Vinesh Phogat Biography in Hindi: 2016 के रियो ओलंपिक में विनेश फोगाट को हार का सामना करना पड़ा था। उस दौरान उनकी निराशा को उनके चेहरे पर उनके प्रशंसकों ने टीवी पर ही देख लिया था। दरअसल उस दौरान उन्हें घुटने में चोट लग गई और वह फाइनल में क्वालिफाई नहीं कर पाईं थी। विनेस निराश तो हो गई थीं लेकिन इसी दौरान उन्होंने इस बात का भी फैसला कर लिया कि वह 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक में हर हाल में जीत कर दिखाएंगी। अपने इस सपने को सच करने की दिशा में विनेश ने पहली सीढ़ी चढ़ ली है। विनेश ने 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक में जाने का टिकट हासिल कर लिया है।
कैसा रहा विनेश फोगाट का प्रारंभिक जीवन

विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के बलाली गांव में हुआ। विनेश के परिवार में कुश्ती का माहौल बहुत पहले से ही रहा है। कुश्ती उनकी खानदानी परम्परा है। विनेश के पिता का देहांत विनेश के बाल अवस्था के दौरान ही हो गया था। जिसके बाद उनकी देख-रेख और पालन पोषण उनके ताऊ(चाचा) के देख रेख में हुई है। जिनका नाम माहावीर सिंह है, विनेश की चचेरी बहनों का नाम गीता, बबीता, संगीता और ऋतु है। विनेश की एक सगी बहन भी है। जिनका नाम प्रियंका है, प्रियंका अभी कुश्ती नहीं लड़ती हैं। विनेश का एक भाई भी है जो बचपन से ही कुश्ती से जुड़ा हुआ है। विनेश की प्रारंभिक शिक्षा केसीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, झोजु कलां, हरियाणा से हुई है। वहीं उन्होंने अपने कॉलेज की पढ़ाई हरियाणा स्थित रोहतक के एमडीयू कॉलेज से की है।
कुश्ती में विनेश का करियर
विनेश के कुश्ती करियर की शुरुआत साल 2009 से हुई। उन्होंने इसी साल इंदौर के अर्जुन अवॉर्डी कृपाशंकर बिश्नोई के देखरेख में ट्रेनिक लेने की शुरुआत की। साल 2013 में विनेश ने कुश्ती के खेल में जीतने का खाता खोला, उन्होंने इसी साल दिल्ली में आयोजित हुए दिल्ली एशियन गेम्स में 51 किग्रा कैटेगरी में कांस्य पदक जीता इसी साल उन्होंने जोहानसबर्ग में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भी रजक पदक जीता।
इसके बाद विनेश ने यह सिलसिला कभी रुकने नहीं दिया।
2014 में ग्लास्गो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में मैंने 48 किलोग्राम भार वर्ग में सोना अपने नाम किया तो तो 2014 में इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता। 2015 में दोहा में एशियन कुश्ती में रजत और 2016 में बैंकॉक में 53 किलोग्राम में कांस्य पदक जीता। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विनेश ने अब तक करीब 40 से भी ज्यादा पदकों को अपने नाम कर लिया है। विनेश फोगाट ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार से बहुत ज्यादा ही प्रभावित हैं। इसके अलावा वह अपनी बहनों को भी अपना आदर्श मानती हैं। विनेश का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जितने भी पहलवान पहुंचे हैं, वह सुशील कुमार के कारण ही पहुंच पाए हैं। क्योंकि हर किसी ने उन्हें अपना आदर्श माना है।
एक इंटरव्यू के दौरान विनेश ने कहा था कि उनका अगला लक्ष्य ओलंपिक खेल है, जिसके लिए तपस्या जारी है। वह अपनी कमजोरियों को दूर करने का प्रयास करते रहती हैं। वह विदेशी महिला पहलवान की वीडियो क्लीपिंग्स के आधार अपनी रणनीति बनाती रहती हैं। इससे उन्हें खुद के स्ट्रेंथ का भी पता चलता है। वह मानती हैं कि कुश्ती केवल ताकत का खेल नहीं रह गया है। इसमें स्टेमिना और स्ट्रेंथ का काफी योगदान रहता है।