बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती(Mayawati) ने भाजपा को समर्थन देने वाले बयान से यू-टर्न ले लिया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बसपा के प्रत्याशियों को हराने के लिए बीजेपी के पक्ष में वोटिंग करने वाले उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
मायावती(Mayawati) ने बसपा को भाजपा की ‘बी’ टीम कहे जाने पर भी सफाई दी। मायावती ने कहा कि, ‘मेरे बयान को गलत प्रचारित किया गया। बसपा की सिर्फ भाजपा के साथ जाने की बात गलत है। बीएसपी प्रमुख ने कहा है कि बीजेपी के साथ कोई भी गठबंधन करने के बजाय वे राजनीति से संन्यास लेना पसंद करेंगी। बीएसपी सुप्रीमो ने सोमवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘किसी भी चुनाव में बीजेपी के साथ बसपा का कोई भी गठबंधन भविष्य में संभव नहीं है। बीएसपी एक सांप्रदायिक पार्टी के साथ चुनाव नहीं लड़ सकती।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी विचारधारा ‘सर्वजन सर्वधर्म हिताय की है और यह बीजेपी की विचारधारा के विपरीत है। बीएसपी उनके साथ गठबंधन नहीं कर सकती जो सांप्रदायिक, जातिवादी और पूंजीवादी विचारधारा के हैं।
उन्होंने कहा कि ‘बसपा की विचारधारा सर्वधर्म हिताय सर्वधर्म सुखाय की है। इसी कारण हमने बीते लोकसभा के साथ ही विधानसभा उप चुनाव में भी सभी वर्ग के लोगों के साथ मुस्लिमों को टिकट दिया है।’
मायावती(Mayawati) ने कहा कि BSP ने विपरीत परिस्थितियों में जब कभी भाजपा से मिलकर सरकार बनाई तो भी कभी अपने स्वार्थ में विचारधारा के खिलाफ गलत कार्य नहीं किया। उन्होंने कहा कि ‘समाजवादी पार्टी जब भी सत्ता में आई तो BJP मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में BJP की मौजूदा सरकार सपा के कारण बनी है। उन्होंने याद दिलाया कि उप चुनाव में BSP ने सात सीटों में दो पर मुस्लिम उम्मीदवार उतार कर उनको प्रतिनिधित्व दिया है।
उन्होंने विस्तार में जाए बिना कहा कि ‘1995 में जब BJP के समर्थन से मेरी सरकार बनी तो मथुरा में BJP और RSS के लोग नई परंपरा शुरू करना चाहते थे लेकिन मैंने उसे शुरू नहीं होने दिया और मेरी सरकार चली गई।’
उन्होंने कहा कि ‘2003 में मेरी सरकार में जब BJP ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिए दबाव बनाया तब भी मैंने स्वीकार नहीं किया। मायावती ने कहा कि ‘बीजेपी ने सीबीआई और ईडी का भी दुरुपयोग किया लेकिन मैंने कुर्सी की चिंता नहीं की।’
उन्होंने कहा कि ‘सीबीआई और ईडी जब 2003 में मुझे परेशान कर रही थी तो उस समय कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का फोन आया था और न्याय दिलाने का वादा किया लेकिन लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार रही लेकिन कोई मदद नहीं की और मुझे अंतत: सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला।’
मायावती ने कहा कि ‘बसपा के दलित उम्मीदवार को राज्यसभा में जाने से रोकने के लिए सपा ने पूंजीवादी प्रकाश बजाज को मैदान में उतारा, इसे बसपा कभी भूलेगी नहीं।’
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इससे पहले विधान परिषद और राज्यसभा सहित भविष्य के चुनावों में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए उन्होंने कहा था कि ‘बीजेपी और अन्य पार्टियों को समर्थन देने का फैसला हमने सपा की दलित विरोधी मानसिकता को देखते हुए लिया था। जिसके लिए उनकी पार्टी बीजेपी या किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को भी वोट करने के से भी परहेज नहीं करेगी।
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