंड्स और फिल्टर के लिए एक सूती कपड़े की आवश्यकता पड़ती है।
एक पाइप हर घर की छत में बालकनी से लगी होती है, जिससे कि पानी बाहर निकलता है। पाइप बेंड्स की मदद से कृष्णन ने इसी निकासी वाले पाइप से दूसरे पाइप के एक सिरे को जोड़ दिया। इस पाइप के दूसरे सिरे को कपड़े के फिल्टर से ढके हुए ड्रम में उन्होंने डाल दिया। इस तरह से पानी बाहर न जा कर उस ड्रम में जमा होने लगा। कपड़े का फिल्टर इसलिए लगा दिया गया, ताकि धूल मिट्टी आदि छनकर साफ पानी ड्रम में जमा हो।
कृष्णन के मुताबिक उनका यह रेन वाटर हार्वेस्टिंग एकदम कामयाब रहा। 10 मिनट में उन्होंने 225 लीटर पानी आराम से इकट्ठा कर लिया। इससे दो से तीन दिनों तक उनके घर का काम आसानी से चल गया। कृष्णन के मुताबिक चेन्नई के कई इलाकों में 1500 रुपये देकर एक वाटर टैंकर मंगवाना पड़ता है। कई बार कई दिनों के बाद यह आता है। ऐसे में यदि घर में इस रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को बनाकर बारिश का पानी जमा किया जाए तो इससे कई दिनों तक पानी की कोई समस्या नहीं होगी। कृष्णन कहते हैं कि अब तो उनके बाकी दोस्त भी इसे फॉलो करने लगे हैं। इस रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से पानी की कमी के संकट से बचा जा सकता है।
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