Coronavirus Patients: कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में करीबन 54 लाख लोग संक्रमित हैं और तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हर देश इस वायरस का वैक्सीन बनाने में जुटा है लेकिन अभी तक किसी भी देश को इससे जुड़ी सफलता हासिल नहीं हो पाई है। अब हाल ही में एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस से जुड़ी एक और जानकारी सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार एक नियत दिन के बाद कोरोना के मरीजों से इस वायरस का फैलाव बंद हो जाता है। यहाँ हम आपको इसी बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं आखिर इस नई रिपोर्ट में क्या है ख़ास।
एक हालिया वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों के शरीर से ग्यारह दिनों के बाद इस वायरस का फैलाव नहीं होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सिंगापुर नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शन डिजीज अकेडमी की एक स्टडी के अनुसार, कोरोना वायरस के बारे में अब तक दुनिया को यही जानकारी थी कि, इस वायरस से संक्रमित लोगों से वायरस का फैलाव अगले काफी दिनों तक रहता है। लेकिन इस वैज्ञानिक स्टडी के अनुसार कोरोना वायरस किसी भी संक्रमित मरीज की शरीर से 11 दिनों तक ही किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। बता दें कि, इस बारे में सिंगापुर वैज्ञानिक रिसर्च संस्था का यह भी कहना है कि, किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखने के दो दिनों पहले से भी ये वायरस अन्य व्यक्तियों को अपनी चपेट में ले सकता है। कोरोना मरीजों में कोविड 19 के लक्षण दिखने के लगभग सात से दस दिनों बाद भी इसके फैलाव की संभावना रहती है। सिंगापुर नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शन डिजीज अकेडमी ने बीते दिनों 73 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर एक स्टडी की है जिस दौरान उन्हें इस बारे में पता चल कि, ये वायरस पॉजिटिव मरीजों के शरीर से ग्यारह दिनों के बाद फैलना बंद कर देता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सिंगापुर नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शन डिजीज अकेडमी की इस रिपोर्ट के बाद कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अब हॉस्पिटल से जल्द डिस्चार्ज करने पर फैसला लिया जा सकता है। इस स्टडी के आधार पर यह भी पता लगाया गया है कि, किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखने के एक हफ्ते के बाद उन मरीजों में एक्टिव वायरल रेप्लिकेशन काफी हद तक घटने लगता है। फिलहाल अमेरिका सहित अन्य देशों में भी जब तक किसी भी कोविड 19 पेशेंट की रिपोर्ट नेगेटिव ना जाए तब तक उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज नहीं किया जाता है। बता दें कि, सिंगापुर के इस संस्था के डायरेक्टर लियो यी सिन का सी बारे में कहना है कि, चूँकि हमारी स्टडी का सैंपल साइज काफी छोटा है, लेकिन इसके वाबजूद भी हम अपनी स्टडी पर पूरी विश्वास रखते हैं। उनका कहना है कि, अगर इस स्टडी का सैंपल साइज बड़ा होता तब भी रिजल्ट सामान ही मिलते। गौरतलब है कि, इस स्टडी का सैंपल साइज छोटा होने की वजह से बहुत से देश इस रिपोर्ट पर गौर नहीं कर रहे हैं।
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