World’s Fastest Sinking City Jakarta In Hindi: इंडोनेशिया का एक शहर जहां करीब 1 करोड़ लोग रहते हैं, तेजी से समुद्र में डूबता जा रहा है।
इंडोनेशिया(Indonesia) जल्द ही अपनी राजधानी बदलने वाला है, क्योंकि इंडोनेशिया की कैपिटल सिटी, जकार्ता(Jakarta) काफी तेजी से जावा के समुद्र में डूबती जा रही है। इसलिए इंडोनेशिया(Indonesia) की सरकार ने फैसला किया है कि इंडोनेशिया की राजधानी अब बोर्नियो द्वीप(Borneo) पर बनाई जाएगी, जो कि 1949 से अब तक इंडोनेशिया की आर्थिक राजधानी रही है।
खबरों के मुताबिक प्रस्तावित राजधानी बालिकपपन(Balikpapan) और समारिंडा के नजदीक होगी। हालांकि, पूरी राजधानी को जकार्ता से बोर्नियो में शिफ्ट करना कोई आसान काम नहीं होगा। गौरतलब है कि इंडोनेशिया को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं, लेकिन देश ने अभी तक खुद अपनी राजधानी नहीं चुनी। यह अवसर इंडोनेशिया को पहली बार मिलने वाला है कि वह स्वयं अपनी राजधानी चुन सके। इन दिनों जकार्ता प्रशासनिक, व्यापारिक, आर्थिक और सामाजिक दबाव का सामना कर रहा है, जिसे कम करना बेहद जरूरी है। हालांकि, अभी इस मुद्दे पर इंडोनेशियाई संसद की तरफ से अनुमति नहीं मिल पाई है।
दुनिया के तेजी से डूबने वाले शहरों में शामिल हुआ ‘जकार्ता‘(World’s Fastest Sinking City Jakarta In Hindi)
जकार्ता का नाम अब दुनिया के सबसे तेजी से डूबने(World’s Fastest Sinking City Jakarta In Hindi) वाले शहरों की लिस्ट में सबसे ऊपर आ चुका है। यह शहर इतनी तेजी से जावा के समुद्र की गर्त में जा रहा है कि इसके नीचे एक बड़ा दलदली इलाका बन गया है।
इंडोनेशिया के उत्तरी छोर पर समुद्र होने के कारण यहाँ हमेशा बाढ़ का खतरा बना रहता है। इसके अलावा, बहुत ज्यादा ट्रैफिक होने के कारण यहाँ वायु प्रदूषण भी अत्यधिक मात्रा में फैल चुका है। जिसके परिणाम स्वरूप इंडोनेशियाई सरकार पर अदालत में कई केस भी दर्ज हो चुके हैं।
जकार्ता के जलमग्न होने के तीन मुख्य कारण(Why Jakarta Is Sinking In Hindi)
- भूजल दोहन – जकार्ता में पीने के पानी के लिए पाइपलाइंस की व्यवस्था नहीं है, इसलिए वहां के लोग पानी पंप करने के लिए मजबूर हैं। भूजल के अत्यधिक उपयोग से इसके ऊपर की भूमि डूब जाती है और इससे भूमि धंसाव होने लगता है। यही कारण है कि भूजल का अवैध उपयोग खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
- खराब योजना – जकार्ता का शहरीकरण ही इसके डूबने का मुख्य कारण है। कंक्रीट की बनी सड़कें बारिश का पानी सोख नहीं पातीं, जिसके कारण जमीन के अंदर पानी का स्तर दिन पर दिन घटता जा रहा है। यानि पानी का निरंतर इस्तेमाल तो हो रहा है, लेकिन यह रीफिल नहीं हो पा रहा है। ऊपर से यहां के संवेदनशील तटीय क्षेत्रों की जनसंख्या विश्व स्तर पर सबसे अधिक है।
- जलवायु परिवर्तन – जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र के बढ़ते स्तर से तटीय क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार समुद्र स्तर के बढ्ने का कारण है – थर्मल विस्तार, अतिरिक्त गर्मी के कारण पानी का विस्तार और ध्रुवीय बर्फ का पिघलना।
ये सभी कारण मिलकर जकार्ता को नुकसान पहुंचा रहे हैं, क्योंकि बढ़ती शहरी आबादी पानी की मांग को बढ़ाती है और जलवायु परिवर्तन आपूर्ति को और अधिक परिवर्तनशील बनाता है। इससे भूजल दोहन आने वाले समय में और बढ़ेगा।
राजधानी शिफ्ट करने में खर्च करनी होगी मोटी रकम
खबरों के मुताबिक, इंडोनेशिया की राजधानी को जकार्ता से शिफ्ट करके बोर्नियो लाने में करीब 2.44 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा और इसमें करीब 10 साल का समय लगेगा। अभी जकार्ता में करीब 1 करोड़ की आबादी है, जो 2030 तक बढ़कर 3.50 करोड़ हो जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जकार्ता की गिनती, दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले मेट्रोपॉलिटन शहरों में की जाती है और बोर्नियो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा द्वीप है। इसके उत्तरी भाग का कुछ हिस्सा, मलेशिया और ब्रुनेई में भी आता है। इस द्वीप पर असंख्य वर्षावन हैं, जिनकी तेजी से होती कटाई भी समस्या का विषय बनी हुई है।
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क्या है बोर्नियो को राजधानी के लिए चुनने का कारण
इसी साल यानि 2021 से बोर्नियो द्वीप पर पूर्वी कालिमंतन प्रांत के पेनाजम पासेर उतारा और कुताई कार्तानेगारा के बीच नई राजधानी बनाने की शुरुआत की जाएगी। 2023 तक इसे बनाकर 2024 में शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू करने का प्लान बनाया गया है। कालिमंतन प्रांत में प्राकृतिक आपदाएं बेहद कम आती हैं व इस प्रांत में राजधानी बनने से इसका विकास होगा और जावा इलाके में खाद्य सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा। राजधानी बनाने की लागत कम करने के लिए इंडोनेशियाई सरकार निजी सेक्टर से भी समझौता कर सकती है।