बैकलिंक क्या है? बैकलिंक कैसे बनायें? और ऐसी कौन सी तकनीक का प्रयोग करे जिससे आप अपनी वेबसाइट के अच्छे बैकलिंक बना सके और ज्यादातर लोगो को अपनी वेबसाइट के बारे में बता सके। पिछले कुछ सालो में अच्छे बैकलिंक्स बनाना बहुत की कठिन हो गया है और आने वाले समय में बैकलिंक paid मार्केटिंग का हिस्सा बन सकता है। बैकलिंक के बारे में जानने से पहले आपको SEO के मुलभुत की आपको जानकारी होना आवश्यक है। SEO को विस्तार में सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन कहते है। कुछ समय पहले SEO को 2 भागों में बांटा जाता था, ON page seo और OFF page SEO परन्तु गूगल के कुछ नये अपडेट आने के बाद SEO को 3 भागो में बांटा जाता है।
ON page SEO- इस प्रक्रिया में हम अपनी वेबसाइट में गूगल की गाइडलाइन्स के अनुसार परिवर्तन करते है। Content Marketing, content ऑप्टिमाइजेशन, कीवर्ड डेंसिटी, कीवर्ड प्रोक्सिमिटी, पेज टाइटल, मेटा डिस्क्रिप्शन, स्निपेट, H1, H2, पैराग्राफ, और कुछ अन्य तकनीक ON Page Optimization का हिस्सा है।
Technical SEO – Technical SEO में हम वेबसाइट के बैकेंड कोड को ऑप्टिमाइज़ करते है। इसमें CSS, HTML, JS और अन्य कोड को इस तरह से व्यवस्थित करते है की आपकी वेबसाइट कुछ पल में ही लोड हो जाये । गूगल पेज स्पीड एक बहुत ही महत्वपूर्ण रैंकिंग सिग्नल है जो आपकी वेबसाइट की अच्छी रैंकिंग प्रदान करवाने में कारगर सिद्ध होती है।
OFF page Optimization – ये तकनीक किसी भी वेब पेज को गूगल के प्रथम पेज पर लाने में अहम भूमिका निभाता है। इसमें हम अपनी वेबसाइट को छोड़ कर जब किसी अन्य वेबसाइट पर गूगल की गाइडलाइन्स के अनुसार लिंक बनाते है, इस प्रक्रिया को हम off page optimization कहते है और ये लिंक्स बैकलिंक्स कहलाते है।
यह, वेबसाइट को रैंक करने में बहुत मदद करती है। जब भी हम किसी भी अन्य वेबसाइट पर अपनी वेबसाइट का लिंक बनाते है, तो उस वेबसाइट पर आने वाले आगंतुक(visitor) और सर्च इंजन को हमारी वेबसाइट का लिंक मिलता है और ये भी संभव है की वह हमारी वेबसाइट पर आये इससे न सिर्फ हमारी वेबसाइट की वैल्यू बनती अपितु वेबसाइट पर उपलब्ध सेवाओं और उत्पादों के बिकने की संभावना भी बढ़ती है।
1 DO FOLLOW
2 NO FOLLOW
DO FOLLOW BACKLINK में हमे आगंतुक(visitor) के साथ साथ उस पेज का लिंक जूस* भी मिलता है जो domain Authority के साथ साथ Page authority को बढाने में बहुत मदद करता है। इसमें सर्च इंजन के क्रॉलर(Software) को बैकलिंक को पढ़ने की अनुमति होती है अर्थात इसमें यूजरस और सर्च इंजन दोनों ही आपकी वेबसाइट पर आ सकते है।
NO FOLLOW BACKLINK : इसमें सर्च इंजन के क्रॉलर(Software) को बैकलिंक को पढ़ने की अनुमति नहीं होती है। यहाँ से आगंतुक(visitor) लिंक क्लिक कर के आपकी वेबसाइट पर आसानी से आ सकते है । अगर देखा जाये तो DO FOLLOW लिंक्स को अधिक प्राथमिकता दी जाती है, परन्तु जब हम किसी ऐसी वेबसाइट पर no follow बैकलिंक बनाते है जिसके डिजिटल फुटप्रिंट ज्यादा है और वह हमारी वेबसाइट से सम्बंधित है तो वह कभी कभी DO FOLLOW बैकलिंक से बेहतर परिणाम देता है क्योंकि उससे आपकी वेबसाइट पर आगुन्तको (Visitors) की संख्या बढ़ जाती है जिससे गूगल को आपके वेब पेज की महत्वता का सिग्नल मिलता है और आपके पेज को अच्छी रैंकिंग प्रदान होती है।
1 बैकलिंक आपकी वेबसाइट या वेब पेज से मिलती जुलती वेबसाइट पर ही बनाना चाहिए उदाहरण के लिए अगर आपकी वेबसाइट टेक्नोलॉजी से सम्बंधित है तो यह सुनिश्चित करे की जिस वेबसाइट पर आप बैकलिंक बना रहे है वह टेक्नोलॉजी से ही सम्बंधित हो।
2 एंकर टेक्स्ट URL से मिलता हुआ होना चाहिए।
3 एंकर टेक्स्ट में कीवर्ड होना चाहिए।
4 पेज का content बैकलिंक के कंटेंट से मिलता हुआ होना चाहिए।
5 बैकलिंक बनाने से पहले वेबसाइट की domain authority, page authority और SPAM score की जाँच कर ले।
6 सोशल मीडिया वेबसाइट पर बैकलिंक ध्यान से बनाये क्योकि अधिक बैकलिंक बनाने से आपकी वेबसाइट का स्पैम स्कोर बढ़ सकता है।
उदाहरण से समझते है की लिंक जूस क्या है, मान लीजिये अगर कोई बहुत बड़े स्तर का सफल बिज़नेसमेन है, और उस पर कई लोगो का भरोसा है, यदि वह उसके जानकारों को किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने का सुझाव दे वह तो लोग अवश्य प्रभावित होकर उनकी बात मानेंगे और अपना पैसा इन्वेस्ट करने के लिए तैयार हो जायेंगे। ठीक उसी तरह अगर १ प्रभावशाली वेबसाइट से आपकी वेबसाइट को लिंक मिलता है तो उसका आपकी वेबसाइट की डोमेन अथॉरिटी पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है तथा आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन प्राथमिकता देते है।
*लिंक जूस से क्या क्या ट्रांसफर होते है – Domain Authority, Page authority, spam score, Page रैंक
हम आशा करते है की आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा, अगर आपके बैकलिंक से सम्बंधित कोई प्रश्न है तो कमेंट कर के पूछ सकते है
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