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कैसे रतन टाटा बने टाटा ग्रुप के उत्तराधिकारी, जानिए उनके जिंदगी से जुड़ी अनोखी बातें

Ratan Naval Tata Biography In Hindi: रतन नवल टाटा(28 दिसंबर 1937) एक भारतीय उद्योगपति, परोपकारी और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष है। वह 1990 से लेकर 2012 तक टाटा समूह के चेयरमैन और फिर अंतरिम चेयरमैन के रूप में अक्टूबर 2016 से लेकर फरवरी 2017 तक अपने ट्रस्टों के प्रमुख बने रहें। उन्हें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण 2000 और पद्म विभूषण 2008 से सम्मानित किया गया है। रतन नवल टाटा(Ratan Naval Tata) अपनी व्यावसायिक नैतिकता और परोपकार के लिए जाने जाते हैं।

रतन टाटा के जीवन का सफर

28 दिसंबर 2012 को उन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन वह अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष है। वह टाटा ग्रुप के सभी कंपनियों जैसे कि टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज, टाटा की, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के अध्यक्ष आज भी बने हुए हैं। जबसे उन्होंने टाटा ग्रुप का कार्यभार संभाला टाटा ग्रुप ऊंचाइयों को छूने लगी और समूह का राजस्व भी कई गुना बढ़ गया।

रतन टाटा के जीवन से जुड़ी हुई कुछ अनोखी बातें(Ratan Naval Tata Biography In Hindi)

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को भारत के सूरत शहर में हुआ था। रतन टाटा के पिता का नाम नवल टाटा था जिन्हें नवजबाई टाटा ने अपने पति रतन जी टाटा की मृत्यु के बाद गोद लिया था। 1940 में जब रतन टाटा 10 साल के थे और उनके छोटे भाई जिमी 7 साल के थे तब उनके माता-पिता अलग हो गए थे। इसके बाद दोनों भाइयों का पालन पोषण उनकी दादी द्वारा किया गया था। रतन टाटा का एक सौतेला भाई भी है जिनका नाम नोएल टाटा है।

रतन टाटा ने अपनी प्राथमिक पढ़ाई मुंबई के कैंपियन स्कूल(Campion School) से की थी और माध्यमिक पढ़ाई कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल (The Cathedral & John Connon School) से की थी। इसके बाद 1962 में उन्होंने अपना बी एस वास्तुकला में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और अंत में 1975 में उन्होंने हावर्ड बिजनेस स्कूल से अपनी एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम की पढ़ाई पूरी की।

भारत आने से पहले रतन टाटा ने लॉस एंजिलिस, कैलिफोर्निया में जोन्स और एमोंस में थोड़े समय के लिए काम किया था। 1961 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टाटा ग्रुप के साथ की थी। शुरुआत में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया था। इसके बाद वह टाटा ग्रुप के और कंपनियों के साथ जुड़ गए।

1971 में उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया था। 1981 में वह टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बन गए। 1999 में जेआरडी टाटा ने ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया था और रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी बनाया। जबसे रतन टाटा, टाटा समूह को संभालने लगे इस कंपनी ने नई ऊंचाइयों को छुआ। उनके नेतृत्व में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज और टाटा मोटर्स न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किए गए। 28 दिसंबर 2012 को रतन टाटा ने अपने कार्यभार से इस्तीफा ले लिया और उन्होंने अपनी जगह 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री को नियुक्त किया।

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हालांकि रतन टाटा अब अपने पद को छोड़ चुके हैं लेकिन वह आज भी कंपनी के कामकाज को देखते हैं। हाल ही में उन्होंने ई कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में निवेश किया है, साथ ही साथ उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर और चाइनीस मोबाइल कंपनी जिओमी में भी निवेश किया है।

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Rimjhim Dubey

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