Rohit Sharma Biography in Hindi: दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक और “हिटमैन’ के नाम से मशहूर भारतीय टीम के उप-कप्तान रोहित शर्मा ने अपने क्रिकेट करियर के शुरुवाती दिनों से ही बेहतर प्रदर्शन दिखाया है। यही वजह है कि अंतर्राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने में उन्हें कोई खास समस्या नही उठानी पड़ी। तेज बल्लेबाजी कौशल और बेहतरीन क्षेत्ररक्षण के गुणों से वो क्रिकेट के अन्य फॉर्मेट (टेस्ट और टी-20 ) में भी जगह बनाने में सफल रहे।
व्यवहार से शांत और प्रदर्शन में महान रोहित शर्मा।
वो एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुख रखते थे। रोहित ने बचपन से ही क्रिकेट में रुचि दिखाई और परिवार ने भी उनका साथ दिया। क्रिकेट कोच दिनेश लाड का भी उनके क्रिकेट करियर से लेकर अकादमिक करियर में काफी योगदान रहा है। उन्होंने रोहित को न सिर्फ प्रशिक्षण दिया बल्कि स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में प्रवेश दिलाने में रोहित की आर्थिक मदद भी की। कोच के बेहतर प्रशिक्षण की बदौलत स्कूल में हुए क्रिकेट टूर्नामेंट में रोहित शर्मा के उस शतक ने उनकी किस्मत ही बदल दी।
बात करें रोहित शर्मा के एक दिवसीय करियर की तो इन्हें सबसे पहला मौका साल 2007 में आयरलैंड के खिलाफ मिला था। हालांकि, उसी वर्ष भारत और साउथ अफ्रीका के बीच चल रहे मैच में रोहित ने 40 गेंदों में शानदार 50 रन बनाए थे और अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हे ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया था।फिर क्या था उन्हें और भी मौके मिले और 2007-2008 में कॉमनवेल्थ बैंक श्रृंखला चयनित रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 शतक भी जड़े। मगर ये खेल है और जिस तरह से यहां पर हार-जीत होती रहती है उसी तरह हर खिलाड़ी के प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव भी आता रहता है। अगले कुछ समय तक रोहित का प्रदर्शन काफी लाचार रहा, जिसकी वजह से उन्हे 2009 में बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली सीरीज में शामिल नहीं किया गया।
खराब दौर आगे भी बरकार रहा और इस वजह से रोहित बड़े मौके से चूक गए और 2011 विश्व कप में उनका चयन नहीं हुआ। हालांकि, इससे हिटमैन निराश नही हुए और अपने प्रदर्शन को और भी निखारा। उसी वर्ष वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली सीरीज में उनका चयन हुआ और उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 2 अर्धशतक भी लगाए। एक मैच में तो जब आधी से ज्यादा टीम मात्र 92 रन पर आउट हो चुकी थी उस दौरान रोहित ने ही संकटमोचन बनकर शानदार 91 गेंद में 86 रन की पारी खेल टीम को जीताया था।बात करें रोहित शर्मा के रिकॉर्ड की तो एक दिवसीय में रोहित शर्मा ने एक या दो नहीं बल्कि 3-3 बार दोहरा शतक जड़ने का कीर्तिमान भी अपने नाम कर रखा है. वहीं, आपको बता दें कि सुरेश रैना के बाद रोहित ही एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने क्रिकेट के सभी तीनों फॉर्मेट में शतक जड़े हैं।
इसके अलावा रोहित के नाम ऑस्ट्रेलिया में उसी के खिलाफ सर्वाधिक 171 रन बनाने का भी रिकॉर्ड दर्ज है। चूंकि रोहित शर्मा कुछ समय के लिए भारतीय टीम की कप्तानी भी कर चुके हैं और मजे की बात तो ये है कि रोहित ने अपनी कप्तानी में पहला वनडे सीरीज, पहला टी-20 सीरीज, पहली त्रिकोणीय श्रंखला और इसके अलावा पहली एशियाई सीरीज भी जीता है। सिर्फ इतना ही नहीं रोहित शर्मा ने अपनी कप्तानी में घरेलू टीम (मुंबई इंडियंस) को भी 3 बार आईपीएल का खिताब जीताया है।
बात करें टेस्ट करियर की तो 2013 में रोहित शर्मा ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट पदार्पण किया था. जिसमें उन्होंने एक के बाद एक लगातार 2 शतक लगाकर ऐसा कारनामा करने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बने। उनके पहले ऐसा सौरव गांगुली और मो.अजहरुद्दीन कर चुके हैं। हिटमैन के नाम से क्रिकेट जगत में मशहूर रोहित शर्मा को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ‘अर्जुन पुरस्कार’ भी मिल चुका है। एक दिवसीय मैच में रोहित ने सर्वश्रेष्ठ 264 रन बनाए हैं, जो कि एक विश्व कीर्तिमान है।
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