ज़रा हटके

72 सदस्य हैं इस परिवार में… रोज़ाना 10 लीटर दूध-1200 रुपये की सब्ज़ी

Joint Family of 75 People in Solapur: महाराष्ट्र के सोलापुर ज़िले में एक ऐसा परिवार है जिसकी चार पीढ़ियां एक साथ, एक ही घर में रहती हैं। इस बात से शायद आप ना चौंके हो तो हम आपको एक चौंकाने वाली बात बताते हैं। इस परिवार में कुल 72 सदस्य हैं। ये सभी 72 लोग एक ही घर में मिल जुलकर साथ रहते हैं। इस परिवार की औरतों कहती हैं की शुरुआत में वो परिवार में सदस्यों की संख्या से काफी घबराया करती थीं। लेकिन अब वे इन सब के बीच घुल मिल गई हैं। दोईजोडे फैमिली को रोज़ाना 1000 से 1200 रुपये की सब्ज़िया खरीदनी पड़ती है। यही नहीं इन्हें प्रतिदिन 10 लीटर दूध की भी ज़रूरत पड़ती है। दोईजोडे परिवार मूल रूप से कर्नाटक का है। इनके पूर्वज 100 वर्ष पहले सोलापुर आ गए थे। आपको बता दे की दोईजोडे फैमिली एक बिज़नेस फैमिली है। दोईजोडे फैमिली के क्लिप को ट्विटर पर @Ananth_IRAS यूजर ने साझा किया है। यूजर ने क्लिप को साझा करते हुए कैप्शन में लिखा- ‘एक भारतीय जॉइंट फैमिली की खूबसूरती।’

सोशल मिडिया पर साझा किये गए क्लिप में दोईजोडे फैमिली के एक मेंबर अश्विन दोईजोडे कहते हैं (Joint Family of 75 People in Solapur)

‘हमलोगों की फैमिली इतनी बड़ी हैं कि हमें दोनों वक़्त मिलाकर 10 लीटर दूध और 1200 रुपये की सब्जियां खरीदनी पड़ जाती हैं। मांसाहारी भोजन तो इससे भी तीन चार गुना ज़्यादा महंगा पड़ता है.’

दोईजोडे फैमिली के सदस्य अश्विन आगे कहते हैं-“हम एक साल का चावल, आटा और दूसरी खाने की चीज़े एक बारी में ही खरीद लेते हैं। तकरीबन 40 से 50 बोरीयां। हमें इतनी अधिक मात्रा की ज़रूरत होती है, इसलिए हम थोड़ा थोड़ा ना खरीदकर एकबार में ही सारी चीज़े खरीद लेते हैं। यह थोड़ा सस्ता पड़ता है।”

दोईजोडे फैमिली की एक बहू नैना दोईजोडे का कहना हैं- इस परिवार में जो लोग पैदा हुए हैं और शुरू से ही यही रहे है, उनके लिए यहाँ के माहौल में रहना कोई दिक्कत की बात नहीं हैं, लेकिन जो महिलाएं यहाँ बहू बनकर आई हैं, उन्हें आरंभ में कुछ दिक्कतें होती है। जब मैं शादी के बाद यहाँ आई थी तब मुझे इस फैमिली के मेंबर्स की संख्या से डर लगता था। लेकिन मेरी सास, बहन और देवर की सहायता से मैं यहाँ लोगों के बीच घुल मिल गई।

दोईजोडे फैमिली के छोटे सदस्य यानी बच्चे आपस में बहुत मस्ती करते हैं। उनके खुद की फैमिली में ही इतने बच्चे हैं की उन्हे मुहल्ले के दूसरे बच्चों के साथ खेलने की ज़रूरत नहीं पड़ती। इस फैमिली की एक युवा सदस्य अदिति दोईजोडे कहती हैं- ‘जब हम छोटेथे, तब हमलोगों को कभी भी खेलने के लिए दूसरे बच्चों की ज़रूरत नहीं पड़ती थी। हमारे अपने फैमिली में ही इतने बच्चे थे की हम आपस में ही कोई भी खेल खेल लेते थे।’

सोशल मीडिया पर इस फैमिली के विषय में लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे है। ट्विटर पर एक व्यक्ति ने लिखा- अद्भुत परिवार। दूसरे किसी व्यक्ति ने भारतीय संस्कृति की प्रशंसा की। एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की- भाग्यशाली, सचमे सुंदर है यह फैमिली। एक और यूजर ने लिखा- दुखद बात तो यह है की हम भारतीयों ने 21वीं सदी के आरंभ से जॉइंट फैमिली की धारणा को ही खत्म कर दिया है।

Facebook Comments
Sourav Yadav

Share
Published by
Sourav Yadav

Recent Posts

सनबर्न ने छुटकारा दिलाता है बर्फ, जानिए चेहरे पर इसका इस्तेमाल कैसे करें

Benefits Of Ice On Face In Hindi: चेहरे को सुंदर बनाने के लिए लोग तरह-तरह…

23 hours ago

इस खास तरीके से बनाएं होम मेड स्प्रिंग रोल शीट, रखें अपनी सेहत का ध्यान

Spring Roll Sheets Recipe in Hindi: स्प्रिंग रोल हर एक आयु वर्ग के लोगों के…

2 days ago

राम रक्षा स्त्रोत के पाठ से बनेंगे सभी बिगड़े काम, जानिए इस पाठ के महत्व के बारे में

Shri Ram Raksha Strot Padhne Ke Fayde: सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं की पूजा…

4 days ago

महाभारत काल से जुड़ा हुआ है कुरुक्षेत्र के माँ भद्रकाली पीठ, जानिए इसके इतिहास के बारे में

Famous Shakti Peeth in Haryana: इस समय पूरे देश भर मे चैत्र नवरात्रि के त्यौहार…

1 week ago