Chamba Me Ghumne Ki Jagah: हिमालय की गोद में बसा हुआ है देश का खूबसूरत सा राज्य हिमांचल प्रदेश और उसी प्रदेश का एक खूबसूरत सा जिला है चंबा। चंबा हिमांचल प्रदेश का प्रमुख जिला होने के साथ ही पर्यटन के लिहाज से भी अपना एक अलग स्थान रखना है। समुद्र तल से करीब 996 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह खूबसूरत शहर हिमांचल के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। मूल रूप से इस शहर को स्थापित करने का श्रेय 10 वीं शताब्दी के राजा साहिल वर्मन को दिया जाता है। चंबा और उसके आस पास के इलाकों में बहुत से पर्यटन स्थल मौजूद हैं। आज के इस लेख में हम आपको चंबा में स्थित कुछ ऐसे ही पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं।
चंबा के पर्यटन स्थल(Chamba Me Ghumne Ki Jagah)
मणिमहेश झील(Manimahesh Lake)
चंबा से करीब 52 किलो मीटर दूर स्थित मणि महेश झील हिंदी आस्था का बहुत ही पवित्र केंद्र है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस झील का निर्माण भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह के उपरांत किया था। इसी वजह से इस झील का महत्त्व मानसरोवर झील के समान ही माना जाता है।
अखंड चंडी महल, चंबा(Akhand Chandi Palace)
चंबा का अखंड चंडी महल का मध्यकाल में हुआ था और इस किले को चंबा का सबसे पुराना किला भी कहा जाता है। इस महल का निर्माण चंबा के तत्कालीन शासक राजा उम्मेद सिंह ने 1747-1765 के दौरान कराया था। बाद में अंग्रेजी शिल्पकारों की मदद से इस किले का पुनर्निर्माण भी कराया गया। इस महल के छत को हरे रंग से रंगा गया है और इसके छत की संरचना शंक्वाकार है।
चंपावती मंदिर(Champawati Temple)
चंबा शहर के संस्थापक राजा साहिल वर्मन ने अपनी पुत्री चम्पावती की याद में इस मंदिर का निर्माण कराया था। यह मंदिर चंबा के प्राचीन मंदिरों में शामिल है। इस मंदिर की वास्तुकला में नेपाली स्थापत्य कला की झलक देखने को मिलती है। इस मंदिर के शिखर पर एक पहिया बना हुआ है जो इसको दूसरे मंदिरों से पूरी तरह से अलग बनाता है। वात्सु और प्रसिद्धि के मामले में इस मंदिर की ख्याति श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर के बराबर है और इस मंदिर के गर्भ गृह में माँ दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी स्वरुप को स्थापित किया गया है।
भरमौर शहर(Bharmour)
चंबा से महज 64 किलोमीटर की दुरी पर स्थित यह खूबसूरत शहर भरमौर स्थित है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार प्राचीन समय में यह शहर चंबा की राजधानी थी। इस शहर के मध्य भाग में स्थित चौरासी मंदिर आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भरमौर को भगवान शिव के निवास स्थान के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कभी कभी भगवान शिव अपने निवास स्थान कैलाश पर्वत से नीचे उतरकर इसी स्थान पर टहलने के लिए आते थे।
हडसर वॉटरफॉल(Hadsar Waterfall)
भरमौर से महज 9 किलो मीटर की दुरी पर स्थित हडसर वॉटरफॉल, 12 महीनों तक बहने वाला एक खूबसूरत झरना है। नदी के पास स्थित यह झरना पुल से महज 100 मीटर दूर है। इस झरने की सबसे ख़ास बात यह है कि यह कोई मानसूनी झरना नहीं है बल्कि इस झरने में जल का प्रवाह 12 महीनों रहता है। थाला झरना से महज कुछ किलो मीटर की दुरी में दो और झरने स्थित हैं।
- नाको की ख़ूबसूरती के आगे फीकी है पूरी दुनिया की ख़ूबसूरती, गर्मियों में पड़ती है कड़ाके की ठंड।
- धार्मिक और एडवेंचर जगहों से भरपूर हैं हरिद्वार की वादियां। आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में
तो यह थे चंबा के कुछ प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल