व्रत-त्योहार

हरतालिका तीज: जानिए पूजा विधि और इस व्रत का विशेष महत्व

Hartalika Teej 2025 kab hai: जन्माष्टमी के पर्व को बीते अभी महज कुछ ही दिन हुए हैं। जिसके बाद अब बाजार में अब हरतालिका तीज को लेकर रौनक दिखने लगी है। यही नही लोगों ने इस पवित्र व्रत को लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाए जाने वाले इस व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है।

इस तीज को कई जगहों पर तीजा के नाम से भी जाना जाता है। सुहागिन महिलाओं के लिए इसका बहुत ही ज्यादा महत्व है और महिलाएं इस दिन पूरा दिन बिना कुछ खाये पिये शाम को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। जानकारी के मुताबिक इस बार हरतालिका तीज 6 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी।

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त(Hartalika Teej Shubh Muhurat 2025)

Image Source – Asianetnews.com
तीजवर्ष 2025वर्ष 2025
हरियाली तीज27 जुलाई, रविवार27 जुलाई, रविवार
कजरी तीज12 अगस्त, मंगलवार12 अगस्त, मंगलवार
हरतालिका तीजरविवार, 27 जुलाई27 जुलाई, रविवार
सूर्योदय27 जुलाई, 05:59 पूर्वाह्न.
सूर्यास्त27 जुलाई, 07:07 अपराह्न.
तृतीया तिथि का समय26 जुलाई, 10:42 PM – 27 जुलाई, 10:42 PM

हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि(Hartalika Teej Puja Vidhi 2025)

Image Source – Dnaindia.com

हरतालिका तीज(Hartalika Teej) की पूजा सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल में की जाती है। इस दौरान महिलाएं पूरे विधि विधान से पूजा करती हैं।

इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू रेत और काली मिट्टी की प्रतिमा हाथों से बनाई जाती है।

इसके बाद पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखकर उस पर केले के पत्ते बिछाए जाते हैं और भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है। फिर उन्हें वस्त्र पहनाये जाते हैं।

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इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का षोडशोपचार पूजन करें। इस व्रत की मुख्य परंपरा माता पार्वती को सुहाग की सारी वस्तुएं चढ़ाना है। हरतालिका तीज(Hartalika Teej) की पूजा में शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है। बाद में यह सामग्री किसी ब्राह्मण को दान देना चाहिए।

तीज की कथा सुनने के बाद रात में महिलाएं सोती नही हैं। फिर आरती के बाद सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाया जाता है और हलवे का भोग लगाकर व्रत खोला जाता है। इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के लिए ये व्रत रख सकती हैं। हरतालिका तीज(Hartalika Teej) व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

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