MS Dhoni Helicopter Shot Santosh Lal: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह और उनके हेलीकाप्टर शॉट को हर एक क्रिकेट प्रेमी जनता है। लेकिन आज तक शायद ही किसी को इस बारे में मालूम था कि, आखिर धोनी ने खुद ये शॉट कहाँ से सीखी है। आजतक न्यूज़ के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार महेंद्र सिंह धोनी ने हेलीकाप्टर शॉट अपने एक ख़ास दोस्त से सीखी थी। अपने दोस्त से इस शॉट को सीखने के लिए बदले में उन्हें रिश्वत के तौर पर रोज एक ख़ास चीज खिलानी पड़ती थी। आइये जानते हैं आखिर धोनी के हेलीकाप्टर शॉट सीखने की क्या है कहानी और दोस्त को क्या खिलाना पड़ता था रिश्वत के तौर पर। आज 7 जुलाई को धोनी का बर्थडे भी है।
बिहार, झारखंड सहित समस्त उत्तर भारत में विशेष रूप से समोसे सबका पसंदीदा डिश है। इस डिश को हथियार बनाकर ही महेंद्र सिंह धोनी ने अपने बचपन के दोस्त संतोष से हेलीकाप्टर शॉट सीखा था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, धोनी और उनके बचपन के दोस्त संतोष बचपन से ही क्रिकेट खेलना बेहद पसंद करते थे। मिली जानकारी के अनुसार दोनों बचपन में टेनिस बॉल से क्रिकेट खेला करते थे। दोनों की दोस्ती बेहद पक्की थी, धोनी को संतोष को फील्ड पर देखना बेहद पसंद था। आज धोनी का हेलीकाप्टर शॉट विशेष रूप से उस समय में संतोष का “थप्पड़ शॉट” कहलाता था। जब धोनी ने उनसे वो शॉट सीखने की पेशकश की तो संतोष ने बदले में धोनी से रोज शाम को गर्म समोसे खिलाने की मांग की। बस फिर क्या था, धोनी ने भी दोस्त की बात मान ली और फिर रोज प्रैक्टिस और शाम को समोसे पार्टी की शुरुआत हो गई। लेकिन दोनों के इस दोस्त का अंत बेहद दुखद रहा। बता दें कि, संतोष को पैंक्रियाज में सूजन था इस वजह से वो आगे क्रिकेट नहीं खेल पाए थे। एक बार जब धोनी रांची पहुंचे तब उन्हें अपने दोस्त की हालत पता चली। उन्होनें तुरंत ही एयर एम्बुलेंस के जरिए संतोष को दिल्ली ले जाने की सोची लेकिन फ्लाइट को ख़राब मौसम की वजह से वाराणसी में ही लैंड करवाना पड़ा। अफ़सोस की तब तक संतोष के लिए काफी देर हो चुकी थी और महज 32 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई।
भारत के पूर्व कप्तान कूल यानि कि, महेंद्र सिंह धोनी को एक ख़ास वजह से भी बेहद पसंद किया जाता है। आम जीवन में धोनी खुद को किसी स्टार क्रिकेटर की तरह कभी ट्रीट नहीं करते हैं। वो आज भी अपने दोस्तों के साथ के पुराने माही की तरह ही मिलते हैं। इस बात का अंदाजा तब लगा जब एक बार मैच के सिलसिले में उन्हें कोलकाता जाना पड़ा और स्टेशन पर चाय बेच रहे अपने दोस्त को देखते ही उन्होनें गले लगा लिया। सूत्रों की माने तो धोनी विजय हज़ारे ट्रॉफी के लिए कोलकाता पहुंचे थे, उसी समय स्टेशन पर चाय बेच रहे अपने एक दोस्त को देखते ही उन्होनें बिना किसी की परवाह किए बिना ही पहचाना और गले से लगा लिया। बता दें कि, चाय बेचने वाले उस शख़्स का नाम थॉमस था जो धोनी के बचपन के दोस्त थे। धोनी ने ना केवल उनसे मुलाकात की बल्कि साथ में उन्हें डिनर करवाने के लिए भी ले गए थे। आज महेंद्र सिंह धोनी पूरे 39 साल के हो गए हैं।
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