हर कैरेक्टर में जान फूंक देने वाले और अपने बेहतरीन स्टंट्स से दर्शकों का दिल जीतने वाले खिलाड़ियों के खिलाड़ी अक्षय कुमार(Akshay Kumar) की फिल्म लक्ष्मी का सबको बेसब्री से इंतजार है। मूल रूप से ‘लक्ष्मी’(Laxmii Review) शीर्षक वाली हॉरर-कॉमेडी फिल्म से दर्शकों को बड़ी उम्मीदें हैं लेकिन कई फिल्म क्रिटिक की मानें तो यह एक उबाऊ हास्य फिल्म है। फिल्म में मसाले की कमी है और निश्चित रूप से यह दिवाली धमाका नहीं है। फिर भी स्टार कलाकार अपने कैरेक्टर से साथ इंसाफ औप शानदार प्रदर्शन किया। आसिफ/ लक्ष्मी के रूप में अक्षय कुमार, रश्मि के रूप में कियारा आडवाणी, मूल लक्ष्मी के रूप में शरद केलकर, राजेश शर्मा, आयशा रज़ा मिश्रा और मनु ऋषि चड्ढा सहित सभी ने दमदार अभिनय किया है।
अक्षय कुमार(Akshay Kumar) जो एक मुस्लिम कैरेक्टर (आसिफ) निभा रहे वो भूत-प्रेत में विश्वास नहीं रखते। वह विज्ञान से जुड़ा हुआ इंसान है जो दूसरे लोगों का मार्गदर्शन करने का काम भी करता है। जाति-धर्म के परे आसिफ रश्मि (कियारा आडवाणी) से प्यार करता है। क्योंकि आसिफ मुसलमान है और रश्मि हिंदू तो परिवार को ये रिश्ता नहीं भाता। दोनों भाग कर शादी कर लेते हैं, लेकिन फिर रश्मि की मां पूरे तीन साल बाद अपनी बेटी को फोन मिला घर आने को कह देती है। यहां से कहानी में नया ट्विस्ट आ जाता है। आसिफ, रश्मि संग उसके मायके पहुंच जाता है। जिस कॉलोनी में रश्मि का परिवार रहता है, उसके एक प्लॉट में भूत-प्रेत का साया बताया जाता है और शुरु होती है लक्ष्मी(Laxmii Review) की कहानी जिसे एक प्रेत-आत्मा बताया जाता है और उसकी आत्मा आसिफ में घुस जाती है जो उससे नए-नए कारनामे करवाती है।
लक्ष्मी(Laxmii Review) नासमझ है यह समस्या नहीं है बल्कि समस्या यह है कि फिल्म कॉमेडी होने के बावजूद मजाकिया नहीं है। निर्देशक राघव लॉरेंस, जो इस फिल्म के साथ अपना बॉलीवुड डेब्यू कर रहे हैं, उन्होंने फरहाद समजी की 2011 की तमिल हिट फिल्म मुनि 2: कंचना से मिलता जुलता कॉमिक सीन्स क्रिएट करने की कोशिश की है। जो एक्सपेरिमेंट बिल्कुल फ्लॉप रहा है।
यह भी पढ़े
इस फिल्म का एक मुख्य उद्देश सामाजिक संदेश देना भी है। रीति-रिवाजों के खिलाफ लक्ष्मी अपने अंदाज में इसके खिलाफ लड़ने का प्रयास करती है लेकिन उसके बावजूद ट्रांसजेंडर के हक और सम्मान देने की बात सही ढंग से प्रदर्शित नहीं हो पाई है। फिल्म में ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ-साथ हिंदू-मुस्लिम सद्भाव को लेकर होने वाली राजनीतिक पहलुओं को भी दर्शाया गया है। लेकिन फिल्म के मुख्य संदेश तक पहुंचने में बहुत देर हो जाती है और यह सही से क्लियर नहीं हो पाया है।
Benefits Of Ice On Face In Hindi: चेहरे को सुंदर बनाने के लिए लोग तरह-तरह…
Spring Roll Sheets Recipe in Hindi: स्प्रिंग रोल हर एक आयु वर्ग के लोगों के…
Shri Ram Raksha Strot Padhne Ke Fayde: सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं की पूजा…
Benefits of Roasted Chana with Jaggery In Hindi: शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए…
Benefits of Papaya Milk for Skin In Hindi: त्वचा के लिए पपीता फायदेमंद होता है…
Famous Shakti Peeth in Haryana: इस समय पूरे देश भर मे चैत्र नवरात्रि के त्यौहार…